वाशिंगटन : वर्जीनिया में एक संघीय जूरी ने दो सप्ताह की सुनवाई के बाद, एक भारतीय अमेरिकी दंपति को एक गैस स्टेशन और व सुविधा स्टोर पर जबरन श्रम कराने की साजिश का दोषी ठहराया है. 30 वर्षीय हरमनप्रीत सिंह व 43 वर्षीय कुलबीर कौर को 8 मई को सजा सुनाई जाएगी, जिन्होंने अपने रिश्तेदार को अपने स्टोर पर श्रम और सेवाएं प्रदान करने के लिए मजबूर किया. जिसमें भोजन तैयार करना, कैशियर के रूप में काम करना, सफाई करना व स्टोर रिकॉर्ड प्रबंधित करना शामिल था. ऐसे मामलों में अधिकतम 20 साल की जेल, पांच साल तक की निगरानी में रिहाई, 250000 अमेरिकी डॉलर तक का जुर्माना और जबरन श्रम के आरोप के लिए अनिवार्य क्षतिपूर्ति का प्रावधान है.
न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग के सहायक अटॉर्नी जनरल क्रिस्टन क्लार्क ( Kristen Clarke ) ने कहा कि सिंह दंपति ने पीड़ित के विश्वास और संयुक्त राज्य अमेरिका- USA में स्कूल जाने की उसकी इच्छा का शोषण किया, और फिर उसके खिलाफ शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न किया, यह सब इसलिए किया ताकि वे उसे अपने लाभ के लिए काम पर रख सकें. न्याय विभाग ने बताया कि सिंह दंपति ने पीड़ित के आव्रजन दस्तावेजों ( Immigration documents ) को जब्त करने, पीड़ित को शारीरिक शोषण, बल प्रयोग व अन्य गंभीर नुकसान पहुंचाने की धमकियां देने और कभी-कभी अपमानजनक स्थिति में रहने, उसे न्यूनतम वेतन के लिए व्यापक घंटों तक काम करने के लिए मजबूर करने सहित विभिन्न बलपूर्वक तरीकों का इस्तेमाल किया.
मामले में हुआ न्याय
वर्जीनिया के पूर्वी जिले के लिए अमेरिकी अटॉर्नी जेसिका डी अबेर ने कहा कि ये प्रतिवादी एक गंभीर प्रलोभन ( Bait-and-switch ) में लगे हुए थे, सिंह दंपति ( Harmanpreet Singh , Kulbir Kaur ) ने पीड़ित को संयुक्त राज्य अमेरिका में शिक्षा के झूठे वादे का लालच दिया. शिक्षा के बजाय उसे भीषण घंटों, अपमानजनक रहने की स्थिति और मानसिक और शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ा. Attorney Jessica D Aber ने कहा, जबरन मजदूरी व मानव तस्करी घृणित अपराध हैं जिनका हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है और मैं यह सुनिश्चित करने के लिए अभियोजकों, एजेंटों और सहायक कर्मचारियों की हमारी टीम की आभारी हूं कि इस मामले में न्याय हुआ.
संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया कि 2018 में, प्रतिवादियों ने पीड़ित को, जो उस समय नाबालिग था, स्कूल में दाखिला दिलाने में मदद करने के झूठे वादे के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा करने के लिए फुसलाया. USA पहुंचने के बाद, प्रतिवादियों ने उसके आव्रजन दस्तावेज ले लिए और तुरंत उसे काम पर रख लिया. सिंह दंपति ने कई मौकों पर पीड़ित को कई दिनों तक बैक ऑफिस में सोने के लिए स्टोर पर छोड़ दिया, भोजन तक उसकी पहुंच सीमित कर दी, चिकित्सा देखभाल या शिक्षा प्रदान करने से इनकार कर दिया. स्टोर व दुकान दोनों जगह पीड़ित की निगरानी के लिए निगरानी उपकरणों का इस्तेमाल किया.
सिंह दंपति ने, पीड़ित द्वारा भारत लौटने के उसके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और उसे अपने वीजा की अवधि से अधिक समय तक रुकने के लिए कहा. अदालती दस्तावेजों के अनुसार, सबूतों से पता चला कि जब पीड़ित ने अपने आव्रजन दस्तावेज वापस मांगे और जाने की कोशिश की तो सिंह ने उसके बाल खींचे, उसे थप्पड़ और लात मारी और तीन अलग-अलग मौकों पर पीड़ित को एक दिन की छुट्टी लेने व भारत जाने की कोशिश करने पर रिवॉल्वर से धमकाया. Virginia latest news , USA latest news .