संयुक्त राष्ट्र : पाकिस्तान ने एक बार फिर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया. उसने कहा कि भारत को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के फैसले को वापस लेना चाहिए और मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए उसके (पाकिस्तान) साथ बातचीत भी करनी चाहिए.
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की आम बहस में अपने भाषण में जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया. साथ ही उन्होंने अनुच्छेद 370 और आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी का संदर्भ का भी उल्लेख किया.
Father of our nation,Quaid-e-Azam Muhammad Ali Jinnah, declared in 1947 that, “we stand by the United Nations Charter, and, will gladly make, our full contribution, to peace and prosperity, of the world.” Pakistan has stood by this commitment unwaveringly.
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) September 27, 2024
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उन्होंने कश्मीर के बारे में बात करते हुए कहा कि फिलस्तीन के लोगों की ही तरह जम्मू कश्मीर के लोगों ने भी अपनी आजादी और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए एक सदी तक संघर्ष किया है. पाक पीएम ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के भारत के निर्णय का हवाला देते हुए कि स्थायी शांति के लिए भारत को अगस्त 2019 के एकतरफा और अवैध कदमों को वापस लेना चाहिए. साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रस्तावों तथा कश्मीरी आवाम की इच्छा के अनुरूप जम्मू कश्मीर के मुद्दे के शांतिपूर्ण हल के लिए बातचीत शुरू करनी चाहिए.
शहबाज शरीफ ने आरोप लगाया कि शांति की दिशा में आगे बढ़ने के जगह भारत जम्मू-कश्मीर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने से पीछे हट गया है. उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए जनमत संग्रह कराने की बात कहीं गई है. उन्होंने कहा कि कि इस्लामोफोबिया का बढ़ना ऐसा वैश्विक घटनाक्रम है जो चिंता का विषय है. शरीफ ने कहा कि भारत में हिंदू श्रेष्ठतावादी एजेंडा इस्लामोफोबिया की चिंताजनक अभिव्यक्ति है.
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