दोहा/तेल अवीव: मिडिल ईस्ट में जारी संघर्ष पर अमेरिका, भारत समेत पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद-अल थानी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, मध्य पूर्व संकट को 'सामूहिक नरसंहार' करार दिया. शेख तमीम बिन हमद ने कहा कि, उनका देश हमेशा से इजराइल को लेकर चेतावनी देता रहा है. उन्होंने दोहा में आयोजित एशिया सहयोग वार्ता शिखर सम्मेलन (एसीडी) के दौरान यह बात कही.
बता दें कि, ईरान ने हिजबुल्लाह नेताओं की हत्या का इजराइल से प्रतिशोध लेने के लिए उस पर 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. इजराइल के खिलाफ ईरान की इस जोरदार प्रतिक्रिया से पूरा विश्व अचंभित हो गया. वहीं इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तुरंत इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, इजराइल ईरान के खिलाफ सही समय पर कठोर जवाबी कार्रवाई करेगा. इजराइल ने सुरक्षा मंत्रिमंडल की बैठक में साफ कर दिया कि, जो कोई उस पर हमला करेगा, वह उस पर जवाबी कार्रवाई करेगा.
From the speech of His Highness The Amir Sheikh Tamim bin Hamad Al Thani at the Opening of the Asian Cooperation Dialogue Summit#MOFAQatar pic.twitter.com/ZDQTPPzvJQ
— Ministry of Foreign Affairs - Qatar (@MofaQatar_EN) October 3, 2024
वहीं, अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने कहा कि, यह अब स्पष्ट हो गया है कि जो हो रहा है वह नरसंहार है, इसके अलावा गाजा पट्टी को इंसानी रिहाइश के लायक नहीं छोड़ने की दिशा में काम किया जा रहा है, ताकि वहां के लोगों को वहां से विस्थापित किया जा सके.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इजरायल ने गाजा में नरसंहार करने के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई है, जहां उसने एक साल पहले हमास के आतंकवादियों द्वारा दक्षिणी इजरायली शहरों पर हमला करने के बाद जवाबी कार्रवाई किया था. इस हमले में 1,200 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक बंधकों को पकड़ लिया गया था. हमास द्वारा संचालित क्षेत्र में स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमले के दौरान 41,500 से अधिक गाजावासी मारे गए हैं.
इस सप्ताह, इजराइल ने ईरान समर्थित लेबनानी आंदोलन हिजबुल्लाह के खिलाफ लेबनान में जमीनी आक्रमण शुरू किया, जो फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इजराइल पर गोलीबारी कर रहा है.
अमीर तमीम ने इजराइली हमलों की निंदा की
अमीर तमीम ने लेबनान पर इजराइली सैन्य अभियानों की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि "भाईचारे वाले लेबनानी गणराज्य" के खिलाफ इजराइली हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. दूसरी तरफ इजराइल ने गाजा में नरसंहार संबंधी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. एशिया सहयोग वार्ता शिखर सम्मेलन के भाषण में अल थानी ने कहा, "बिना शांति के सुरक्षा हासिल नहीं की जा सकती और ये 4 जून, 1967 से पहले जैसी स्थिति में एक स्वतंत्र फिलस्तीनी देश के बिना संभव नहीं, जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम हो, ये अंतरराष्ट्रीय कानून और अरब शांति पहल के संकल्पों के मुताबिक हो." उन्होंने कहा, "कतर फिलिस्तीन के अधिकारों को कायम रखने और वहां के लोगों को कानूनी अधिकार मिलने का समर्थन करना जारी रखेगा."
"मध्य पूर्व युद्ध की शुरुआत हो चुकी है", रान पोराट ने कहा
वहीं दूसरी तरफ पीटीआई के हवाले से, द ऑस्ट्रेलियन सेंटर फॉर ज्यूस सिविलाइजेशन, मोनाश विश्वविद्यालय के सहयोगी शोधकर्ता रान पोराट का कहना है कि, लंबे समय से आशंका जताई जा रही मध्य पूर्व युद्ध की शुरुआत हो चुकी है. अब इजरायल ईरान पर इस तरह से पलटवार कर सकता है.
रान पोराट ने कहा, लगभग एक साल पहले गाजा में शुरू हुआ संघर्ष पूरे मध्य पूर्व में फैल गया है, जिसमें इजराइल अपनी सीमाओं से दूर देशों और समूहों से लड़ रहा है. इसके वैश्विक निहितार्थ भी हैं. जैसा कि इस सप्ताह के ईरानी हमले से पता चलता है, संघर्ष एक तरफ इजराइल और उसके पश्चिमी सहयोगियों और दूसरी तरफ रूस और चीन द्वारा समर्थित ईरान और उसके सहयोगियों के बीच सीधा टकराव बन गया हैय वाशिंगटन ने इजराइल को सैन्य सहायता और कूटनीतिक कवर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जबकि मास्को ने ईरान को लड़ाकू जेट और वायु रक्षा तकनीक भेजने का वचन दिया है. यह यूक्रेन में अपने स्वयं के युद्ध के लिए ईरानी हथियार भी खरीद रहा है, जिससे तेहरान को बहुत जरूरी नकदी मिल रही है. इसके अलावा, इज़राइल वर्तमान में कई मोर्चों पर लगा हुआ है.
40 हजार से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए
सबसे पहले, गाजा में इसका युद्ध जारी है, जहां 40 हजार से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. हमास एक कम-कामकाजी गुरिल्ला संगठन में सिमट गया है, लेकिन अभी भी विस्थापित फिलिस्तीनी आबादी पर कुछ नियंत्रण रखता है. पश्चिमी तट पर, इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) ईरानी हथियारों और स्थानीय आतंकवादियों को दिए जाने वाले धन से प्रेरित आतंकवादी हमलों में वृद्धि का मुकाबला करने के लिए सैन्य अभियान चला रहे हैं.
ईरान इजराइल संघर्ष ने बढ़ाई टेंशन!
इस बीच, ईरान के अन्य प्रॉक्सी समूह, इराक और सीरिया में शिया मिलिशिया और यमन में हौथी विद्रोही, अभी भी इजरायल के खिलाफ मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं. इजराइल और अमेरिका दोनों ने यमन में हौथियों पर जवाबी हमला किया है, हालांकि, सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई लेबनान में है. 8 अक्टूबर 2023 को, दक्षिणी इजरायल में हमास के उत्पात के एक दिन बाद, जिसके परिणामस्वरूप 1,200 लोग मारे गए और 200 से अधिक इजराइलियों को गाजा में अगवा कर लिया गया, हिजबुल्लाह ने हमास के साथ एकजुटता दिखाते हुए, बिना उकसावे के इजराइल पर रॉकेट और अन्य हथियार दागना शुरू कर दिया.
इसने सीमा के पास 60,000 से अधिक इजराइलियों को अपने घरों से भागने पर मजबूर कर दिया है. दो सप्ताह पहले, इजराइल ने एक निर्णायक कदम उठाया. नेतन्याहू ने कथित तौर पर हिजबुल्लाह द्वारा इस्तेमाल किए गए हजारों पेजर और वॉकी-टॉकी को विस्फोट करने का आदेश दिया, क्योंकि उन्हें डर था कि ऑपरेशन के उजागर होने का खतरा है.
इसके बाद IDF ने हिजबुल्लाह के 150,000 मिसाइलों, रॉकेट और ड्रोन के अनुमानित शस्त्रागार को कम करने के उद्देश्य से एक बड़े पैमाने पर हवाई अभियान चलाया. इसके बाद इसने लेबनान में जमीनी घुसपैठ की, जिसमें हिजबुल्लाह के कुलीन राडवान बल द्वारा गढ़े गए ठिकानों को निशाना बनाया गया. इसका लक्ष्य हिजबुल्लाह को उत्तरी इजराइल पर आक्रमण करने और 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए अत्याचारों को दोहराने से रोकना है. इजराइली अभियानों के परिणामस्वरूप लगभग दस लाख लेबनानी लोगों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
जवाबी हमला करने के लिए इजराइल के विकल्प
अब, ईरान इस सप्ताह कथित तौर पर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च करने के साथ सीधे जंग में शामिल हो गया है. इजराइल की उन्नत एंटी-मिसाइल रक्षा प्रणालियों ने, अमेरिका, जॉर्डन और अन्य देशों की सहायता से, अधिकांश प्रोजेक्टाइल को रोक दिया.
रान पोराट ने कहा, यह हाल के महीनों में इजराइल के खिलाफ ईरान द्वारा किया गया दूसरा सीधा हमला था. पहले हमले में कथित तौर पर इस्फ़हान में एक परमाणु सुविधा की रक्षा करने वाली ईरानी वायु रक्षा प्रणाली पर इजराइल द्वारा सीमित जवाबी कार्रवाई की गई थी. इस बार इजरायल की जवाबी कार्रवाई का पूरा दायरा और प्रभाव लेखन के समय अज्ञात है. समाचार एजेंसी पीटीआई हवाले से रान पोराट के मुताबिक, एक बात जो तेहरान को बहुत चिंतित करता है, वह यह है कि इजराइल, अमेरिका के साथ मिलकर, उसके महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बना सकता है.
इसमें उसके संचार और परिवहन नेटवर्क, वित्तीय संस्थान और तेल उद्योग (विशेष रूप से वे सुविधाएं जो शक्तिशाली इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प के वित्तपोषण तंत्र का हिस्सा हैं) शामिल हो सकते हैं. यह ईरान के भीतर अराजकता पैदा कर सकता है, जिससे शासन के अस्तित्व को खतरा हो सकता है. तेहरान में शासन परिवर्तन को मजबूर करना बेहद मुश्किल होगा, लेकिन ईरानी नेतृत्व कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहता है. कथित तौर पर इसने सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को किसी भी हत्या के प्रयास को रोकने के लिए सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है.
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