हैदराबाद: 15 अगस्त 2024 को हम अपने देश आर्यभट्ट, भारत, हिंदुस्तान और इंडिया का 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे. हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने मुगलों और फिर अंग्रेजों से लड़कर हमें आजाद भारत की छत नसीब कराई. भारत पर मुगलों के बाद गोरों ने राज करना शुरू किया था, जो 200 सालों तक चला. वहीं, भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, चंद्र शेखर आजाद, महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भीम राव अंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल और आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू समेत कई हस्तियों ने अंग्रेजों से डटकर मुकाबला किया और फिर 15 अगस्त 1947 का वो दिन आया, जब देश को आजादी का बादल मिला. आज को जीने के लिए इतिहास को जानना भी जरूरी है. अगर आप 15 अगस्त को सिर्फ पतंग उड़ाने का त्योहार मानते हैं, तो आपको इन फिल्मों को एक बार जरूर देख लेना चाहिए.
शहीद- 1965
भारत की आजादी के लिए हुए संघर्ष पर बेस्ड फिल्म 'शहीद' आपको नौजवान फ्रीडम फाइटर भगत सिंह का देश के प्रति नि-स्वार्थ त्याग को दिखाएगी. इस कहानी के रचियता शहीद भगत सिंह के साथी बटुकेश्वर दत्त हैं. फिल्म के गीत अमर शहीद राम प्रसाद 'बिस्मिल' के हैं. फिल्म में शहीद भगत सिंह का रोल दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार ने किया था. भारत को असल में आजादी कैसे मिली, अगर यह जानना है तो यह फिल्म जरूर देखें.
आनंद मठ - 1952
साल 1952 में फिल्म आई थी 'आनंद मठ', जोकि बंकिम चंद्र चटर्जी के उपन्यास पर बेस्ड है. भारत की आजादी में सन्यांसी क्रांतिकारियों ने भी भूमिका निभाई थी. 18वीं शताब्दी में अंग्रेंजों के खिलाफ लड़ी इस लड़ाई ने आजादी की भूख को बढ़ाया था. फिल्म में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम भी है.
द लेजेंड ऑफ भगत सिंह- 2002
21वीं शताब्दी में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन पर एक के बाद एक फिल्में बनने लगी, जिसमें सबसे ज्यादा शहीद भगत सिंह पर कई फिल्में बनीं. इसमें से एक है साल 2002 में आई राजकुमार संतोषी की फिल्म 'द लेजेंड ऑफ भगत सिंह'. इसमें अजय देवगन ने शहीद भगत सिंह का किरदार निभाया था. शहीद भगत सिंह ने अपने दोस्त राजगुरू और सुखदेव के साथ मिलकर कैसे लोहा लिया यह फिल्म बताती है.
मंगल पांडे: द राइजिंग- 2005
1857 का विद्रोह के बारे में अगर आप जानते हैं तो आप क्रांतिकारी मंगल पांडे के बारे में जरूर जानते होंगे. 1857 का विद्रोह अंग्रेंजो के खिलाफ पहला विद्रोह था, जिसमें मंगल पांडे ने अंग्रेजों की चूलों को हिला डाला था. मंगल पांडे को भारत की आजादी के लिए लड़ी लड़ाई का अगर पहला सिपाही कहें तो गलत नहीं होगा. साल 2005 में आई फिल्म 'मंगल पांडे: द राइजिंग' को आपको जरूर देखना चाहिए.
'कालापानी'- 1996
फिल्म कालापानी सेलुलर जेल में बंद फ्रीडम फाइटर के देश के लिए किए संघर्ष की कहानी को दर्शाती है. इस मलयालम फिल्म में मोहनलाल, तब्बू और अमरीश पुरी ने शानदार काम किया है. हिंदी में इसे 'सजा-ए-कालापानी' के नाम से रिलीज किया गया था. संतोष सिवन को बेस्ट सिनेमैटोग्राफी सहित 'कालापानी' को कुल 4 नेशनल अवॉर्ड भी मिले थे.
अ हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया (2020)
24 एपिसोड वाली सीरीज अ हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया भारत के गुलाम होने, ब्रिटिश हुकूमत के बिखरने और भारत-पाक के बनने की कहानी को दिखााएगी. इसे हेडेन जे बेलेनुआ ने द ग्रेट कोर्सेज ने मिलकर बनाया है.
संविधान
दिग्गज फिल्ममेकर श्याम बेनेगल की 10 एपिसोड की ये मिनी टीवी सीरीज अंग्रेजों के भारत को आजाद करने और सत्ता सौंपने की कहानी दिखाएगी और साथ ही संविधान कैसे बना यह भी सीरीज में देखने को मिलेगा. इसे श्याम बेनेगल ने राज्य सभा टीवी के लिए लिए बनाया था. अतुल तिवारी और शमा जैदी ने सीरीज को लिखा था.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगाटेन हीरो (2004)
नेताजी सुभाषचंद्र बोस का बलिदान देश कभी नहीं भुला सकता है. नेता ने अंग्रेजों के शासन की चूलों को जड़ से हिला डाला था. श्याम बेनेगल ने फिल्म नेताजी सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगाटेन हीरो (2004) बनाई, जिसे 2 नेशनल अवार्ड भी मिले थे. एक्टर सचिन खेडकर ने फिल्म में नेताजी का किरदार निभाया था. अगर आप जानना चाहते हैं कि देश की आजादी में नेताजी का क्या रोल है, यह फिल्म जरूर देख लें.