Hobbies Improve Health : आमतौर पर हर इंसान की कोई ना कोई हॉबी होती ही है. लेकिन ज्यादातर लोग बचपन में या युवावस्था में तब तक उन हॉबीज का पालन करते हैं जब तक उन पर हायर स्टडीज, नौकरी या घर संभालने की जिम्मेदारी नहीं रहती है. बहुत कम लोग होते हैं अपनी हॉबी से जुड़ा कैरियर अपनाते हैं या कामकाजी होने के बाद भी अपनी हॉबीज के लिए समय निकालते हैं. ज्यादातर लोग कभी समय की कमी के कारण या अन्य कारणों से अपने नियमित जीवन में हॉबीज को समय नहीं दे पाते हैं. लेकिन मनोवैज्ञानिक तथा जानकार मानते हैं कि नियमित रूप से अपनी हॉबी के लिए कुछ समय निकालना हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है.
बढ़ रही हैं मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं : दिल्ली की मनोवैज्ञानिक डॉ रीना दत्ता (PhD) बताती हैं कि व्यक्ति के दैनिक जीवन में सकारात्मक गतिविधियों और हॉबीज का होना, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. Dr Reena बताती हैं कि डिप्रेशन और मानसिक समस्याएं आज के समय में बेहद आम हो गई हैं. कार्य का दबाव, व्यक्तिगत जीवन की समस्याएं और सामाजिक अपेक्षाएं जैसे कई कारण हैं जो इन समस्याओं को और बढ़ा देते हैं. जिनके परिणामस्वरूप, व्यक्ति को निराशा, अवसाद, अकेलापन और आत्मविश्वास की कमी जैसी कई समस्याओं का अनुभव हो सकता है.
इन समस्याओं का प्रभाव ना केवल मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, बल्कि यह शारीरिक स्वास्थ्य को भी नकारात्मक रूप में प्रभावित करती हैं. मानसिक समस्याओं से निपटने के लिए दवाइयों का सहारा लेना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन कई बार हम व्यवहार व जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव करके तथा कुछ अच्छी आदतों को अपनाकर भी मानसिक दबाव व समस्याओं से काफी हद तक बच सकते हैं.
हॉबीज का पालन करने के लाभ: Psychologist Dr Reena Dutta बताती हैं कि पिछले कुछ सालों में आम लोगों में भी मानसिक स्वास्थ्य को लेकर उत्सुकता व जागरूकता दोनों बढ़ी है. वहीं ऐसे लोगों का प्रतिशत भी बढ़ा है जो तनाव को कम करने, खुश रहने तथा मानसिक रूप से स्वस्थ व सक्रिय रहने के लिए मेडिटेशन के अलावा कई अन्य तरह के उपाय भी अपना रहे हैं. इन अन्य उपायों में अपनी हॉबी का पालन करना भी एक है. खुश रहने, तनाव को कम रखने तथा गुस्से व बेचैनी को नियंत्रित रखने में दिन का कुछ समय अपनी हॉबीज के साथ बिताना काफी लाभकारी हो सकता है. इसके साथ ही हॉबीज हमारे मानसिक स्वास्थ्य को स्थिर रखने में बहुत मददगार हो सकती हैं. यह हमारी आत्म-संतुष्टि को बढ़ाती हैं और मन में प्रसन्नता और सुकून का कारण बन सकती हैं, जो मानसिक समस्याओं से निपटने में सहायक हो सकता है.
Dr Reena Dutta बताती हैं कि जिन लोगों की दिनचर्या व जीवनशैली में नियमित रूप से हॉबीज शामिल होती हैं, वे डिप्रेशन और चिंता जैसी समस्याओं का सामना करने में अधिक सक्षम होते हैं. वहीं हॉबीज के माध्यम से व्यक्ति अपनी रचनात्मकता को बाहर ला सकता है, जिससे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. इसके अलावा, यह मस्तिष्क में हैप्पी हार्मोन (डोपामाइन और सेरोटोनिन) के स्तर को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति को सुकून और खुशी का अनुभव होता है.
कम से कम समय : Dr. Reena Dutta , Psychologist बताती हैं कि दिन में कम से कम 30 मिनट का समय अपनी पसंदीदा हॉबी के साथ बिताना मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक आसान और प्रभावी तरीका हो सकता है, फिर चाहे आपकी हॉबी कोई भी हो जैसे संगीत सुनना, पेंटिंग करना, लेखन करना, बागवानी, कोई खेल खेलना, व्यायाम करना, सिलाई, बुनाई, कढ़ाई करना आदि. यह ना केवल आपकी मानसिक शांति को बढ़ाएगा, बल्कि जीवन को भी अधिक संतुलित और आनंदमय बनाएगा.
गौरतलब है कि मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने में हॉबीज की भूमिका को लेकर कई शोध व रिसर्च हो चुकी हैं वहीं कई डॉक्टर्स ने भी अपने रिसर्च पेपर में इस विषय को शामिल किया है. जिनमें से सभी में इस बात का उल्लेख मिला है या इस तथ्य की पुष्टि हुई है कि नियमित रूप से हॉबीज को अपनाना मानसिक समस्याओं से निपटने का एक सकारात्मक और प्राकृतिक तरीका हो सकता है.
डिस्कलेमर:यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.
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