ETV Bharat / health

क्या आदमी से ज्यादा आता है औरतों को हार्ट अटैक? शरीर के ये लक्षण देंगे आपको सटीक जानकारी - Heart Attack Symptoms Men and Women

हार्ट अटैक का खतरा तो वैसे 50 साल की उम्र के बाद ही देखने को मिलता था लेकिन आजकल हर उम्र के लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है. युवाओं में ये बीमारी कुछ ज्यादा ही देखी जा रही है. अनियमित और तनाव से भरी जीवन शैली के साथ और भी कई ऐसे कारण जिनकी सतर्कता से हार्ट अटैक से बचा जा सकता है.

HEART ATTACK SYMPTOMS MEN AND WOMEN
हार्ट अटैक का किसे सबसे ज्यादा खतरा (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 21, 2024, 6:34 PM IST

Updated : Jun 21, 2024, 6:41 PM IST

Heart Attack Symptoms : हार्ट अटैक ऐसी बीमारी है जिसको लेकर तरह-तरह की शंकाएं इंसान के मन में होती है. सबसे ज्यादा चर्चा हार्ट अटैक को लेकर ये सुनने को मिलती है कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में इसका खतरा ज्यादा रहता है. जिन घरों में हार्ट के मरीज होते हैं वहां और भी कई तरह की चर्चाएं सुनने मिलती हैं. जानकारों की माने तो हार्ट अटैक आपकी आदतों, जीवनशैली, खानपान और आनुवंशिकता से जुड़ी बीमारी है. यह महिला और पुरुष दोनों के लिए एक समान घातक है. हार्ट से संबंधित बीमारी के लक्षण शरीर में पहले से नजर आने लगते हैं. एक स्वस्थ पुरुष या महिला को ये ध्यान रखना चाहिए कि कहीं ये लक्षण उसके शरीर में तो नहीं दिख रहे.

पुरुष या महिला खतरा बराबर

महिला और पुरुष किसको हार्ट अटैक से ज्यादा खतरा है, इसको लेकर तरह-तरह की स्टडी की गई है. मेडिकल एक्सपर्ट हार्ट अटैक के खतरे को लेकर बताते हैं कि कई अध्ययन के बाद कुछ बातें सामने आई हैं जिनमें महिलाओं और पुरुषों में हार्ट अटैक को लेकर कुछ अंतर तो रहते हैं लेकिन खतरा बराबर रहता है.

उम्र के मामले में इन्हें अटैक का खतरा

पुरुष हार्टअटैक की चपेट में जल्दी आ जाते हैं. 45 की उम्र के बाद उन्हें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. दूसरी तरफ महिलाओं में हार्ट से संबंधित बीमारियां 50 की उम्र के बाद ज्यादा देखने को मिलती हैं. धूम्रपान और अनियमित खानपान के कारण मोटापा बढ़ जाता है. मौजूदा जीवन शैली में ये लक्षण महिलाओं और पुरुषों दोनों में देखने मिल रहे हैं. नियमित व्यायाम से नियंत्रण किया जा सकता है, नहीं तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

पारिवारिक इतिहास, दिल से संबंधित बीमारियां

महिला हों या पुरुष, अगर परिवार में किसी को हार्ट से संबंध बीमारियां पहले से रही हैं तो ये बीमारी एक तरह से आनुवांशिक है और दोनों के लिए खतरा बराबर है. किसी महिला या पुरुष के लिए दिल से संबंधित बीमारियां हैं तो उसके लिए हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा है. हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. तरह-तरह के तनाव, चिंता और डिप्रेशन ऐसी मानसिक बीमारियां हैं जिनका सीधा असर हमारे दिल पर होता है.

महिलाओं से संबंधित कुछ दूसरे कारण

पुरुष और महिलाओं में हार्ट अटैक से जुड़ी वजहें एक जैसी हैं लेकिन महिलाओं द्वारा गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल और मेनोपॉज की स्थिति में होने वाले बदलाव हार्ट से संबंधित बीमारियों की वजह बन सकते हैं, जो आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं.

दोनों के शरीर में हैं यह लक्षण तो रहे सतर्क

उम्र के साथ शरीर में होने वाले कुछ लक्षणों को लेकर महिला और पुरुष दोनों को बराबर सतर्क रहना चाहिए. जैसे सीने में दर्द या जकड़न की स्थिति, सांस लेने में तकलीफ और ठंडा पसीना आना, चक्कर के साथ मतली और उल्टी जैसी स्थिति या फिर गर्दन या हाथ में दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए.

ये भी पढ़ें:

कैसा महसूस होता है हार्ट अटैक का दर्द? एसिडिटी के दर्द से लोग होते हैं कंफ्यूज

30 साल से कम उम्र में बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, धूम्रपान, मोटापा...जानें प्रमुख कारण

एमपी में साइलेंट हार्ट अटैक के मामले बढ़े, इंदौर में फिर एक स्टूडेंट की मौत, पढ़ाई के दौरान हुआ था सीने में दर्द

'बढ़ती उम्र के साथ रहें सतर्क और सावधान'

एमडी मेडिसिन डॉ जितेंद्र सराफ कहते हैं कि "दिल का मामला जीवन से जुड़ा मामला है, इसको लेकर तरह-तरह की शंकाए सुनने मिलती रहती हैं. महिलाओं और पुरुषों में किसे ज्यादा हार्ट अटैक का खतरा है इसकी बहस जगह-जगह सुनने मिलती है लेकिन चिकित्सा विज्ञान मानता है कि बीमारी का खतरा महिलाओं और पुरुषों को बराबर रहता है. ये जरूर है कि दोनों के कामकाज और लाइफस्टाइल अलग-अलग होने के कारण अलग-अलग समय पर ये बीमारी सामने आती है. वजहें लगभग एक जैसी होती हैं लेकिन महिलाओं और पुरुषों में बीमारी के लक्षण का समय अलग-अलग हो सकता है. इसको लेकर बढ़ती उम्र के साथ सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है. किसी भी प्रकार के गंभीर लक्षण दिखने पर डाक्टर की सलाह जरूर लें."

Heart Attack Symptoms : हार्ट अटैक ऐसी बीमारी है जिसको लेकर तरह-तरह की शंकाएं इंसान के मन में होती है. सबसे ज्यादा चर्चा हार्ट अटैक को लेकर ये सुनने को मिलती है कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में इसका खतरा ज्यादा रहता है. जिन घरों में हार्ट के मरीज होते हैं वहां और भी कई तरह की चर्चाएं सुनने मिलती हैं. जानकारों की माने तो हार्ट अटैक आपकी आदतों, जीवनशैली, खानपान और आनुवंशिकता से जुड़ी बीमारी है. यह महिला और पुरुष दोनों के लिए एक समान घातक है. हार्ट से संबंधित बीमारी के लक्षण शरीर में पहले से नजर आने लगते हैं. एक स्वस्थ पुरुष या महिला को ये ध्यान रखना चाहिए कि कहीं ये लक्षण उसके शरीर में तो नहीं दिख रहे.

पुरुष या महिला खतरा बराबर

महिला और पुरुष किसको हार्ट अटैक से ज्यादा खतरा है, इसको लेकर तरह-तरह की स्टडी की गई है. मेडिकल एक्सपर्ट हार्ट अटैक के खतरे को लेकर बताते हैं कि कई अध्ययन के बाद कुछ बातें सामने आई हैं जिनमें महिलाओं और पुरुषों में हार्ट अटैक को लेकर कुछ अंतर तो रहते हैं लेकिन खतरा बराबर रहता है.

उम्र के मामले में इन्हें अटैक का खतरा

पुरुष हार्टअटैक की चपेट में जल्दी आ जाते हैं. 45 की उम्र के बाद उन्हें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. दूसरी तरफ महिलाओं में हार्ट से संबंधित बीमारियां 50 की उम्र के बाद ज्यादा देखने को मिलती हैं. धूम्रपान और अनियमित खानपान के कारण मोटापा बढ़ जाता है. मौजूदा जीवन शैली में ये लक्षण महिलाओं और पुरुषों दोनों में देखने मिल रहे हैं. नियमित व्यायाम से नियंत्रण किया जा सकता है, नहीं तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

पारिवारिक इतिहास, दिल से संबंधित बीमारियां

महिला हों या पुरुष, अगर परिवार में किसी को हार्ट से संबंध बीमारियां पहले से रही हैं तो ये बीमारी एक तरह से आनुवांशिक है और दोनों के लिए खतरा बराबर है. किसी महिला या पुरुष के लिए दिल से संबंधित बीमारियां हैं तो उसके लिए हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा है. हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. तरह-तरह के तनाव, चिंता और डिप्रेशन ऐसी मानसिक बीमारियां हैं जिनका सीधा असर हमारे दिल पर होता है.

महिलाओं से संबंधित कुछ दूसरे कारण

पुरुष और महिलाओं में हार्ट अटैक से जुड़ी वजहें एक जैसी हैं लेकिन महिलाओं द्वारा गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल और मेनोपॉज की स्थिति में होने वाले बदलाव हार्ट से संबंधित बीमारियों की वजह बन सकते हैं, जो आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं.

दोनों के शरीर में हैं यह लक्षण तो रहे सतर्क

उम्र के साथ शरीर में होने वाले कुछ लक्षणों को लेकर महिला और पुरुष दोनों को बराबर सतर्क रहना चाहिए. जैसे सीने में दर्द या जकड़न की स्थिति, सांस लेने में तकलीफ और ठंडा पसीना आना, चक्कर के साथ मतली और उल्टी जैसी स्थिति या फिर गर्दन या हाथ में दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए.

ये भी पढ़ें:

कैसा महसूस होता है हार्ट अटैक का दर्द? एसिडिटी के दर्द से लोग होते हैं कंफ्यूज

30 साल से कम उम्र में बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, धूम्रपान, मोटापा...जानें प्रमुख कारण

एमपी में साइलेंट हार्ट अटैक के मामले बढ़े, इंदौर में फिर एक स्टूडेंट की मौत, पढ़ाई के दौरान हुआ था सीने में दर्द

'बढ़ती उम्र के साथ रहें सतर्क और सावधान'

एमडी मेडिसिन डॉ जितेंद्र सराफ कहते हैं कि "दिल का मामला जीवन से जुड़ा मामला है, इसको लेकर तरह-तरह की शंकाए सुनने मिलती रहती हैं. महिलाओं और पुरुषों में किसे ज्यादा हार्ट अटैक का खतरा है इसकी बहस जगह-जगह सुनने मिलती है लेकिन चिकित्सा विज्ञान मानता है कि बीमारी का खतरा महिलाओं और पुरुषों को बराबर रहता है. ये जरूर है कि दोनों के कामकाज और लाइफस्टाइल अलग-अलग होने के कारण अलग-अलग समय पर ये बीमारी सामने आती है. वजहें लगभग एक जैसी होती हैं लेकिन महिलाओं और पुरुषों में बीमारी के लक्षण का समय अलग-अलग हो सकता है. इसको लेकर बढ़ती उम्र के साथ सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है. किसी भी प्रकार के गंभीर लक्षण दिखने पर डाक्टर की सलाह जरूर लें."

Last Updated : Jun 21, 2024, 6:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.