पटना: बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी अपनी नई फिल्म भैया जी के साथ फिल्म जगत में शतक लगाने जा रहे हैं. मनोज बाजपेयी ने फिल्म के प्रमोशन के लिए पटना पहुंची. यहां उन्होंने 'भैया जी' मूवी के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भैया जी फिल्म फुल ऑन एक्शन मूवी है, जिसमें सौतेले भाइयों के बीच के प्रेम को दिखाया गया है.
'भैया जी' फिल्म में क्या है खास?: मनोज बाजपेयी से जब फिल्म भैया जी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इस फिल्म में भैया जी का किरदार कहानी की रीड है. यह कहानी सौतेली मां और बेटे के बीच की कहानी है. सौतेले भाईयों के बीच के प्रेम की कहानी है. फिल्म में बड़े भाई ने अपने पिता से वादा किया था कि जब तक वह अपने सौतेले भाई और मां की जिम्मेदारी पूरी नहीं कर लेगा तब तक वह अपनी जिंदगी को आगे नहीं बढ़ाएगा.
'भैया जी' मूवी का ट्विस्ट: मनोज बाजपेयी ने बताया कि फिल्म में एक वक्त ऐसा आता है, जब बड़े भाई के सामने अजीब सी चुनाव की स्थिति खड़ी हो जाती है कि वह परिवार की रक्षा करे या खुद अपनी रक्षा करे, अपने बारे में सोचे. जहां से पूरी कहानी शुरू होती है. मनोज बाजपेयी ने कहा कि अब आगे की कहानी दर्शक थियेटर में जाकर देखें. ये एक्शन मूवी है और अधिकतर एक्शन सीन खुद ही किया है, जो लोगों को काफी पसंद आएगा.
क्या बिहार से जुड़ी है कहानी?: मनोज बाजपेयी ने इस फिल्म की कहानी बिहार से जुड़ी होने के सवाल पर कहा कि कहानी कहीं की भी हो सकती है. यह कहानी मध्य प्रदेश की भी हो सकती है, उत्तर प्रदेश में भी हो सकती है, राजस्थान, छत्तीसगढ़ कहीं भी डाली जा सकती है. लेकिन हमारे फिल्म के डायरेक्टर, निर्देशक का चुनाव था कि इसकी कहानी हम बिहार के पृष्ठभूमि से उठाएंगे.
"बहुत सालों से मुख्य धारा में हमारे बिहार की धरती, मिट्टी थोड़ी सी गायब रही है. इसलिए बिहार की पृष्ठभूमि, बिहार के संस्कृति परंपरा से जुड़े लोगों को इस फिल्म में देखने को मिलेगा. जो लोगों के लिए काफी स्मरणीय रहेगा. बिहार की माटी से जुड़े हुए हैं एक बिहार सौ पर भारी. बिहार में पले बड़े, शुद्ध भोजन किया है. गाय-भैंस का दूध पिया है, इसी का नतीजा है कि एक्शन खुद किया."- मनोज बाजपेयी, फिल्म अभिनेता
'भैया जी' का किरदार काफी खूंखार क्यों है?: मनोज बाजपेई ने बताया कि फिल्म का नाम भैया जी इसलिए पड़ा, क्योंकि इसी किरदार की ये कहानी है. ट्रेलर में भैया जी काफी खूंखार नजर आ रहे हैं, इस सवाल पर मनोज बाजपेयी ने कहा कि भैया जी का एक दूसरा रूप भी है. जब वह परिवार के बीच होते हैं तो वह रूप अलग होता है. जो परिवार के लिए नरसंहार करता है और कई तस्वीर सामने निकल कर आएगी, जब दर्शक पूरी फिल्म देखेंगे तो वह नजर आएगा.
चुनाव से फिल्म का कोई संबंध?: मनोज बाजपेयी से हमने सवाल किया की सुल फिल्म बिहार के पृष्ठभूमि 1990 की दशक पर बनाई गई थी. यह 2024 चुनाव के समय में रिलीज हो रही है. ट्रेलर में सत्ता उलट फेर करने की बात कही जा रही है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी कहानी 2020 की भी हो सकती है. 2002 में भी हो सकती है. यह कहानी कभी भी हो सकती है.
क्या राजनीति में आएंगे मनोज बाजपेयी?: चुनाव लड़ने के सवाल पर मनोज बाजपेयी ने कहा कि 'सिनेमा जगत में बने रास्ते पर आगे बढ़ रहा हूं. इतनी कामयाबी पा रहा हूं, बना-बनाया रास्ता छोड़कर, कामयाबी छोड़कर ऐसे रास्ते पर क्यों जाउं, जिसके बारे में हमें जानकारी ही नहीं. मैं फिल्म में इंजॉय कर रहा हूं, इस गली को छोड़कर मैं चुनाव की गली में चला जाऊं, तो मुझसे बड़ा मूर्ख कोई नहीं होगा.'
परिवारवाद के सवाल पर क्या कहा?: सिनेमा जगत में परिवारवाद के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री है तो जाहिर सी बात है कि जो कोई प्रोडक्शन कंपनी चला रहा है. उसका बच्चा एक्टिंग में आना चाहता है, तो उसकी ट्रेनिंग होती है. मेरा मुंबई शहर में कोई नहीं है, लेकिन मैंने अपने टैलेंट को निखार कर इतनी मेहनत की कि थिएटर से जुड़कर यहां तक पहुंचा. गांव से मैं मुंबई नहीं बल्कि दिल्ली गया. दिल्ली में जाकर थिएटर किया और थिएटर के बाद अपने आप को अभिनेता के तौर पर स्थापित किया, तब जाकर मुंबई में मुकाम पाया.
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