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पाकिस्तान में चीनी नागरिक नहीं हैं सुरक्षित, पहले भी हुए हैं कई हमले - attacks on Chinese Nationals - ATTACKS ON CHINESE NATIONALS

Major attacks on Chinese Nationals in Pakistan : पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले जारी हैं. पाकिस्तान की आर्मी चीनी नागरिकों की सुरक्षा करने में अहम भूमिका निभाती है. इसके बावजूद आर्मी उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाती है. आइए एक नजर डालते हैं, पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर.

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सांकेतिक तस्वीर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 26, 2024, 7:17 PM IST

हैदराबाद : चीन ने 2015 में चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरिडोर की घोषणा की थी. यह बलूचिस्तान इलाके से गुजरता है. सीपीईसी के तहत चीन ने पाकिस्तान में कई प्रोजेक्ट्स को चला रखा है. सीपीईसी चीन की महत्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का एक हिस्सा है. इसके तहत पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन के जिनजियांग प्रांत से जोड़ना है.

दरअसल, चीन की नजर बलूचिस्तान के खनिजों पर टिकी है. बलूचिस्तान में कॉपर, गोल्ड, गैस और कोयला बड़ी मात्रा है. प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी आर्मी लगी हुई है. जिस तरह से पाकिस्तान ने बलूचिस्तान को जबरदस्ती अपने कब्जे में रखा है, उसी तरह से चीन के जिनजियांग प्रांत के मुस्लिमों को दबाकर रखा है. वहां भी आए दिन विद्रोह होते रहते हैं, लेकिन चीनी सैनिक उनका दमन कर देते हैं. बलूचिस्तान के नागरिक और वहां के युवा अपने क्षेत्र को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से लगातार संघर्षरत हैं.

पेश है पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हुए हमले का ब्योरा.

  • 20.03.2024: बंदूकों और बमों से लैस बलूच विद्रोहियों ने ग्वादर बंदरगाह पर किया हमला. यह बंदरगाह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा का प्रमुख केंद्र है. सात की मौत. 13.08.2023: 13 अगस्त को अज्ञात उग्रवादियों ने चीनियों के काफिले पर हमला किया. हमला पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में किया गया. तीन सुरक्षा अधिकारियों की मौत. दो हमलावर मारे गए, तीन घायल. कोई भी चीनी नागरिक हताहत नहीं.
  • 26 अप्रैल 2022- कराची में एक महिला आत्मघाती हमलावर ने तीन चीनी शिक्षकों की हत्या कर दी.
  • 14 जुलाई 2021- चीनी श्रमिकों को ले जा रही एक बस में विस्फोट. नौ चीनी नागरिकों की मौत. चार अन्य नागरिकों की मौत.
  • 29 जून 2020 - बीएलए ने पाकिस्तान के स्टॉक एक्सचेंज पर हमले की जिम्मेदारी ली. हमले का उद्देश्य बलूचिस्तान में चीनी शोषणकारी योजनाओं का विरोध करना था.
  • 2019 - ग्वादर में पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल में चीनी पर्यटकों पर हमला.
  • नवंबर 2018: तीन बंदूकधारियों ने चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला करने की कोशिश की. दो पाकिस्तानी पुलिसकर्मियों और दो नागरिकों की हत्या. हमलावर भी मारे गए.
  • अगस्त 2018: चीनी श्रमिकों को निशाना बनाकर पहला आत्मघाती हमला हुआ. बलूचिस्तान के दलबंदिन में हुआ हमला. तीन चीनी इंजीनियर की मौत. हमलावरों में बीएलए कमांडर असलम बलूच के एक बेटे का नाम आया सामने.
  • फरवरी, 2018: चीनी शिपिंग कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी की गोली मारकर हत्या. हमला कराची में किया गया था.
  • मई, 2017 - दो चीनी नागरिकों का अपहरण. बाद में क्वेटा में उनकी हत्या कर दी गई.
  • जुलाई 2007 - अज्ञात बंदूकधारियों ने तीन चीनी श्रमिकों की हत्या की. पेशावर के पास एक अन्य चीनी नागरिक को किया घायल.
  • फरवरी 2006 - तीन चीनी इंजीनियरों की सीमेंट फैक्ट्री में गोली मारकर हत्या.
  • मई 2004: पाकिस्तान के अंदर चीनी नागरिकों पर पहला रिकॉर्डेड हमला. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के आत्मघाती हमले में तीन चीनी इंजीनियर और एक स्थानीय नागरिक की मौत. इंजीनियर ग्वादर बंदरगाह पर कर रहे थे काम.

ये भी पढ़ें : पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में आत्मघाती हमले में छह चीनी नागरिक मारे गए

हैदराबाद : चीन ने 2015 में चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरिडोर की घोषणा की थी. यह बलूचिस्तान इलाके से गुजरता है. सीपीईसी के तहत चीन ने पाकिस्तान में कई प्रोजेक्ट्स को चला रखा है. सीपीईसी चीन की महत्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का एक हिस्सा है. इसके तहत पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन के जिनजियांग प्रांत से जोड़ना है.

दरअसल, चीन की नजर बलूचिस्तान के खनिजों पर टिकी है. बलूचिस्तान में कॉपर, गोल्ड, गैस और कोयला बड़ी मात्रा है. प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी आर्मी लगी हुई है. जिस तरह से पाकिस्तान ने बलूचिस्तान को जबरदस्ती अपने कब्जे में रखा है, उसी तरह से चीन के जिनजियांग प्रांत के मुस्लिमों को दबाकर रखा है. वहां भी आए दिन विद्रोह होते रहते हैं, लेकिन चीनी सैनिक उनका दमन कर देते हैं. बलूचिस्तान के नागरिक और वहां के युवा अपने क्षेत्र को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से लगातार संघर्षरत हैं.

पेश है पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हुए हमले का ब्योरा.

  • 20.03.2024: बंदूकों और बमों से लैस बलूच विद्रोहियों ने ग्वादर बंदरगाह पर किया हमला. यह बंदरगाह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा का प्रमुख केंद्र है. सात की मौत. 13.08.2023: 13 अगस्त को अज्ञात उग्रवादियों ने चीनियों के काफिले पर हमला किया. हमला पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में किया गया. तीन सुरक्षा अधिकारियों की मौत. दो हमलावर मारे गए, तीन घायल. कोई भी चीनी नागरिक हताहत नहीं.
  • 26 अप्रैल 2022- कराची में एक महिला आत्मघाती हमलावर ने तीन चीनी शिक्षकों की हत्या कर दी.
  • 14 जुलाई 2021- चीनी श्रमिकों को ले जा रही एक बस में विस्फोट. नौ चीनी नागरिकों की मौत. चार अन्य नागरिकों की मौत.
  • 29 जून 2020 - बीएलए ने पाकिस्तान के स्टॉक एक्सचेंज पर हमले की जिम्मेदारी ली. हमले का उद्देश्य बलूचिस्तान में चीनी शोषणकारी योजनाओं का विरोध करना था.
  • 2019 - ग्वादर में पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल में चीनी पर्यटकों पर हमला.
  • नवंबर 2018: तीन बंदूकधारियों ने चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला करने की कोशिश की. दो पाकिस्तानी पुलिसकर्मियों और दो नागरिकों की हत्या. हमलावर भी मारे गए.
  • अगस्त 2018: चीनी श्रमिकों को निशाना बनाकर पहला आत्मघाती हमला हुआ. बलूचिस्तान के दलबंदिन में हुआ हमला. तीन चीनी इंजीनियर की मौत. हमलावरों में बीएलए कमांडर असलम बलूच के एक बेटे का नाम आया सामने.
  • फरवरी, 2018: चीनी शिपिंग कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी की गोली मारकर हत्या. हमला कराची में किया गया था.
  • मई, 2017 - दो चीनी नागरिकों का अपहरण. बाद में क्वेटा में उनकी हत्या कर दी गई.
  • जुलाई 2007 - अज्ञात बंदूकधारियों ने तीन चीनी श्रमिकों की हत्या की. पेशावर के पास एक अन्य चीनी नागरिक को किया घायल.
  • फरवरी 2006 - तीन चीनी इंजीनियरों की सीमेंट फैक्ट्री में गोली मारकर हत्या.
  • मई 2004: पाकिस्तान के अंदर चीनी नागरिकों पर पहला रिकॉर्डेड हमला. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के आत्मघाती हमले में तीन चीनी इंजीनियर और एक स्थानीय नागरिक की मौत. इंजीनियर ग्वादर बंदरगाह पर कर रहे थे काम.

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