पटना : नीट परीक्षा पर सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या परीक्षा वाकई क्लीन है…? सुप्रीम कोर्ट में आज गुरुवार को नीट रिजल्ट को लेकर दायर की गई याचिका पर फैसला हुआ है कि ग्रेस मार्क्स मान्य नहीं होगा. एनटीए ने कहा है कि 6 सेंटर के 1563 बच्चे जिन्हें ग्रेस अंक मिला है, उन्हें दोबारा परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा. इन परीक्षार्थियों के पास दो ऑप्शन होंगे. या तो बिना ग्रेस अंक के काउंसलिंग प्रक्रिया में सम्मिलित हो अथवा 23 जून को इनके लिए आयोजित होने वाली परीक्षा में सम्मिलित हों. एनटीए ने कहा है कि 23 जून को जो परीक्षा ली जाएगी उसका रिजल्ट जून में ही जारी कर दिया जाएगा ताकि बच्चों को काउंसलिंग में दिक्कत ना हो.
'दोबारा परीक्षा आयोजित हो' : उच्चतम न्यायालय के इस फैसले का छात्रों और विशेषज्ञों ने स्वागत किया है. हालांकि सभी ने इस फैसले को आधा अधूरा बताया है और संतुष्ट नहीं हैं. नीट परीक्षा में 650 अंक लाने वाले पटना के छात्र प्रवीण कुमार ने बताया कि, ''इस बात से खुशी है कि गड़बड़ी करते हुए नियम के विरुद्ध जाकर परीक्षा में जो ग्रेस मार्क्स दिया गया था उसे हटा दिया गया है. लेकिन अभी भी परीक्षा के विश्वसनीयता पर पूरा संदेह है क्योंकि पेपर लीक का एंगल छिपा हुआ है. पुलिस के पास पूरा साक्ष्य होने के बावजूद एनटीए ने पेपर लीक के जांच में सहयोग नहीं किया है. हम चाहते हैं कि परीक्षा रद्द हो और दोबारा परीक्षा आयोजित हो.''
'पेपर लीक के एंगल पर जांच हो': नीट परीक्षा की तैयारी कराने वाले पटना के शिक्षक आशुतोष झा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. यह अच्छी बात है कि 1563 छात्रों को गलत तरीके से जो ग्रेस अंक दिए गए थे वह खत्म कर दिया गया है. इन छात्रों को दो मौका दिया गया है या तो वह परीक्षा में दोबारा सम्मिलित हो या बिना ग्रेस अंक के काउंसलिंग में जाएं. लेकिन वह माननीय सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करेंगे कि पेपर लीक के एंगल पर भी गहनता से जांच किया जाए.
''पटना पुलिस के पास पेपर लीक के पर्याप्त सबूत हैं. पटना पुलिस को हजारीबाग के जिस सेंटर की भूमिका मिली थी, वहां के 8 बच्चे 720 में 720 अंक लाने में सफल हुए हैं. कई बच्चे उसी केंद्र के 700 से अधिक अंक लाए हैं. परीक्षा की विश्वसनीयता पर संदेह है और परीक्षा स्वच्छ तरीके से आयोजित नहीं की गई है. हम चाहेंगे कि सुप्रीम कोर्ट जल्द से जल्द पेपर लीक के एंगल पर जांच कर अपना निर्णय दें.''- आशुतोष झा, नीट की तैयारी कराने वाले शिक्षक
'SC का फैसला आधा अधूरा' : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार के पूर्व अध्यक्ष और आईएमए बिहार के एक्शन कमेटी के कन्वीनर डॉ अजय कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आधा अधूरा है, हम अभी भी संतुष्ट नहीं है. परीक्षा में कई पैरामीटर पर अनियमितता हुई हैं. जिसमें एक पैरामीटर पर अभी निर्णय हुआ है. परीक्षा में नियम के विरुद्ध जाकर जो ग्रीस अंक दिए गए थे उसे खत्म किया गया है यह स्वागत योग्य है. लेकिन पेपर लीक के एंगल पर जांच अभी बाकी है. कई परीक्षा केंद्र पर पेपर लीक के सुराग सामने आए हैं. इन पर जल्द से जल्द जांच कर परीक्षा को रद्द करते हुए दोबारा परीक्षा आयोजित करनी चाहिए.
''अगर कुछ भी छात्र गलत तरीके से अंक अर्जित करके मेडिकल में दाखिला लेते हैं तो यह मेडिकल फील्ड के लिए दुर्भाग्य की बात होगी. इससे चिकित्सा जगत को भारी नुकसान होगा. योग्य अभ्यर्थी नामांकन से बच जाएंगे और अयोग्य दाखिला ले लेंगे. कुछ परीक्षा केंद्र के काफी बच्चों को 700 से अधिक अंक मिले हैं. इनमें कई को 720 में 720 अंक आए हैं, जिसे पचा पाना मुश्किल है.''- डॉ अजय कुमार, कन्वीनर, IMA बिहार के एक्शन कमेटी
'ITA की भूमिका पर संदेह' : डॉ अजय कुमार ने कहा कि मेडिकल की परीक्षा में इतने बड़े सिलेबस से पूछे गए प्रश्न में इतनी अधिक संख्या में छात्र 100% अंक हासिल करें तो परीक्षा की विश्वसनीयता और परीक्षा एजेंसी की भूमिका पर संदेह उठना लाजिमी है. वह चाहते हैं कि परीक्षा रद्द हो और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के जो भी अधिकारी और कर्मचारी अनियमितता में लिप्त हैं उन पर कार्रवाई हो.
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