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'उच्च शिक्षा को बाधित कर रहे बिहार शिक्षा विभाग के पदाधिकारी' राज्यपाल की बैठक में कुलपतियों ने की शिकायत - Bihar Education News

बिहार के राज्यपाल ने कुलपतियों के साथ बैठक की. इस दौरान सभी ने उच्च शिक्षा को बाधित करने का आरोप लगाया. सभी ने शिकायत करते हुए शैक्षिक माहौल को बेहतर करने की अपील की. पढे़ं पूरी खबर-

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 9, 2024, 11:08 PM IST

राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर
राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर

पटना : राजभवन और बिहार शिक्षा विभाग के बीच विवाद सलटने का नाम नहीं ले रहा है. राज्यपाल की ओर से कुलपतियों की आज बैठक बुलाई गई थी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी बैठक में बुलाया गया था लेकिन अपर मुख्य सचिव नहीं पहुंचे. कुलपतियों ने शिक्षा विभाग पर आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था को विभाग बेपटरी करने की कोशिश कर रहा है.

राज्यपाल ने कुलपतियों के साथ की बैठक : राज्यपाल-सह-कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बिहार राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ राजभवन में बैठक की तथा उन्हें विश्वविद्यालय एवं विद्यार्थियों के हित में कार्य करने एवं तदनुरूप व्यवहार करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि परीक्षाएं ससमय आयोजित करायी जाये ताकि बच्चों का भविष्य अंधकारमय नहीं हो.

''विगत एक वर्ष से विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं ससमय कराने एवं सत्र नियमित करने के लिए काफी प्रयास किए गए हैं और उनके अच्छे परिणाम भी मिले हैं, परन्तु शिक्षा विभाग के पदाधिकारीगण उच्च शिक्षा को बाधित करने की नीयत से इसमें व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था फिर से पुरानी स्थिति में आ जाए. राजभवन एवं शिक्षा विभाग के आपसी समन्वय एवं एक साथ मिलकर प्रयत्न करने से ही बिहार के शैक्षिक वातावरण को बेहतर बनाया जा सकता है.''- राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, राज्यपाल-सह-कुलाधिपति

'बैंक खातों के संचालन पर रोक से हो रही परेशानी' : बैठक में कुलपतियों ने बताया कि विश्वविद्यालय के बैंक खातों के संचालन पर रोक के चलते वेतन एवं पेंशन, आयकर, बिजली बिल, भविष्य निधि, एनपीएस एवं दैनिक कार्यों के लिए व्यय के भुगतान के साथ-साथ परीक्षाओं के संचालन, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य भी बाधित हैं. उन खातों के संचालन पर भी रोक लगा दी गई है जिनमें सिर्फ विद्यार्थियों के पैसे हैं. इससे व्यावसायिक कोर्स (Vocational Courses) के संचालन बाधित हो रहे हैं. वर्तमान परिस्थिति में विश्वविद्यालय की गतिविधियों का संपादन मुश्किल हो रहा है.

'शिक्षा विभाग को कार्रवाई का अधिकार नहीं' : बैठक में कुलपतियों ने बताया कि शिक्षा विभाग को उनके विरूद्ध कार्रवाई करने अथवा उनका वेतन आदि रोकने का कोई अधिकार नहीं है. नियमानुसार सिर्फ कुलाधिपति ही ऐसा कर सकते हैं, शिक्षा विभाग सिर्फ इसकी अनुशंसा कर सकता है. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसा प्रचारित किया जा रहा है कि शिक्षा विभाग बिहार में उच्च शिक्षा को बेहतर करने का प्रयास कर रहा है, किन्तु राजभवन एवं कुलपति इसमें बाधक बन रहे हैं.

'शिक्षा विभाग विचलित होकर बाधा डाल रहा' : कुलपतियों ने बताया कि विगत एक वर्ष से राजभवन एवं कुलपतियों के प्रयास से परीक्षाएं ससमय आयोजित करायी जा रही हैं और सत्र नियमित किये जा रहे हैं. शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को यह पसंद नहीं है और वे विचलित होकर इसमें बाधा डाल रहे हैं.

राज भवन और शिक्षा विभाग का तकरार जारी : राज्यपाल की अध्यक्षता में आहूत इस बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू, बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, राज्यपाल सचिवालय के पदाधिकारी एवं अन्य लोग उपस्थित थे. बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी आमंत्रित किया गया था, परन्तु वे उपस्थित नहीं रहे. इससे पहले शिक्षा विभाग की ओर से जब भी कुलपतियों की बैठक बुलाई गई है उसमें कुलपति नहीं पहुंचे हैं. वहीं राज भवन की ओर से बुलाई गई बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव शामिल नहीं होते हैं.

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पटना : राजभवन और बिहार शिक्षा विभाग के बीच विवाद सलटने का नाम नहीं ले रहा है. राज्यपाल की ओर से कुलपतियों की आज बैठक बुलाई गई थी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी बैठक में बुलाया गया था लेकिन अपर मुख्य सचिव नहीं पहुंचे. कुलपतियों ने शिक्षा विभाग पर आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था को विभाग बेपटरी करने की कोशिश कर रहा है.

राज्यपाल ने कुलपतियों के साथ की बैठक : राज्यपाल-सह-कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बिहार राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ राजभवन में बैठक की तथा उन्हें विश्वविद्यालय एवं विद्यार्थियों के हित में कार्य करने एवं तदनुरूप व्यवहार करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि परीक्षाएं ससमय आयोजित करायी जाये ताकि बच्चों का भविष्य अंधकारमय नहीं हो.

''विगत एक वर्ष से विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं ससमय कराने एवं सत्र नियमित करने के लिए काफी प्रयास किए गए हैं और उनके अच्छे परिणाम भी मिले हैं, परन्तु शिक्षा विभाग के पदाधिकारीगण उच्च शिक्षा को बाधित करने की नीयत से इसमें व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था फिर से पुरानी स्थिति में आ जाए. राजभवन एवं शिक्षा विभाग के आपसी समन्वय एवं एक साथ मिलकर प्रयत्न करने से ही बिहार के शैक्षिक वातावरण को बेहतर बनाया जा सकता है.''- राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, राज्यपाल-सह-कुलाधिपति

'बैंक खातों के संचालन पर रोक से हो रही परेशानी' : बैठक में कुलपतियों ने बताया कि विश्वविद्यालय के बैंक खातों के संचालन पर रोक के चलते वेतन एवं पेंशन, आयकर, बिजली बिल, भविष्य निधि, एनपीएस एवं दैनिक कार्यों के लिए व्यय के भुगतान के साथ-साथ परीक्षाओं के संचालन, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य भी बाधित हैं. उन खातों के संचालन पर भी रोक लगा दी गई है जिनमें सिर्फ विद्यार्थियों के पैसे हैं. इससे व्यावसायिक कोर्स (Vocational Courses) के संचालन बाधित हो रहे हैं. वर्तमान परिस्थिति में विश्वविद्यालय की गतिविधियों का संपादन मुश्किल हो रहा है.

'शिक्षा विभाग को कार्रवाई का अधिकार नहीं' : बैठक में कुलपतियों ने बताया कि शिक्षा विभाग को उनके विरूद्ध कार्रवाई करने अथवा उनका वेतन आदि रोकने का कोई अधिकार नहीं है. नियमानुसार सिर्फ कुलाधिपति ही ऐसा कर सकते हैं, शिक्षा विभाग सिर्फ इसकी अनुशंसा कर सकता है. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसा प्रचारित किया जा रहा है कि शिक्षा विभाग बिहार में उच्च शिक्षा को बेहतर करने का प्रयास कर रहा है, किन्तु राजभवन एवं कुलपति इसमें बाधक बन रहे हैं.

'शिक्षा विभाग विचलित होकर बाधा डाल रहा' : कुलपतियों ने बताया कि विगत एक वर्ष से राजभवन एवं कुलपतियों के प्रयास से परीक्षाएं ससमय आयोजित करायी जा रही हैं और सत्र नियमित किये जा रहे हैं. शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को यह पसंद नहीं है और वे विचलित होकर इसमें बाधा डाल रहे हैं.

राज भवन और शिक्षा विभाग का तकरार जारी : राज्यपाल की अध्यक्षता में आहूत इस बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू, बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, राज्यपाल सचिवालय के पदाधिकारी एवं अन्य लोग उपस्थित थे. बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी आमंत्रित किया गया था, परन्तु वे उपस्थित नहीं रहे. इससे पहले शिक्षा विभाग की ओर से जब भी कुलपतियों की बैठक बुलाई गई है उसमें कुलपति नहीं पहुंचे हैं. वहीं राज भवन की ओर से बुलाई गई बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव शामिल नहीं होते हैं.

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