मुंबई: जावेद अख्तर और संदीप रेड्डी वांगा फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम हैं. इस बीच एक ही मुद्दे को लेकर दोनों के बीच जुबानी जंग चल रही है. इस बीच अपने समस्याग्रस्त सीन्स वाली फिल्मों की व्यावसायिक सफलता को खतरनाक प्रवृत्ति करार देने वाले बयान का जिक्र करते हुए जावेद अख्तर ने संदीप रेड्डी पर व्यंग्य किया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब ‘एनिमल’ फिल्म के निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा उनके 53 साल के काम में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं खोज पाए तो उन्हें यह देखकर बहुत खुशी हुई.
अख्तर ने इस साल की शुरुआत में एक कार्यक्रम के दौरान वांगा की फिल्म पर स्पष्ट रूप से व्यंग्य करते हुए सिनेमा की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी. हालांकि, उन्होंने फिल्म का नाम नहीं लिया था. फिल्म निर्देशक को यह बात पसंद नहीं आई थी और उन्होंने अख्तर की कला को ‘झूठा’ करार दिया था. इस फिल्म में रणबीर कपूर ने ऐसे हिंसक व्यक्ति के रोल में नजर आए थे, जो अपने पिता की स्वीकृति के लिए बेताब है. इस फिल्म को हिंसात्मक और स्त्री द्वेष वाली कंटेंट और सीन्स के लिए जमकर आलोचना झेलनी पड़ी. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर 900 करोड़ रुपये कमाकर 2023 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिंदी फिल्मों में से एक रही है.
अख्तर ने एक डिजिटल संस्था से साक्षात्कार के दौरान कहा कि जब उन्होंने या उनकी टीम ने जवाब दिया तो मुझे बहुत खुशी हुई. मैंने सम्मानित महसूस किया कि मेरे 53 साल के करियर में उन्हें एक भी फिल्म, एक भी पटकथा, एक भी सीन, एक भी डायलॉग या एक भी गाना ऐसा नहीं मिला जिसके लिए वे कह सकें कि देखो ये तुमने लिखा है और तुम मेरी फिल्म के बारे में बात कर रहे हो. उन्होंने कहा कि जब ‘एनिमल’ के निर्देशक को उनके काम में कोई गंदगी नहीं दिखी तो उन्होंने ‘मिर्जापुर’ के लिए उनके बेटे फरहान अख्तर को निशाना बनाने का फैसला किया.
अख्तर ने कहा कि 'उन्हें मेरे बेटे के ऑफिस जाना पड़ा और उन्हें एक ऐसा टीवी शो मिला, जिसमें फरहान ने न तो काम किया, न ही उसका निर्देशन किया और न ही उन्होंने उसे लिखा. उनकी कंपनी ने इसका निर्माण किया है. आजकल एक्सेल जैसी बड़ी कंपनियां बहुत सी चीजों का निर्माण कर रही हैं तो उनमें से एक यह (मिर्जापुर) था. उन्होंने इसका जिक्र किया. इससे मुझे बहुत खुशी हुई. आप मेरे करियर के 53 साल में कुछ भी नहीं ढूंढ़ पाए. कितने शर्म की बात है. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने बयान में फिल्मकार की निंदा नहीं की थी.
जावेद अख्तर ने कहा कि ‘लोकतांत्रिक समाज में उन्हें (वांगा) एक ‘एनिमल’ और ‘एनिमल’ जैसी कई फिल्म बनाने का अधिकार है. मैं दर्शकों को लेकर चिंतित था, फिल्म निर्माता को लेकर नहीं. उन्हें किसी भी तरह की फिल्म को बनाने का अधिकार है. वास्तव में लोगों को पोर्न बनाने का अधिकार होना चाहिए और इसे ‘केवल वयस्कों के लिए’ रिलीज किया जाना चाहिए. अख्तर ने कहा कि कोई फिल्म निर्माता ‘एनिमल’ में कपूर द्वारा निभाए रणविजय जैसे रोल को सम्मानित रूप में दिखा सकता है लेकिन करोड़ों लोगों द्वारा इसकी सराहना किया जाना उनकी ‘चिंता का विषय’ है.
उन्होंने समान नागरिक संहिता पर भी बात की और कहा कि मैं कल से नहीं, बल्कि कई वर्षों से समान नागरिक संहिता का समर्थक हूं लेकिन समान नागरिक संहिता के नाम पर जो हो रहा है वह बेतुका है. समान नागरिक संहिता के बैनर तले इसे मुस्लिम या अल्पसंख्यकों पर हमला करने के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. यह निष्पक्ष और तार्किक होना चाहिए और केंद्र की ओर से होना चाहिए. इस पर गहन चर्चा होनी चाहिए.