ETV Bharat / health

घुटने के दर्द से राहत के लिए कराएं 'नी रिप्लेसमेंट', हड्डी रोग विशेषज्ञ से जानें कितनी सफल है सर्जरी? - Knee replacement

Knee Replacement Surgery: दुनिया के सफलतम सर्जरी में घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी भी शामिल है. घुटने के दर्द से स्थायी तौर पर राहत पाने के लिए यही तरीका सबसे कारगर है. आपके मन में सवाल उठता होगा कि क्या होती है 'नी रिप्लेसमेंट सर्जरी' और कितना सफल है यह? ऐसे में पटना के हड्डी रोग विशेषज्ञ से इस बारे में विस्तार से जानें..

Knee replacement
Knee replacement
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 21, 2024, 6:03 AM IST

Updated : Apr 21, 2024, 11:56 AM IST

हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रमित गुंजन

पटना: नी रिप्लेसमेंट अर्थात घुटना प्रत्यारोपण एक ऐसी सर्जरी है, जिसमें घुटने के क्षतिग्रस्त जोड़ को अथवा खराब हो चुके घुटने को आर्टिफिशियल कार्टिलेज लगाकर ठीक किया जाता है. अक्सर अर्थराइटिस के मरीजों की दर्द जब अधिक बढ़ जाती है और दवाइयों से जब राहत नहीं मिलती है तो सर्जरी ही एकमात्र माध्यम बच जाती है.

घुटने के दर्द से राहत के लिए सर्जरी: ऑर्थोपेडिक चिकित्सा के जगत में नी रिप्लेसमेंट पुराने घुटने के दर्द और जकड़न से राहत पाने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया मानी जाती है. नी रिप्लेसमेंट को लेकर के पटना में मेडिवर्सल और ऑर्थोपेडिकसंगठन की ओर से शनिवार से दो दिवसीय कॉन्क्लेव शुरू हुआ है जिसमें देश-विदेश की जाने-माने आर्थोपेडिक चिकित्सक शामिल हुए हैं.

knee replacement surgery
knee replacement surgery

क्यों जरूरी है नी रिप्लेसमेंट सर्जरी?: मेडिवर्सल अस्पताल के जाने-माने आर्थोपेडिक चिकित्सक डॉ. रमित गुंजन ने बताया कि नी रिप्लेसमेंट दुनिया के सफलतम सर्जरी में दूसरे नंबर पर आती है. काफी लोग जो घुटने की दर्द से परेशान रहते हैं, जिनका जांघ और पर की हड्डी को घुटने के पास जोड़ने वाली कार्टिलेज खराब हो गई रहती है. उनका नी रिप्लेसमेंट किया जाता है, इसमें खराब हो चुके कार्टिलेज को आर्टिफिशियल कार्टिलेज से बदला जाता है.

"यह पूरी तरह से सुरक्षित सर्जरी है और सर्जरी के 12 से 15 घंटा बाद मरीज अपने पूरे वेट को घुटने पर सहन सकता है. मरीज बिना किसी सहारे के आराम से चल फिर सकता है और तीन से चार सप्ताह में वह सड़क पर घूम कर सभी काम आसानी से कर सकता है. 6 से 8 महीना में वह सामान्य व्यक्ति की तरह और अपने पूर्व की क्षमता के अनुसार दौड़ सकता है और कूद भी सकता है."- हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रमित गुंजन

घुटना रिप्लेसमेंट पर विशेषज्ञों का अनुभव: हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रमित गुंजन के मुताबिक ऑर्थोपेडिक चिकित्सा में विभिन्न प्रकार के केस हैंडल करने का चिकित्सकों को जो अनुभव रहा है, उसे सभी साझा कर रहे हैं ताकि ऑर्थोपेडिक क्षेत्र के नए चिकित्सकों को उसे अनुभव का फायदा मिल सके. इसके अलावा नी रिप्लेसमेंट, एंकल रिप्लेसमेंट, हीप प्लेसमेंट, टोटल लिगामेंट सर्जरी के लिए जो कुछ नई तकनीक विकसित हुए हैं, उन सब पर चर्चा की जा रही है.

knee replacement surgery
knee replacement surgery

कितने प्रकार के होते हैं नी रिप्लेसमेंट?: इस बारे में डॉ. रमित गुंजन कहते हैं कि नी रिप्लेसमेंट कई प्रकार के होते हैं. खासकर दो प्रमुख प्रकार है, जिसमें टोटल नी रिप्लेसमेंट और पार्शियल नी रिप्लेसमेंट होता है. पार्शियल नी रिप्लेसमेंट में घुटने की जोड़ का केवल एक हिस्सा खराब होता है, जबकि टोटल नी रिप्लेसमेंट में घुटने का हिस्सा गंभीर रूप से खराब हो गया रहता है. जिस वजह से दो हड्डियों को जोड़ने वाली जॉइंट के पास की हड्डियां भी क्षतिग्रस्त हो गई रहती हैं.

क्या सर्जरी ही है घुटना दर्द का कारगर इलाज?: डॉ. रमित गुंजन बताते हैं कि सामान्य तौर पर अर्थराइटिस के मरीजों को शुरुआती समय में दवाइयों से समस्या को काफी हद तक कंट्रोल में रखा जाता है लेकिन ओवरवेट होने के कारण अथवा एक्सेसिव वर्क होने के कारण जब घटना डैमेज होने लगता है तो नी रिप्लेसमेंट सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है.

कितनी सफल है नी रिप्लेसमेंट सर्जरी?: इस बारे में वह कहते हैं कि एक 40- 45 वर्ष के उम्र के व्यक्ति का नी रिप्लेसमेंट होता है तो आजीवन काल तक उसे सामान्य तौर पर दोबारा नी रिप्लेसमेंट की आवश्यकता नहीं पड़ती लेकिन कोई व्यक्ति यदि सर्जरी के कुछ वर्षों बाद ओवरवेट हो जाता है तो ऑर्थोपेडिक चिकित्सकों से परामर्श की आवश्यकता पड़ जाती है. उन्होंने बताया कि मेडीवर्सल हिप एंड नी रिप्लेसमेंट कांक्लेव में 400 से अधिक आर्थोपेडिक चिकित्सक शामिल हो रहे हैं और इससे आने वाले समय में ऑर्थोपेडिक चिकित्सा के क्षेत्र में खासकर एक्सीडेंट केस में सफल सर्जिकल ट्रीटमेंट में काफी मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें:

DMCH में पहली बार दूरबीन के माध्यम से किया गया घुटनों का सफल ऑपरेशन, लोगों ने देखी लाइव सर्जरी

अच्छी खबर : DMCH में दूरबीन से होगा घुटनों का ऑपरेशन

हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रमित गुंजन

पटना: नी रिप्लेसमेंट अर्थात घुटना प्रत्यारोपण एक ऐसी सर्जरी है, जिसमें घुटने के क्षतिग्रस्त जोड़ को अथवा खराब हो चुके घुटने को आर्टिफिशियल कार्टिलेज लगाकर ठीक किया जाता है. अक्सर अर्थराइटिस के मरीजों की दर्द जब अधिक बढ़ जाती है और दवाइयों से जब राहत नहीं मिलती है तो सर्जरी ही एकमात्र माध्यम बच जाती है.

घुटने के दर्द से राहत के लिए सर्जरी: ऑर्थोपेडिक चिकित्सा के जगत में नी रिप्लेसमेंट पुराने घुटने के दर्द और जकड़न से राहत पाने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया मानी जाती है. नी रिप्लेसमेंट को लेकर के पटना में मेडिवर्सल और ऑर्थोपेडिकसंगठन की ओर से शनिवार से दो दिवसीय कॉन्क्लेव शुरू हुआ है जिसमें देश-विदेश की जाने-माने आर्थोपेडिक चिकित्सक शामिल हुए हैं.

knee replacement surgery
knee replacement surgery

क्यों जरूरी है नी रिप्लेसमेंट सर्जरी?: मेडिवर्सल अस्पताल के जाने-माने आर्थोपेडिक चिकित्सक डॉ. रमित गुंजन ने बताया कि नी रिप्लेसमेंट दुनिया के सफलतम सर्जरी में दूसरे नंबर पर आती है. काफी लोग जो घुटने की दर्द से परेशान रहते हैं, जिनका जांघ और पर की हड्डी को घुटने के पास जोड़ने वाली कार्टिलेज खराब हो गई रहती है. उनका नी रिप्लेसमेंट किया जाता है, इसमें खराब हो चुके कार्टिलेज को आर्टिफिशियल कार्टिलेज से बदला जाता है.

"यह पूरी तरह से सुरक्षित सर्जरी है और सर्जरी के 12 से 15 घंटा बाद मरीज अपने पूरे वेट को घुटने पर सहन सकता है. मरीज बिना किसी सहारे के आराम से चल फिर सकता है और तीन से चार सप्ताह में वह सड़क पर घूम कर सभी काम आसानी से कर सकता है. 6 से 8 महीना में वह सामान्य व्यक्ति की तरह और अपने पूर्व की क्षमता के अनुसार दौड़ सकता है और कूद भी सकता है."- हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रमित गुंजन

घुटना रिप्लेसमेंट पर विशेषज्ञों का अनुभव: हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रमित गुंजन के मुताबिक ऑर्थोपेडिक चिकित्सा में विभिन्न प्रकार के केस हैंडल करने का चिकित्सकों को जो अनुभव रहा है, उसे सभी साझा कर रहे हैं ताकि ऑर्थोपेडिक क्षेत्र के नए चिकित्सकों को उसे अनुभव का फायदा मिल सके. इसके अलावा नी रिप्लेसमेंट, एंकल रिप्लेसमेंट, हीप प्लेसमेंट, टोटल लिगामेंट सर्जरी के लिए जो कुछ नई तकनीक विकसित हुए हैं, उन सब पर चर्चा की जा रही है.

knee replacement surgery
knee replacement surgery

कितने प्रकार के होते हैं नी रिप्लेसमेंट?: इस बारे में डॉ. रमित गुंजन कहते हैं कि नी रिप्लेसमेंट कई प्रकार के होते हैं. खासकर दो प्रमुख प्रकार है, जिसमें टोटल नी रिप्लेसमेंट और पार्शियल नी रिप्लेसमेंट होता है. पार्शियल नी रिप्लेसमेंट में घुटने की जोड़ का केवल एक हिस्सा खराब होता है, जबकि टोटल नी रिप्लेसमेंट में घुटने का हिस्सा गंभीर रूप से खराब हो गया रहता है. जिस वजह से दो हड्डियों को जोड़ने वाली जॉइंट के पास की हड्डियां भी क्षतिग्रस्त हो गई रहती हैं.

क्या सर्जरी ही है घुटना दर्द का कारगर इलाज?: डॉ. रमित गुंजन बताते हैं कि सामान्य तौर पर अर्थराइटिस के मरीजों को शुरुआती समय में दवाइयों से समस्या को काफी हद तक कंट्रोल में रखा जाता है लेकिन ओवरवेट होने के कारण अथवा एक्सेसिव वर्क होने के कारण जब घटना डैमेज होने लगता है तो नी रिप्लेसमेंट सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है.

कितनी सफल है नी रिप्लेसमेंट सर्जरी?: इस बारे में वह कहते हैं कि एक 40- 45 वर्ष के उम्र के व्यक्ति का नी रिप्लेसमेंट होता है तो आजीवन काल तक उसे सामान्य तौर पर दोबारा नी रिप्लेसमेंट की आवश्यकता नहीं पड़ती लेकिन कोई व्यक्ति यदि सर्जरी के कुछ वर्षों बाद ओवरवेट हो जाता है तो ऑर्थोपेडिक चिकित्सकों से परामर्श की आवश्यकता पड़ जाती है. उन्होंने बताया कि मेडीवर्सल हिप एंड नी रिप्लेसमेंट कांक्लेव में 400 से अधिक आर्थोपेडिक चिकित्सक शामिल हो रहे हैं और इससे आने वाले समय में ऑर्थोपेडिक चिकित्सा के क्षेत्र में खासकर एक्सीडेंट केस में सफल सर्जिकल ट्रीटमेंट में काफी मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें:

DMCH में पहली बार दूरबीन के माध्यम से किया गया घुटनों का सफल ऑपरेशन, लोगों ने देखी लाइव सर्जरी

अच्छी खबर : DMCH में दूरबीन से होगा घुटनों का ऑपरेशन

Last Updated : Apr 21, 2024, 11:56 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.