ढाका: बांग्लादेश में आम चुनाव को लेकर हलचल है. इस बीच राजनीतिक दलों की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं कि देश में चुनाव कब होंगे. इस बीच बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने चुनाव आयोग के पुनर्गठन को लेकर समिति गठित करने की बात कही है.
बांग्लादेश की सरकारी मीडिया संगबाद के अनुसार मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने आम चुनाव को लेकर आयोग के पुनर्गठन पर जोर दिया है. उन्होंने इसके लिए एक समिति गठित करने की बात कही है. उन्होंने इस दौरान कहा कि समिति में छह सदस्य होंगे. बाद में मुख्य सलाहकार के निजी सहायक महफूज आलम ने चुनाव को लेकर मतदाता सूची तैयार की जाने की बात कही.
इस बीच बांग्लादेश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियों में से एक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव ने चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं करने के लिए अंतरिम सरकार की आलोचना की. वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने कहा कि सरकार चुनाव की तारीख की घोषणा न करके देश को गतिरोध की ओर ले जा रही है.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार रिजवी ने अंतरिम सरकार की इस बात के लिए आलोचना की कि वह सुधारों के पूरा होने की निश्चित तिथि के बिना ही उनके बारे में बात कर रही है. पबना के बेरा उपजिला में एक रैली को संबोधित करते हुए रिजवी ने कहा, 'आप अंतरिम सरकार के तहत सुधारों की बात कर रहे हैं, लेकिन आप में से प्रत्येक चुनाव कब होंगे, इस बारे में अलग-अलग बयान दे रहे हैं. आप इस बारे में कोई निश्चित तारीख नहीं दे रहे हैं कि आपके सुधार कब पूरे होंगे.'
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार उन्होंने आगे कहा कि लोगों के मन में आपके बारे में सवाल होंगे. हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप आवश्यक सुधार करें और तुरंत चुनाव कराएं. शनिवार को अंतरिम सरकार के एक सलाहकार ने कहा कि बांग्लादेश का अगला आम चुनाव 2025 में होने की संभावना है.
अंतरिम सरकार के सलाहकार डॉ. आसिफ नजरुल ने एक बयान में कहा कि अगले साल के भीतर चुनाव संभव हो सकते हैं, लेकिन इसमें कई कारक शामिल हैं. कहा जाता है कि सुधार और राजनीतिक समझौते चुनावों की ओर ले जाते हैं. अन्य कारक हैं खोज समिति और चुनाव आयोग का गठन, मतदाता सूची तैयार करना आदि. अगर ये कारक पूरे हो जाते हैं, तो अगले साल चुनाव हो सकते हैं.'
उन्होंने कहा, 'यह मेरा भी शुरुआती अनुमान है. बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति अस्थिर है, क्योंकि शेख हसीना ने बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर इस साल 5 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग करने वाले छात्रों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों का रूप ले लिया.
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान शेख हसीना को सत्ता से हटा दिया गया, जो एक बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया, जिसके बाद एक अंतरिम सरकार की स्थापना हुई. इस अशांत अवधि के दौरान, बांग्लादेश से हिंसा और अराजकता की कई घटनाएं सामने आई. इनमें विशेष रूप से हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है.
हफ्तों तक चले विरोध प्रदर्शनों और झड़पों में 600 से अधिक लोगों की मौत हो गई. 8 अगस्त को नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली. अंतरिम सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेना की शक्तियों का विस्तार किया.