Hearing Problems : मोबाइल पर लंबे समय तक हेडफोन व इअरफोन के अधिक इस्तेमाल से युवाओं के कान खराब हो रहे हैं. यहां तक कि छोटे शहरों में भी हर महीने कान की बीमारियों से पीड़ित 5 से 7 मरीज हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं. जिनमें लोग मोबाइल पर लंबे समय तक इअरफोन के इस्तेमाल से पीड़ित हैं. ईएनटी विशेषज्ञ की मानें तो इअरफोन के इस्तेमाल करने वालों में सर्वाधिक 20 से 40 साल के युवा शामिल हैं.
ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. दिगपाल दत्त ने बताया कि मोबाइल पर Earphones का इस्तेमाल से युवाओं के कानों में समस्याएं उत्पन्न होने लगी हैं. जिसमें कान की सूक्ष्म व बाल कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने के साथ ही मांसपेशियाें का कमजोर होना पाया गया है. एक्सपर्ट की मानें तो कान कमजोर होने के बाद आपरेशन से भी उन्हें ठीक नहीं किया जा सकता. लिहाजा हेयरिंगहेड (कान की मशीन) लगाना ही विकल्प है. हालांकि प्रारंभिक चरण में मांसपेशियों की कमजोरी को दवाओं से ठीक किया जा रहा है.
हो सकते हैं इतने सारे नुकसान
इअरफोन के लगातार इस्तेमाल से सिरदर्द की शिकायत मुख्य रूप से होती है. इयरफोन से निकलने वाली इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तरंगें कानों से होते हुए मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं. जिससे नियमित रूप से सिरदर्द की शिकायत बनी रहती है. इतना ही नहीं इसके अधिक इस्तेमाल से हार्टबीट भी सामान्य से अधिक होना पाया गया है. इयरफोन का अधिक प्रयोग करने से तनाव व चिड़चिड़ापन भी अधिक होता है.
इस समय इयरफोन से बनाएं दूरी
सामान्य रूप से मनुष्य की श्रवण क्षमता शून्य से अधिकतम 130 डेसिबल तक होती है. ऐसे में सुबह व शाम टहलने के दौरान Headphones/Earbuds का इस्तेमाल कानों को खराब भी कर सकता है. वॉक करते समय Earphones/Earbuds लगाने से कान की रक्त नलिकाओं पर अधिक दबाव पड़ता है और उनमें सूजन आ सकती है. साथ ही इयरफोन लगाने से कानों में सामान्य से अधिक मैल जमा होती है. जिसमें बैक्टीरिया व फंगस जमना शुरू हो जाते हैं. जिससे धीरे-धीरे कानों को सुनाई देना बंद हो जाता है.
कमजोर होते कान के ये हैं शुरूआती लक्षण
ईएनटी विशेषज्ञ की मानें तो लंबे समय तक इअरफोन के अधिक इस्तेमाल से मनुष्य के शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. आलम यह है कि हर महीने 5 से 7 मरीज ENT सर्जन के चक्कर काट रहे हैं. ENT specialist Dr. Digpal Dutt ने बताया कि शुरूआत में कानों में सायं-सायं व घंटियाें की आवाजें सुनाई देती हैं.समय पर उपचार हो तो दवाओं से कान की मांसपेशियों को दुरूस्त किया जा सकता है.
क्या कहते हैं ईएनटी विशेषज्ञ
उप जिला संयुक्त अस्पताल श्रीनगर के ईएनटी विशेषज्ञ Dr Digpal Dutt ने बताया कि हर महीने 30 से 35 मरीज कान की बीमारियों से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंचते हैं. इनमें 5 ये 7 युवा भी शामिल हैं. बताया कि किसी भी तरह की समस्या होने पर तेल या कोई भी तरल कानों में कतई ना डालें. कान की समस्या होने पर उन्होंने नजदीकी अस्पताल में उपचार करवाने की सलाह दी.
डिस्कलेमर: यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं,बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर/एक्सपर्ट की सलाह लें.