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कोडरमा में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही, 56 प्रतिशत स्कूली बच्चे मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा से वंचित, डीसी ने जांच के दिए निर्देश - Negligence Of Education Department

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 2, 2024, 9:13 PM IST

Students deprived of exam in Koderma. मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा से कोडरमा के हजारों स्कूली छात्र वंचित रह गए हैं. इसके पीछे की वजह जिला शिक्षा विभाग और शिक्षकों की लापरवाही बताई जा रही है. मामले में डीसी ने जांच के निर्देश दिए हैं.

Negligence Of Education Department
स्कूल में परीक्षा देते विद्यार्थी. (फोटो-ईटीवी भारत)

कोडरमा: जिले में शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. समय पर सूचना नहीं देने के कारण तकरीबन 56 प्रतिशत बच्चे मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा से वंचित रह गए हैं. हालांकि अब जिला प्रशासन दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई की बात कह रहा है.

कोडरमा में मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा से वंचित विद्यार्थी दुखड़ा बताते और बयान देतीं कोडरमा डीसी मेघा भारद्वाज. (वीडियो-ईटीवी भारत)

रविवार को हुई थी परीक्षा, जिले के 56 प्रतिशत विद्यार्थी रह गए परीक्षा से वंचित

बता दें कि कोडरमा समेत पूरे राज्य में कल यानि रविवार को 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा आयोजित की गई थी. कोडरमा जिले में भी 23 केंद्रो पर शांतिपूर्ण और कदाचार मुक्त परीक्षा संपन्न हुई. लेकिन आधे से अधिक बच्चे परीक्षा में शामिल ही नहीं हो सके. 10 हजार 189 बच्चों में मात्र 4554 बच्चे ही परीक्षा में शामिल हो पाए. जबकि 5635 बच्चे परीक्षा केंद्र तक पहुंचे ही नहीं.दरअसल, मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा को लेकर न तो शिक्षा विभाग की ओर से किसी तरह की स्पष्ट जानकारी दी गई और न ही स्कूल के शिक्षकों के द्वारा बच्चों को बताया गया था.

आठवीं पास सभी विद्यार्थियों के लिए आयोजित की गई थी परीक्षा

पूर्व में छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए स्कूल के मेधावी छात्रों का चयन किया जाता था और चयनित बच्चों के बीच ही परीक्षाएं आयोजित की जाती थी, लेकिन इस बार आठवीं पास सभी विद्यार्थियों को इस परीक्षा के लिए योग्य माना गया था.

शिक्षा विभाग और स्कूल के शिक्षकों की लापरवाही का है मामला

इस बात की जानकारी शिक्षा विभाग को भी थी और स्कूल के शिक्षकों को भी, लेकिन किसी ने भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. परीक्षा की सूचना बच्चों के साथ साझा नहीं की गई. आलम यह रहा कि जिले के कई स्कूलों के बच्चे इस परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए. कहीं-कहीं तो बच्चों की संख्या शून्य रही.

परीक्षा से वंचित विद्यार्थियों ने जताया अफसोस

इस संबंध में छात्र-छात्राओं ने बताया कि अगर उन्हें सूचना मिल जाती तो, वे लोग भी परीक्षा दे पाते. लेकिन अब उन्हें जानकारी नहीं मिलने के कारण अफसोस हो रहा है. बताते चलें कि मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा में पास विद्यार्थियों को 12 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान है. इससे बच्चों को पढ़ाई-लिखाई में आर्थिक सहयोग मिल पाता है, लेकिन जिले के तकरीबन 56 फीसदी छात्र इस परीक्षा से वंचित रह गए हैं.

डीसी ने जांच के दिए निर्देश, दोषी शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

बहरहाल शिक्षा विभाग और शिक्षकों की लापरवाही को लेकर जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं. कोडरमा डीसी मेघा भारद्वाज ने बताया कि जो भी शिक्षक बच्चों तक परीक्षा की सूचना साझा करने में लापरवाही बरते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही इस लापरवाही के कारण परीक्षा से वंचित छात्रों को फिर से एक बार मौका मिल सके इसके लिए विभाग से पुनः परीक्षा आयोजित करने का अनुरोध किया जाएगा.

जिन बच्चों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी, उन बच्चों तक परीक्षा की तिथि और केंद्र तक की सूचना नहीं पहुंचाना एक बहुत बड़ी लापरवाही है, लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर इस लापरवाही के पीछे वजह क्या रही. अब देखना लाजमी होगा कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर क्या कार्रवाई होती है.

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कोडरमा में मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा से वंचित विद्यार्थी दुखड़ा बताते और बयान देतीं कोडरमा डीसी मेघा भारद्वाज. (वीडियो-ईटीवी भारत)

रविवार को हुई थी परीक्षा, जिले के 56 प्रतिशत विद्यार्थी रह गए परीक्षा से वंचित

बता दें कि कोडरमा समेत पूरे राज्य में कल यानि रविवार को 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा आयोजित की गई थी. कोडरमा जिले में भी 23 केंद्रो पर शांतिपूर्ण और कदाचार मुक्त परीक्षा संपन्न हुई. लेकिन आधे से अधिक बच्चे परीक्षा में शामिल ही नहीं हो सके. 10 हजार 189 बच्चों में मात्र 4554 बच्चे ही परीक्षा में शामिल हो पाए. जबकि 5635 बच्चे परीक्षा केंद्र तक पहुंचे ही नहीं.दरअसल, मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा को लेकर न तो शिक्षा विभाग की ओर से किसी तरह की स्पष्ट जानकारी दी गई और न ही स्कूल के शिक्षकों के द्वारा बच्चों को बताया गया था.

आठवीं पास सभी विद्यार्थियों के लिए आयोजित की गई थी परीक्षा

पूर्व में छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए स्कूल के मेधावी छात्रों का चयन किया जाता था और चयनित बच्चों के बीच ही परीक्षाएं आयोजित की जाती थी, लेकिन इस बार आठवीं पास सभी विद्यार्थियों को इस परीक्षा के लिए योग्य माना गया था.

शिक्षा विभाग और स्कूल के शिक्षकों की लापरवाही का है मामला

इस बात की जानकारी शिक्षा विभाग को भी थी और स्कूल के शिक्षकों को भी, लेकिन किसी ने भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. परीक्षा की सूचना बच्चों के साथ साझा नहीं की गई. आलम यह रहा कि जिले के कई स्कूलों के बच्चे इस परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए. कहीं-कहीं तो बच्चों की संख्या शून्य रही.

परीक्षा से वंचित विद्यार्थियों ने जताया अफसोस

इस संबंध में छात्र-छात्राओं ने बताया कि अगर उन्हें सूचना मिल जाती तो, वे लोग भी परीक्षा दे पाते. लेकिन अब उन्हें जानकारी नहीं मिलने के कारण अफसोस हो रहा है. बताते चलें कि मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा में पास विद्यार्थियों को 12 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान है. इससे बच्चों को पढ़ाई-लिखाई में आर्थिक सहयोग मिल पाता है, लेकिन जिले के तकरीबन 56 फीसदी छात्र इस परीक्षा से वंचित रह गए हैं.

डीसी ने जांच के दिए निर्देश, दोषी शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

बहरहाल शिक्षा विभाग और शिक्षकों की लापरवाही को लेकर जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं. कोडरमा डीसी मेघा भारद्वाज ने बताया कि जो भी शिक्षक बच्चों तक परीक्षा की सूचना साझा करने में लापरवाही बरते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही इस लापरवाही के कारण परीक्षा से वंचित छात्रों को फिर से एक बार मौका मिल सके इसके लिए विभाग से पुनः परीक्षा आयोजित करने का अनुरोध किया जाएगा.

जिन बच्चों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी, उन बच्चों तक परीक्षा की तिथि और केंद्र तक की सूचना नहीं पहुंचाना एक बहुत बड़ी लापरवाही है, लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर इस लापरवाही के पीछे वजह क्या रही. अब देखना लाजमी होगा कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर क्या कार्रवाई होती है.

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