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गर्मी से बढ़ा बच्चों में AES का खतरा, रहें सावधान, इन बातों का रखें ध्यान - Chamki Fever

Chamki Bukhar In Muzaffarpur: बिहार में चमकी बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. सोमवार को मुजफ्फरपुर में एक और मामला सामने आया है. अब तक कुल 10 बच्चों में इसकी शिकायत मिली है, जिसे इलाज के बाद घर भेज दिया गया है. बिहार में अब तक 18 केस सामने आए हैं. पढ़ें पूरी खबर.

बिहार में चमकी बुखार को लेकर स्वास्थ विभाग अलर्ट
बिहार में चमकी बुखार को लेकर स्वास्थ विभाग अलर्ट (Etv Bharat GFX)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 27, 2024, 8:03 PM IST

मुजफ्फरपुरः बिहार में चमकी बुखार यानि एईएस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. सदर अस्पताल, एसकेएमसीएच से लेकर सभी पीएचसी में तैयारी मुकम्मल कराई गई है. एईएस से बचाव को लेकर एसओपी भी तैयार की गई है जिसमें कई तरह के दिशा निर्देश दिए गए हैं.

मुजफ्फरपुर में कुल 10 केसः अबतक मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, वैशाली व गोपालगंज से कुल 18 केस सामने आए हैं. इसमें मुजफ्फरपुर में 9 केस थे. सोमवार को मीनापुर के एक बच्चे में इसकी पुष्टि हुई. अब मुजफ्फरपुर में कुल 10 केस हो गए हैं. सभी को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है.

"सभी 16 पीएचसी में एईएस से पीड़ित बच्चों का प्रथम चरण में इलाज किया जाएगा. पीएचसी स्तर पर एईएस को लेकर 33 से अधिक प्रकार की दवाएं और उपकरण उपलब्ध है. जिला स्तरीय टीम सभी पीएचसी में एईएस से बचाव को लेकर मिली कमियों का आकलन करेगी. इसके बाद प्रचार-प्रसार व जागरूकता अभियान भी शुरू है." -डॉ अजय कुमार, सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर

चमकी बुखार के लक्षण
चमकी बुखार के लक्षण (Etv Bharat GFX)

प्रोटोकॉल में शामिल दवा उपलब्धः सिविल सर्जन ने बताया कि पीएचसी में बेड के साथ ग्लूकोमीटर, थर्मामीटर सहित अन्य आवश्यक उपकरण और प्रोटोकॉल में शामिल दवा उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है. ग्रामीण इलाकों में रहने वाले पीड़ित बच्चों को बाइक से अस्पताल पहुंचाने वाले को चार सौ से 6 सौ रुपये देने का प्रावधान किया गया है. हालांकि पूर्व से भी अन्य वाहन से आने पर उस वाहन के मालिक को भाड़ा दिया जाता है.

पीकू वार्ड में व्यवस्थाः एसकेएमसीएच में बने 100 बेड वाले पीकू वार्ड को चमकी बुखार से आने वाले बच्चों के लिए हमेशा तैयार रखा जाता है, जिसको आधुनिक ढंग से बनाया गया है. 24 के घंटे के लिए डॉक्टरों की तैनाती की गई है. सिविल सर्जन ने बताया की चमकी बुखार से निपटने के लिए जिले के सदर अस्पताल से लेकर सभी प्रखंडों के पीएचसी और सीएचसी में अलग बेड की व्यवस्था कराई गई है.

चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के उपाय
चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के उपाय (Etv Bharat GFX)

चमकी बुखार के लक्षण: इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसका वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है.

बच्चों में क्या होता है? एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.

बच्चों को चमकी बुखार होने पर क्या करें
बच्चों को चमकी बुखार होने पर क्या करें (Etv Bharat GFX)

इन बातों का रखें ध्यान: बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.

समय पर ले जाएं अस्पतालः पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है. यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़-फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं.

यह भी पढ़ेंः सफेद नमक खाना बंद करें, वर्ना इन 18 बीमारियों के लिए रहें तैयार - White Salt Side Effects

मुजफ्फरपुरः बिहार में चमकी बुखार यानि एईएस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. सदर अस्पताल, एसकेएमसीएच से लेकर सभी पीएचसी में तैयारी मुकम्मल कराई गई है. एईएस से बचाव को लेकर एसओपी भी तैयार की गई है जिसमें कई तरह के दिशा निर्देश दिए गए हैं.

मुजफ्फरपुर में कुल 10 केसः अबतक मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, वैशाली व गोपालगंज से कुल 18 केस सामने आए हैं. इसमें मुजफ्फरपुर में 9 केस थे. सोमवार को मीनापुर के एक बच्चे में इसकी पुष्टि हुई. अब मुजफ्फरपुर में कुल 10 केस हो गए हैं. सभी को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है.

"सभी 16 पीएचसी में एईएस से पीड़ित बच्चों का प्रथम चरण में इलाज किया जाएगा. पीएचसी स्तर पर एईएस को लेकर 33 से अधिक प्रकार की दवाएं और उपकरण उपलब्ध है. जिला स्तरीय टीम सभी पीएचसी में एईएस से बचाव को लेकर मिली कमियों का आकलन करेगी. इसके बाद प्रचार-प्रसार व जागरूकता अभियान भी शुरू है." -डॉ अजय कुमार, सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर

चमकी बुखार के लक्षण
चमकी बुखार के लक्षण (Etv Bharat GFX)

प्रोटोकॉल में शामिल दवा उपलब्धः सिविल सर्जन ने बताया कि पीएचसी में बेड के साथ ग्लूकोमीटर, थर्मामीटर सहित अन्य आवश्यक उपकरण और प्रोटोकॉल में शामिल दवा उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है. ग्रामीण इलाकों में रहने वाले पीड़ित बच्चों को बाइक से अस्पताल पहुंचाने वाले को चार सौ से 6 सौ रुपये देने का प्रावधान किया गया है. हालांकि पूर्व से भी अन्य वाहन से आने पर उस वाहन के मालिक को भाड़ा दिया जाता है.

पीकू वार्ड में व्यवस्थाः एसकेएमसीएच में बने 100 बेड वाले पीकू वार्ड को चमकी बुखार से आने वाले बच्चों के लिए हमेशा तैयार रखा जाता है, जिसको आधुनिक ढंग से बनाया गया है. 24 के घंटे के लिए डॉक्टरों की तैनाती की गई है. सिविल सर्जन ने बताया की चमकी बुखार से निपटने के लिए जिले के सदर अस्पताल से लेकर सभी प्रखंडों के पीएचसी और सीएचसी में अलग बेड की व्यवस्था कराई गई है.

चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के उपाय
चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के उपाय (Etv Bharat GFX)

चमकी बुखार के लक्षण: इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसका वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है.

बच्चों में क्या होता है? एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.

बच्चों को चमकी बुखार होने पर क्या करें
बच्चों को चमकी बुखार होने पर क्या करें (Etv Bharat GFX)

इन बातों का रखें ध्यान: बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.

समय पर ले जाएं अस्पतालः पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है. यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़-फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं.

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