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तंबाकू के धुएं में होते हैं 7000 से अधिक केमिकल, जानिए टोबैको शरीर को किस तरह से नुकसान पहुंचाता है - World No Tobacco Day 31 May

World No Tobacco Day 31 May : विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर डॉक्टरों ने धूम्रपान छोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया. तंबाकू के धुएं में 7000 से अधिक केमिकल होते हैं, कम से कम 70 केमिकल कैंसर का कारण बनते हैं. World No Tobacco Day 31 May को मनाया जाता है. World No Tobacco Day , world no tobacco day 2024 theme , no tobacco day 2024 , may 31 special day , anti tobacco day , world tobacco day 2024 .

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस (Getty Images))
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By IANS

Published : May 31, 2024, 1:09 PM IST

Updated : May 31, 2024, 1:53 PM IST

नई दिल्ली : तंबाकू का सेवन मानव शरीर को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है. विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर डॉक्टरों ने कहा कि यह लगभग हर अंग प्रणाली को प्रभावित करता है, उन्होंने धूम्रपान छोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया. चूंकि धूम्रपान मुख्य रूप से फेफड़ों के कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियों से जुड़ा हुआ है, इसलिए तंबाकू के नुकसान के पूरे स्पेक्ट्रम को अक्सर कम करके आंका जाता है. तंबाकू के धुएं में 7000 से अधिक केमिकल होते हैं, जिनमें से कई जहरीले होते हैं और कम से कम 70 केमिकल कैंसर का कारण बनते हैं.

यह क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), वातस्फीति और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (COPD , emphysema, chronic bronchitis ) का कारण बन सकता है. विशेषज्ञों ने कहा कि यह पेप्टिक अल्सर का कारण भी बनता है, प्रजनन प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जिससे शरीर संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है.

हावड़ा के नारायण अस्पताल में श्वसन चिकित्सा और फुफ्फुसीय हस्तक्षेप के एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. अरिंदम दत्ता ने आईएएनएस को बताया, "तम्बाकू के धुएं में मौजूद टार फेफड़ों में मौजूद सिलिया (बालों जैसी छोटी संरचनाएं) को नुकसान पहुंचाता है, जो बलगम और गंदगी को साफ करने में मदद करती हैं. इससे Chronic bronchitis और घातक संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है."

हृदय संबंधी स्वास्थ्य पर तम्बाकू का गहरा प्रभाव
डॉक्टर ने बताया कि लंबे समय से धूम्रपान करने वाले, औद्योगिक कर्मचारी, अस्थमा के इतिहास वाले लोग और घर के अंदर और बाहर सेकेंड हैंड धुएं, धूल और प्रदूषकों के संपर्क में आने वाले लोग सबसे ज्यादा जोखिम में हैं. हृदय संबंधी स्वास्थ्य पर तम्बाकू का प्रभाव गहरा है. यह Heart rate को बढ़ाता है, प्रमुख धमनियों (arteries) को कसता है और अनियमित हृदय ताल (Irregular heart rhythm) पैदा कर सकता है. तम्बाकू में मौजूद रसायन धमनियों की परत को भी नुकसान पहुंचाते हैं, प्लाक के निर्माण के साथ उन्हें संकीर्ण और सख्त बनाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप दिल का दौरा और स्ट्रोक होता है.

"तम्बाकू के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड और निकोटीन होता है, जो हृदय के कार्यभार को बढ़ाता है और इसकी कार्यक्षमता को कम करता है. carbon monoxide लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन के साथ बंध जाता है, जिससे उनकी ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम हो जाती है. Nicotine रक्तचाप और हृदय गति को बढ़ाता है, जिससे High Blood pressure हो सकता है. प्रभावों का यह संयोजन कोरोनरी धमनी रोग, मायोकार्डियल इंफार्क्शन और स्ट्रोक के जोखिम को काफी हद तक बढ़ाता है," धर्मशिला नारायण अस्पताल के कार्डियोलॉजी निदेशक डॉ. समीर कुब्बा ने आईएएनएस को बताया. उन्होंने कहा, "हृदय रोग के पारिवारिक इतिहास वाले व्यक्ति, जिन्हें उच्च रक्तचाप या मधुमेह है और सभी उम्र के धूम्रपान करने वालों को अधिक जोखिम है."

इसके अलावा, तंबाकू का सेवन रोके जा सकने वाले कैंसर का भी प्रमुख कारण है. एक्शन कैंसर अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. समित पुरोहित ने आईएएनएस को बताया कि तंबाकू में मौजूद नाइट्रोसामाइन और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन जैसे कार्सिनोजेन्स डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करने की शरीर की क्षमता में बाधा डालते हैं, जिससे उत्परिवर्तन होता है जो कैंसर का कारण बन सकता है.

90 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार
उन्होंने कहा, "तम्बाकू का सेवन फेफड़ों के कैंसर के लगभग 90 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है, लेकिन इसका प्रभाव फेफड़ों तक ही सीमित नहीं है. यह मुंह, गले, अन्नप्रणाली, मूत्राशय, अग्न्याशय, गुर्दे और गर्भाशय ग्रीवा (mouth cancer , throat cancer , oesophagus cancer , bladder cancer , pancreas cancer , kidney cancer , and cervix cancer) के कैंसर के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है."

सेकेंड हैंड धूम्रपान (धूम्रपान न करने वाले जो धूम्रपान करने वालों के साथ रहते हैं ) भी बहुत नुकसान पहुंचाता है. उनमें फेफड़ों के कैंसर के विकास का लगभग 20-30 प्रतिशत अधिक जोखिम होता है. इस संपर्क से स्वरयंत्र और ग्रसनी (larynx and pharynx) के कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है.

महत्वपूर्ण बात यह है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि धूम्रपान रहित तंबाकू उत्पाद भी उतने ही खतरनाक हैं. वे Oral cancers , अन्नप्रणाली (oesophageal) और pancreatic cancer और मुंह में कैंसर से पहले के घावों का कारण बन सकते हैं जो घातक ट्यूमर में बदल सकते हैं. उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से "रोकथाम, शीघ्र समाप्ति समर्थन पर ध्यान केंद्रित करने और तंबाकू विज्ञापन पर सख्त नीतियां बनाने" का आह्वान किया.

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नई दिल्ली : तंबाकू का सेवन मानव शरीर को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है. विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर डॉक्टरों ने कहा कि यह लगभग हर अंग प्रणाली को प्रभावित करता है, उन्होंने धूम्रपान छोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया. चूंकि धूम्रपान मुख्य रूप से फेफड़ों के कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियों से जुड़ा हुआ है, इसलिए तंबाकू के नुकसान के पूरे स्पेक्ट्रम को अक्सर कम करके आंका जाता है. तंबाकू के धुएं में 7000 से अधिक केमिकल होते हैं, जिनमें से कई जहरीले होते हैं और कम से कम 70 केमिकल कैंसर का कारण बनते हैं.

यह क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), वातस्फीति और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (COPD , emphysema, chronic bronchitis ) का कारण बन सकता है. विशेषज्ञों ने कहा कि यह पेप्टिक अल्सर का कारण भी बनता है, प्रजनन प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जिससे शरीर संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है.

हावड़ा के नारायण अस्पताल में श्वसन चिकित्सा और फुफ्फुसीय हस्तक्षेप के एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. अरिंदम दत्ता ने आईएएनएस को बताया, "तम्बाकू के धुएं में मौजूद टार फेफड़ों में मौजूद सिलिया (बालों जैसी छोटी संरचनाएं) को नुकसान पहुंचाता है, जो बलगम और गंदगी को साफ करने में मदद करती हैं. इससे Chronic bronchitis और घातक संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है."

हृदय संबंधी स्वास्थ्य पर तम्बाकू का गहरा प्रभाव
डॉक्टर ने बताया कि लंबे समय से धूम्रपान करने वाले, औद्योगिक कर्मचारी, अस्थमा के इतिहास वाले लोग और घर के अंदर और बाहर सेकेंड हैंड धुएं, धूल और प्रदूषकों के संपर्क में आने वाले लोग सबसे ज्यादा जोखिम में हैं. हृदय संबंधी स्वास्थ्य पर तम्बाकू का प्रभाव गहरा है. यह Heart rate को बढ़ाता है, प्रमुख धमनियों (arteries) को कसता है और अनियमित हृदय ताल (Irregular heart rhythm) पैदा कर सकता है. तम्बाकू में मौजूद रसायन धमनियों की परत को भी नुकसान पहुंचाते हैं, प्लाक के निर्माण के साथ उन्हें संकीर्ण और सख्त बनाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप दिल का दौरा और स्ट्रोक होता है.

"तम्बाकू के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड और निकोटीन होता है, जो हृदय के कार्यभार को बढ़ाता है और इसकी कार्यक्षमता को कम करता है. carbon monoxide लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन के साथ बंध जाता है, जिससे उनकी ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम हो जाती है. Nicotine रक्तचाप और हृदय गति को बढ़ाता है, जिससे High Blood pressure हो सकता है. प्रभावों का यह संयोजन कोरोनरी धमनी रोग, मायोकार्डियल इंफार्क्शन और स्ट्रोक के जोखिम को काफी हद तक बढ़ाता है," धर्मशिला नारायण अस्पताल के कार्डियोलॉजी निदेशक डॉ. समीर कुब्बा ने आईएएनएस को बताया. उन्होंने कहा, "हृदय रोग के पारिवारिक इतिहास वाले व्यक्ति, जिन्हें उच्च रक्तचाप या मधुमेह है और सभी उम्र के धूम्रपान करने वालों को अधिक जोखिम है."

इसके अलावा, तंबाकू का सेवन रोके जा सकने वाले कैंसर का भी प्रमुख कारण है. एक्शन कैंसर अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. समित पुरोहित ने आईएएनएस को बताया कि तंबाकू में मौजूद नाइट्रोसामाइन और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन जैसे कार्सिनोजेन्स डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करने की शरीर की क्षमता में बाधा डालते हैं, जिससे उत्परिवर्तन होता है जो कैंसर का कारण बन सकता है.

90 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार
उन्होंने कहा, "तम्बाकू का सेवन फेफड़ों के कैंसर के लगभग 90 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है, लेकिन इसका प्रभाव फेफड़ों तक ही सीमित नहीं है. यह मुंह, गले, अन्नप्रणाली, मूत्राशय, अग्न्याशय, गुर्दे और गर्भाशय ग्रीवा (mouth cancer , throat cancer , oesophagus cancer , bladder cancer , pancreas cancer , kidney cancer , and cervix cancer) के कैंसर के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है."

सेकेंड हैंड धूम्रपान (धूम्रपान न करने वाले जो धूम्रपान करने वालों के साथ रहते हैं ) भी बहुत नुकसान पहुंचाता है. उनमें फेफड़ों के कैंसर के विकास का लगभग 20-30 प्रतिशत अधिक जोखिम होता है. इस संपर्क से स्वरयंत्र और ग्रसनी (larynx and pharynx) के कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है.

महत्वपूर्ण बात यह है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि धूम्रपान रहित तंबाकू उत्पाद भी उतने ही खतरनाक हैं. वे Oral cancers , अन्नप्रणाली (oesophageal) और pancreatic cancer और मुंह में कैंसर से पहले के घावों का कारण बन सकते हैं जो घातक ट्यूमर में बदल सकते हैं. उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से "रोकथाम, शीघ्र समाप्ति समर्थन पर ध्यान केंद्रित करने और तंबाकू विज्ञापन पर सख्त नीतियां बनाने" का आह्वान किया.

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Last Updated : May 31, 2024, 1:53 PM IST
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