लखनऊ: इस समय मौसम में परिवर्तन हो रहा है, जिसकी वजह से साथ सेहत पर भी असर पड़ रहा है. इस मौसम में ज्यादातर अस्थमा, दमा और गले की समस्या से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. ऐसे में जो सिगरेट पीते हैं, उनकी आवाज बुरी तरह से प्रभावित सकती है. यह बातें सिविल अस्पताल के ईएनटी विभाग के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. पंकज कुमार ने कही है.
डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि प्रकृति ने व्यक्ति आवाज के रूप में नायाब तोहफा दिया है. लेकिन कई बार अपनी गलत आदतों और गलत लाइफ स्टाइल के चलते हम इस नायाब तोहफे के साथ खिलवाड़ करते हैं. कई लोगों को लगता है कि भारी आवाज आकर्षक और दमदार महसूस होती है. कुछ लोगों का मानना है कि स्मोकिंग करने से भी आवाज को भारी बनाया जा सकता है. इसके लिए वो सिगरेट-बीड़ी पीना शुरू कर देते हैं. मगर यह एक ऐसा मिथ है, जो आवाज के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है. खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान हमारी आवाज को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. यही कारण है कि गले और आवाज से जुड़ी बीमारियों में भी इजाफा हो रहा है. अगर आपकी आवाज कुछ समय से भारी हो गई है या शुरू में ठीक रहती है, लेकिन कुछ देर बोलने के बाद बदल जाती है तो ऐसे में आपके वोकल कॉर्ड पर दाने या वोकल नोड्यूल्स हो सकते हैं.
आवाज को खराब होने से बचाने के लिए ये बरतें सावधानी. (Photo Credit; ETV Bharat) वोकल कॉर्ड क्या होते हैं?डॉ. पंकज ने बताया कि वोकल कॉर्ड हमारे वॉइस बॉक्स का हिस्सा होते हैं. ये सांस की नली के ऊपर होते हैं. जब हम चुप रहते हैं तो वोकल कॉर्ड खुले रहते हैं, जिससे सांस अंदर-बाहर आती-जाती है. लेकिन जब हम बोलते हैं तो वोकल कॉर्ड एक दूसरे से मिल जाते हैं. ऐसे में जब फेफड़ों से आने वाली हवा बंद वोकल कॉर्ड से गुजरती है तो इसमें कंपन होता है. वोकल कॉर्ड के इसी कंपन से आवाज पैदा होती है.
अगर ये लक्ष्ण हैं तो न करें नजरअंदाज. (Photo Credit; ETV Bharat) वोकल नोड्यूल्स कैसे बनते हैंडॉ. पंकज ने कहा कि आमतौर पर बोलते समय दोनों वोकल कॉर्ड एक दूसरे से मिलते हैं. लेकिन जब लंबे समय तक ऊंची आवाज में बोला, चिल्लाया या कुछ गाया जाए तो वोकल कॉर्ड की सतह पर घर्षण होता है. इससे शुरूआत में वोकल कॉर्ड पर सूजन आती है, लेकिन आवाज में ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिलता. लेकिन ज्यादा देर तक तेज बोलने पर आवाज बैठने लगती है. ध्यान न दिया जाए तो दाने बनने लगते हैं, जिन्हें वोकल नोड्यूल्स कहते हैं.
ऐसा खानपान है खतरनाकडॉ. पंकज ने बताया कि हमारा खानपान सीधे तौर पर आवाज को प्रभावित नहीं करता है. लेकिन बहुत ज्यादा तीखा या ऑयली खाने से एसिडिटी होने का खतरा रहता है. एसिडिटी का असर आवाज पर हो सकता है. इसके अलावा कम पानी पीने, एल्कोहल या कैफीन की वजह से भी आवाज में बदलाव हो सकता है.
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