पटना: बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक सत्र 2024-28 में नामांकन लेने वाले छात्र अब मोबाइल ऐप के माध्यम से ही आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर पायेंगे. इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्य योजना तैयार कर ली है. नये सत्र में नामांकन के लिए 15 अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन शुरू होने की उम्मीद है. ऐसे में विद्यार्थियों को अब साइबर कैफे का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. साथ ही कॉलेजों के चयन से लेकर पूरी प्रक्रिया को वे स्वयं देख रहे है. इसके लिए मोबाइल ऐप विकसित किया जा रहा है.
ऐप से ही अपलोड हो जायेगा कागजात: इस ऐप में विश्वविद्यालय की ओर से सभी अंगीभूत और संबद्ध डिग्री कॉलेजों का डाटा पहले से ही अपलोड रहेगा. विषय का विकल्प चुनते ही जिन कॉलेजों में उस विषय की पढ़ाई होती होगी।. उन्हीं का विकल्प विद्यार्थियों को दिखेगा. विद्यार्थी अधिकतम 10 कॉलेजों का विकल्प दे पायेंगे. फोटो, सिग्नेचर से लेकर सभी आवश्यक कागजात ऐप के माध्यम से ही अपलोड हो जायेगा. ऐसे में विद्यार्थियों को साइबर कैफे का चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी. साथ ही पैसे की बचत भी होगी.
ऐप पर ही मिल जाएगी कटऑफ लिस्ट: सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, वैशाली, बेतिया, बगहा, मोतिहारी, शिवहर के विद्यार्थियों को उनके जिले के ही कॉलेज को पहली प्राथमिकता के तौर पर आवंटित किया जायेगा. आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कटऑफ लिस्ट और विद्यार्थियों को आवंटित होने वाले कॉलेज की जानकारी ऐप के माध्यम से ही मिल जायेगी. विश्वविद्यालय में इसी सप्ताह नामांकन समिति की बैठक होनी है.
मोबाइल नंबर नहीं देने से होती थी परेशानी: पिछले वर्ष तक विश्वविद्यालय के वेबसाइट से आवेदन की प्रक्रिया हुई थी. ग्रामीण क्षेत्र के स्टूडेंट्स ने साइबर कैफे से आवेदन किया था. कई कैफे संचालकों ने अभ्यर्थी की जगह अपना ही मोबाइल नंबर और इमेल आइडी दर्ज कर दिया. इस कारण मेधा सूची जारी होने पर उन्हें जानकारी ही नहीं मिल सकी. बाद में विद्यार्थियों ने संस्थान पहुंचकर पता किया तो तीसरी सूची में किसी प्रकार उनका नामांकन हो सका.
पिछले साल 110 कॉलेजों का विकल्प: बता दें कि पिछले वर्ष विश्वविद्यालय में 110 कॉलेजों का विकल्प मिला था. इसमें 1.35 लाख विद्यार्थियों ने नामांकन लिया था. कई कॉलेजों को नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद सरकार से मान्यता मिली ऐसे में उन कॉलेजों को अंतिम चरण में मौका दिया गया. विश्वविद्यालय में स्नातक में कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय को मिलाकर करीब दो लाख सीटें निर्धारित हैं.
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