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320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी ट्रेन, दो भागों में बंट गई, 320 यात्री थे सवार - Bullet train Japan

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By IANS

Published : 2 hours ago

जापानी बुलेट ट्रेन में ऐसा कुछ हुआ कि यात्रियों के बीच हड़कंप मच गया. चलती हुई ट्रेन दो भागों में बंट गई. जिस समय यह हादसा हुआ, उस समय ट्रेन 315 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी और उस पर 320 यात्री सवार थे. हालांकि, किसी भी यात्री को कुछ नहीं हुआ, ये राहत की बात रही.

Bullet Train
बुलेट ट्रेन (ANI)

टोक्यो : एक जापानी बुलेट ट्रेन ऑपरेटर इस बात की जांच कर रहा है कि हाई स्पीड पर चलने के दौरान दो जुड़ी हुई शिंकानसेन ट्रेनें (बुलेट ट्रेनें) किस वजह से अलग हो गईं. यह जानकारी सार्वजनिक प्रसारक एनएचके ने शुक्रवार को दी. रेलवे ऑपरेटर ईस्ट जापान रेलवे के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि गुरुवार की सुबह तोहोकू शिंकानसेन लाइन पर टोक्यो जाने वाली दो ट्रेनों का एक कपलर टूट गया.

यह तब हुआ जब ट्रेनें पूर्वोत्तर मियागी प्रांत में फुरुकावा और सेंडाई स्टेशनों के बीच चल रही थी. इसके कारण ट्रेन को आपातकालीन स्थिति में रोकना पड़ा और इस लाइन पर सेवाएं घंटों तक बाधित रहीं. जेआर ईस्ट के नाम से मशहूर कंपनी ने कहा कि यह पहली बार है, जब उसकी दो शिंकानसेन ट्रेनें चलते समय अलग हो गईं. हालांकि, इनमें सवार 320 लोगों में से किसी के घायल होने की खबर नहीं है और डिब्बे पटरी से नहीं उतरे हैं. यह जानकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एनएचके के हवाले से दी.

जेआर ईस्ट ने कहा कि जांच से पता चला है कि जब यह दुर्घटना हुई तब ट्रेनें लगभग 315 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही थीं. जेआर ईस्ट ने बताया कि कपलर को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह तभी अलग हो जब रेलगाड़ी की स्पीड 5 किमी प्रति घंटा या उससे कम हो जाए. कंपनी ने कहा कि घटना के कारण की जांच की जा रही है, लेकिन कपलर पर कोई बाहरी प्रभाव नहीं पाया गया है.

कंपनी ने ड्राइवर के हवाले से बताया कि इमरजेंसी ब्रेक अचानक लगाया गया और कपलर के खुलने से पहले कोई असामान्य आवाज या कंपन महसूस नहीं हुआ. जेआर ईस्ट के अनुसार, इस घटना के बाद तोहोकू, यामागाटा और अकिता शिंकानसेन लाइनों पर 72 ट्रेनें रद्द कर दी गईं और 35 विलंबित हो गईं, जिससे लगभग 45,000 यात्री प्रभावित हुए. शिंकानसेन जिसे आम तौर पर अंग्रेजी में बुलेट ट्रेन के रूप में जाना जाता है, जापान में हाई-स्पीड रेलवे लाइनों का एक नेटवर्क है.

शुरुआत में, इसे आर्थिक विकास में मदद के लिए राजधानी टोक्यो को अन्य जापानी क्षेत्रों से जोड़ने के लिए बनाया गया था. 1964 में टोकाइडो शिंकानसेन (515.4 किमी; 320.3 मील) से शुरू होकर नेटवर्क का विस्तार वर्तमान में 2,951.3 किमी (1,833.9 मील) लाइनों तक हो गया है.

ये भी पढ़ें : उन्नत शिंकानसेन तकनीक से लैस होगा मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर, नहीं होगी रेल दुर्घटना

टोक्यो : एक जापानी बुलेट ट्रेन ऑपरेटर इस बात की जांच कर रहा है कि हाई स्पीड पर चलने के दौरान दो जुड़ी हुई शिंकानसेन ट्रेनें (बुलेट ट्रेनें) किस वजह से अलग हो गईं. यह जानकारी सार्वजनिक प्रसारक एनएचके ने शुक्रवार को दी. रेलवे ऑपरेटर ईस्ट जापान रेलवे के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि गुरुवार की सुबह तोहोकू शिंकानसेन लाइन पर टोक्यो जाने वाली दो ट्रेनों का एक कपलर टूट गया.

यह तब हुआ जब ट्रेनें पूर्वोत्तर मियागी प्रांत में फुरुकावा और सेंडाई स्टेशनों के बीच चल रही थी. इसके कारण ट्रेन को आपातकालीन स्थिति में रोकना पड़ा और इस लाइन पर सेवाएं घंटों तक बाधित रहीं. जेआर ईस्ट के नाम से मशहूर कंपनी ने कहा कि यह पहली बार है, जब उसकी दो शिंकानसेन ट्रेनें चलते समय अलग हो गईं. हालांकि, इनमें सवार 320 लोगों में से किसी के घायल होने की खबर नहीं है और डिब्बे पटरी से नहीं उतरे हैं. यह जानकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एनएचके के हवाले से दी.

जेआर ईस्ट ने कहा कि जांच से पता चला है कि जब यह दुर्घटना हुई तब ट्रेनें लगभग 315 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही थीं. जेआर ईस्ट ने बताया कि कपलर को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह तभी अलग हो जब रेलगाड़ी की स्पीड 5 किमी प्रति घंटा या उससे कम हो जाए. कंपनी ने कहा कि घटना के कारण की जांच की जा रही है, लेकिन कपलर पर कोई बाहरी प्रभाव नहीं पाया गया है.

कंपनी ने ड्राइवर के हवाले से बताया कि इमरजेंसी ब्रेक अचानक लगाया गया और कपलर के खुलने से पहले कोई असामान्य आवाज या कंपन महसूस नहीं हुआ. जेआर ईस्ट के अनुसार, इस घटना के बाद तोहोकू, यामागाटा और अकिता शिंकानसेन लाइनों पर 72 ट्रेनें रद्द कर दी गईं और 35 विलंबित हो गईं, जिससे लगभग 45,000 यात्री प्रभावित हुए. शिंकानसेन जिसे आम तौर पर अंग्रेजी में बुलेट ट्रेन के रूप में जाना जाता है, जापान में हाई-स्पीड रेलवे लाइनों का एक नेटवर्क है.

शुरुआत में, इसे आर्थिक विकास में मदद के लिए राजधानी टोक्यो को अन्य जापानी क्षेत्रों से जोड़ने के लिए बनाया गया था. 1964 में टोकाइडो शिंकानसेन (515.4 किमी; 320.3 मील) से शुरू होकर नेटवर्क का विस्तार वर्तमान में 2,951.3 किमी (1,833.9 मील) लाइनों तक हो गया है.

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