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फ्रांस के पहले दौर के चुनावों में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पिछड़े, धुर दक्षिणपंथी पार्टी की धमाकेदार जीत - FRENCH PARLIAMENTARY ELECTION 2024

French parliamentary election 2024: फ्रांस के पहले दौर के चुनावों में धुर दक्षिणपंथी मरीन ले पेन की पार्टी को धमाकेदार जीत मिली है. इसी के साथ राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की विदाई तय मानी जा रही है. नाजी युग के बाद पहली बार धुर-दक्षिणपंथियों के हाथ में सत्ता जाती हुई दिख रही है. हालांकि, पहले दौर में पिछड़ने के बाद भी मैक्रों ने 2027 में होने वाले अगले राष्ट्रपति चुनाव तक सेवा करने की प्रतिबद्धता जताई है.

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फोटो (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 1, 2024, 3:27 PM IST

पेरिस: फ्रांस के पहले दौर के चुनावों में धुर दक्षिणपंथी मरीन ले पेन की पार्टी को धमाकेदार जीत मिली है. फ्रांस में सोमवार को वोटिंग के रिजल्ट जारी किए गए. परिणाम के मुताबिक, दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली ने इमैनुएल मैक्रों कr रेनेसां पार्टी को पहले दौर में पछाड़ दिया है. इसी के साथ राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की विदाई तय मानी जा रही है. हालांकि, पहले दौर में पिछड़ने के बाद भी मैक्रों ने 2027 में होने वाले अगले राष्ट्रपति चुनाव तक सेवा करने की प्रतिबद्धता जताई है.

फ्रांस की मरीन ले पेन की धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली मैक्रों से आगे
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती अनुमान में फ्रांस की मरीन ले पेन की धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली (आरएन) पार्टी ने फ्रांसीसी संसदीय चुनावों के पहले दौर में बढ़त ले ली है, जिससे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पार्टी तीसरे स्थान पर आ गई है. आईपीएसओएस के शुरुआती अनुमानों के अनुसार नेशनल रैली (आरएन) के नेतृत्व वाला धुर दक्षिणपंथी गठबंधन 34 फीसदी वोट के साथ पहले स्थान पर है, जबकि वामपंथी गठबंधन 28.1 फीसदी वोट के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि मैक्रां की रेनेसां पार्टी 20.3 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है और पीछे चल रही है.

दूसरे दौर में क्या होगा
जैसा कि सीएनएन ने बताया है, अनुमानों से पता चला है कि अगले रविवार को दूसरे दौर के मतदान के बाद, आरएन 577 सीटों वाली नेशनल असेंबली में 230 से 280 सीटों के बीच जीत हासिल करेगी, जो पूर्ण बहुमत के लिए आवश्यक 289 से कम है. वामपंथी गठबंधन, हाल ही में बने न्यू पॉपुलर फ्रंट (एनएफपी) के पास 125 से 165 सीटें होंगी, जबकि मैक्रों की पार्टी और उसके सहयोगियों के पास 70 से 100 के बीच सीटें हो सकती हैं. नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 289 सीटें जीतना जरूरी है.

पहले दौर के चुनाव परिणाम में पिछड़े मैक्रों
इस अनुमान का अर्थ यह है कि आरएन, जिससे ली पेन ने अपने पिता जीन-मैरी ली पेन के दशकों के नेतृत्व में पनपे नस्लवाद और यहूदी-विरोधी भावना को समाप्त करने का प्रयास किया है, अगले रविवार को होने वाले दूसरे दौर के मतदान से पहले पहले की तुलना में सत्ता के अधिक निकट पहुंच गई हैं. वहीं मौजूदा राष्ट्रपति मैक्रों पहले दौर में पिछड़ गए हैं.

मरीन ले पेन की पार्टी ने जश्न मनाया
इसके अलावा, सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, पहले दौर के वोटिंग रिजल्ट के बाद उत्तरी शहर हेनिन ब्यूमोंट में आरएन पार्टी ने जश्न मनाया. सीएनएन के मुताबिक, पहले दौर के परिणाम सामने आने के बाद मैक्रों ने 2027 में होने वाले अगले राष्ट्रपति चुनाव तक सेवा करने की प्रतिबद्धता जताई है. बता दें कि, चुनावी प्रक्रिया में दो दौर शामिल हैं. वर्तमान पहला दौर, जिसमें क्षेत्र सीमित हो जाता है, और दूसरा दौर, जिसमें उम्मीदवार संसदीय सीटों को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक बहुमत के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं. CNN के अनुसार, उम्मीदवारों को दूसरे दौर में आगे बढ़ने के लिए 12.5 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल करने होंगे, जहां अंतिम परिणाम तय किए जाएंगे.

बता दें कि, फ्रांस की संसद का कार्यकाल 2027 में खत्म होना था, हालांकि यूरोपीय संघ में बड़ी हार के कारण राष्ट्रपति मैक्रों ने समय से पहले इसी महीने संसद भंग कर दिया था.

ये भी पढ़ें: फ्रांस में संसदीय चुनावों के लिए मतदान जारी, जानें कौन-कौन है रेस में? क्या लगा है दांव पर?

पेरिस: फ्रांस के पहले दौर के चुनावों में धुर दक्षिणपंथी मरीन ले पेन की पार्टी को धमाकेदार जीत मिली है. फ्रांस में सोमवार को वोटिंग के रिजल्ट जारी किए गए. परिणाम के मुताबिक, दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली ने इमैनुएल मैक्रों कr रेनेसां पार्टी को पहले दौर में पछाड़ दिया है. इसी के साथ राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की विदाई तय मानी जा रही है. हालांकि, पहले दौर में पिछड़ने के बाद भी मैक्रों ने 2027 में होने वाले अगले राष्ट्रपति चुनाव तक सेवा करने की प्रतिबद्धता जताई है.

फ्रांस की मरीन ले पेन की धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली मैक्रों से आगे
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती अनुमान में फ्रांस की मरीन ले पेन की धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली (आरएन) पार्टी ने फ्रांसीसी संसदीय चुनावों के पहले दौर में बढ़त ले ली है, जिससे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पार्टी तीसरे स्थान पर आ गई है. आईपीएसओएस के शुरुआती अनुमानों के अनुसार नेशनल रैली (आरएन) के नेतृत्व वाला धुर दक्षिणपंथी गठबंधन 34 फीसदी वोट के साथ पहले स्थान पर है, जबकि वामपंथी गठबंधन 28.1 फीसदी वोट के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि मैक्रां की रेनेसां पार्टी 20.3 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है और पीछे चल रही है.

दूसरे दौर में क्या होगा
जैसा कि सीएनएन ने बताया है, अनुमानों से पता चला है कि अगले रविवार को दूसरे दौर के मतदान के बाद, आरएन 577 सीटों वाली नेशनल असेंबली में 230 से 280 सीटों के बीच जीत हासिल करेगी, जो पूर्ण बहुमत के लिए आवश्यक 289 से कम है. वामपंथी गठबंधन, हाल ही में बने न्यू पॉपुलर फ्रंट (एनएफपी) के पास 125 से 165 सीटें होंगी, जबकि मैक्रों की पार्टी और उसके सहयोगियों के पास 70 से 100 के बीच सीटें हो सकती हैं. नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 289 सीटें जीतना जरूरी है.

पहले दौर के चुनाव परिणाम में पिछड़े मैक्रों
इस अनुमान का अर्थ यह है कि आरएन, जिससे ली पेन ने अपने पिता जीन-मैरी ली पेन के दशकों के नेतृत्व में पनपे नस्लवाद और यहूदी-विरोधी भावना को समाप्त करने का प्रयास किया है, अगले रविवार को होने वाले दूसरे दौर के मतदान से पहले पहले की तुलना में सत्ता के अधिक निकट पहुंच गई हैं. वहीं मौजूदा राष्ट्रपति मैक्रों पहले दौर में पिछड़ गए हैं.

मरीन ले पेन की पार्टी ने जश्न मनाया
इसके अलावा, सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, पहले दौर के वोटिंग रिजल्ट के बाद उत्तरी शहर हेनिन ब्यूमोंट में आरएन पार्टी ने जश्न मनाया. सीएनएन के मुताबिक, पहले दौर के परिणाम सामने आने के बाद मैक्रों ने 2027 में होने वाले अगले राष्ट्रपति चुनाव तक सेवा करने की प्रतिबद्धता जताई है. बता दें कि, चुनावी प्रक्रिया में दो दौर शामिल हैं. वर्तमान पहला दौर, जिसमें क्षेत्र सीमित हो जाता है, और दूसरा दौर, जिसमें उम्मीदवार संसदीय सीटों को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक बहुमत के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं. CNN के अनुसार, उम्मीदवारों को दूसरे दौर में आगे बढ़ने के लिए 12.5 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल करने होंगे, जहां अंतिम परिणाम तय किए जाएंगे.

बता दें कि, फ्रांस की संसद का कार्यकाल 2027 में खत्म होना था, हालांकि यूरोपीय संघ में बड़ी हार के कारण राष्ट्रपति मैक्रों ने समय से पहले इसी महीने संसद भंग कर दिया था.

ये भी पढ़ें: फ्रांस में संसदीय चुनावों के लिए मतदान जारी, जानें कौन-कौन है रेस में? क्या लगा है दांव पर?

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