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जो विद्यालय यू डायस पर नहीं है रजिस्टर्ड, अब होंगे बंद, शिक्षा विभाग ने शुरू किया नोटिस भेजना - Education Department - EDUCATION DEPARTMENT

Schools Not Registered On UDISE: बिहार में यू डायस पर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने वाले स्कूलों पर संकट मंडराने लगा है. प्रदेश में 4563 ऐसे विद्यालय हैं जिनका यू डायस पर रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है और उन्हें शिक्षा विभाग की ओर से नोटिस भेजा जाएगा. आगे पढ़ें पूरी खबर.

प्राइवेट विद्यालयों को शिक्षा विभाग का नोटिस
प्राइवेट विद्यालयों को शिक्षा विभाग का नोटिस
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 13, 2024, 9:00 AM IST

प्राइवेट विद्यालयों को शिक्षा विभाग का नोटिस

पटना: केंद्र सरकार के यू डायस पोर्टल पर राज्य के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को अपना रजिस्ट्रेशन करना है और उनमें सभी जानकारी को भरनी है. प्रदेश के 25000 के करीब प्राइवेट विद्यालयों में 4563 ऐसे स्कूल हैं जिनका यू डायस रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. पटना में ऐसे विद्यालयों की संख्या 120 है.

शिक्षा विभाग भेज रही नोटिस: इन विद्यालयों को शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय बंद करने के लिए नोटिस भेजा जाना शुरू हो गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से विद्यालयों को पत्र भेजा जा रहा है. वहीं प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद का कहना है कि बिहार में जिन निजी विद्यालयों को नोटिस भेजा गया है, उनमें कई ऐसे विद्यालय भी हैं जिन्होंने पोर्टल से जुड़ने के लिए अप्लाई किया हुआ है.

क्यों नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन: विभागीय शिथिलता और अन्य कर्म के कारण उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है. ऐसे में इन विद्यालयों के ऊपर कारवाई नहीं होनी चाहिए. शिक्षा विभाग को इनका जल्द से जल्द यू डायस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर देना चाहिए. इसके अलावा जो रजिस्टर्ड नहीं हुए हैं उनसे जानना चाहिए कि क्या दिक्कत हो रही है. वह भी पोर्टल से जुड़े इसके लिए शिक्षा विभाग को कोशिश करनी चाहिए.

बच्चों को आ रही समस्या: शमायल अहमद ने कहा कि यू डायस केंद्र सरकार की बहुत ही खूबसूरत पहल है. हालांकि एक समस्या यह भी आ रही है कि यू डायस पर रजिस्टर्ड प्राइवेट विद्यालय के जो बच्चे आठवीं कक्षा के बाद नौवीं कक्षा में सरकारी विद्यालय में एडमिशन लेने जा रहे हैं, तो उनका एडमिशन नहीं हो रहा है.

नामांकन में आ रही दिक्कत: यू डायस पोर्टल का एक उद्देश्य यह भी था कि बच्चे जब स्कूल स्थानांतरित कर तो एक स्कूल से दूसरे स्कूल में नामांकन में परेशानी ना हो. बच्चों के सभी डाटा पोर्टल पर उपलब्ध रहते हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग को भी ध्यान देना चाहिए कि जो प्राइवेट विद्यालय से सरकारी विद्यालय के लिए नौवीं कक्षा में शिफ्ट हो रहे हैं, उनके नामांकन में आ रही दिक्कतों को दूर किया जाए.

गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने की पहल: शमायल अहमद ने कहा कि यू डायस पोर्टल पर रजिस्टर्ड होने से प्राइवेट विद्यालयों का मुख्य फायदा यह है कि उन्हें राइट टू एजुकेशन के तहत 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देनी है. वहीं इसका सारा पैसा सरकार स्कूल को उपलब्ध कराती है.

"अभी भी यह समस्या देखने को मिल रही है कि कई निजी विद्यालयों में सरकार की ओर से आरटीई के तहत पढ़ रहे बच्चों का पैसा स्कूल को भुगतान नहीं हुआ है. इस मुद्दे को लगातार उठाते रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई पहलकदमी इस पर नहीं हुई है."- शमायल अहमद, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन

बिना यू डायस नंबर विद्यालय पर लगेगा ताला: वहीं पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया है कि शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार देश के सभी विद्यालयों का यू डायस नंबर होना अनिवार्य है. बिना यू डायस नंबर के विद्यालय नहीं चलेंगे. नंबर लेने के लिए विद्यालय को अपने संबंधित जिला में यू डायस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा.

"शिक्षा विभाग ने तमाम स्कूलों को काफी मौके दिए हैं लेकिन अब तक जो विद्यालय रजिस्टर्ड नहीं हो पाए हैं, उनको नोटिस भेजा जा रहा है. जो विद्यालय यू डायस से नहीं जुड़ेंगे वह अब जिले में नहीं चलेंगे. जो विद्यालय यू डायस से नहीं जुड़े होते हैं उनके बच्चों को आगे दूसरे स्कूलों में एडमिशन नहीं हो पता है."-संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना

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शिक्षा विभाग भेज रही नोटिस: इन विद्यालयों को शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय बंद करने के लिए नोटिस भेजा जाना शुरू हो गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से विद्यालयों को पत्र भेजा जा रहा है. वहीं प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद का कहना है कि बिहार में जिन निजी विद्यालयों को नोटिस भेजा गया है, उनमें कई ऐसे विद्यालय भी हैं जिन्होंने पोर्टल से जुड़ने के लिए अप्लाई किया हुआ है.

क्यों नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन: विभागीय शिथिलता और अन्य कर्म के कारण उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है. ऐसे में इन विद्यालयों के ऊपर कारवाई नहीं होनी चाहिए. शिक्षा विभाग को इनका जल्द से जल्द यू डायस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर देना चाहिए. इसके अलावा जो रजिस्टर्ड नहीं हुए हैं उनसे जानना चाहिए कि क्या दिक्कत हो रही है. वह भी पोर्टल से जुड़े इसके लिए शिक्षा विभाग को कोशिश करनी चाहिए.

बच्चों को आ रही समस्या: शमायल अहमद ने कहा कि यू डायस केंद्र सरकार की बहुत ही खूबसूरत पहल है. हालांकि एक समस्या यह भी आ रही है कि यू डायस पर रजिस्टर्ड प्राइवेट विद्यालय के जो बच्चे आठवीं कक्षा के बाद नौवीं कक्षा में सरकारी विद्यालय में एडमिशन लेने जा रहे हैं, तो उनका एडमिशन नहीं हो रहा है.

नामांकन में आ रही दिक्कत: यू डायस पोर्टल का एक उद्देश्य यह भी था कि बच्चे जब स्कूल स्थानांतरित कर तो एक स्कूल से दूसरे स्कूल में नामांकन में परेशानी ना हो. बच्चों के सभी डाटा पोर्टल पर उपलब्ध रहते हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग को भी ध्यान देना चाहिए कि जो प्राइवेट विद्यालय से सरकारी विद्यालय के लिए नौवीं कक्षा में शिफ्ट हो रहे हैं, उनके नामांकन में आ रही दिक्कतों को दूर किया जाए.

गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने की पहल: शमायल अहमद ने कहा कि यू डायस पोर्टल पर रजिस्टर्ड होने से प्राइवेट विद्यालयों का मुख्य फायदा यह है कि उन्हें राइट टू एजुकेशन के तहत 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देनी है. वहीं इसका सारा पैसा सरकार स्कूल को उपलब्ध कराती है.

"अभी भी यह समस्या देखने को मिल रही है कि कई निजी विद्यालयों में सरकार की ओर से आरटीई के तहत पढ़ रहे बच्चों का पैसा स्कूल को भुगतान नहीं हुआ है. इस मुद्दे को लगातार उठाते रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई पहलकदमी इस पर नहीं हुई है."- शमायल अहमद, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन

बिना यू डायस नंबर विद्यालय पर लगेगा ताला: वहीं पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया है कि शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार देश के सभी विद्यालयों का यू डायस नंबर होना अनिवार्य है. बिना यू डायस नंबर के विद्यालय नहीं चलेंगे. नंबर लेने के लिए विद्यालय को अपने संबंधित जिला में यू डायस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा.

"शिक्षा विभाग ने तमाम स्कूलों को काफी मौके दिए हैं लेकिन अब तक जो विद्यालय रजिस्टर्ड नहीं हो पाए हैं, उनको नोटिस भेजा जा रहा है. जो विद्यालय यू डायस से नहीं जुड़ेंगे वह अब जिले में नहीं चलेंगे. जो विद्यालय यू डायस से नहीं जुड़े होते हैं उनके बच्चों को आगे दूसरे स्कूलों में एडमिशन नहीं हो पता है."-संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना

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