पटना : राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक का प्रभार देने को लेकर चल रही खींचतान को शिक्षा विभाग ने समाप्त कर दिया है. शिक्षा विभाग ने इस संबंध में पत्र जारी करते हुए निर्देशित किया है कि जब तक आधिकारिक रूप से प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति पूरी नहीं होती है, तब तक प्रदेश के माध्यमिक और माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक के प्रभार में कौन रहेगा.
प्रधानाध्यापक के प्रभार के लिए शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में पुराने वेतनमान वाले कार्यरत शिक्षकों को प्राथमिकता दी है. वहीं विभाग ने नियोजित शिक्षकों के ऊपर बीपीएससी शिक्षक को प्रधानाध्यापक के लिए वरीयता दी है.
पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों को प्राथमिकता : माध्यमिक शिक्षा निदेशक बैद्यनाथ यादव की ओर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित पत्र में कहा गया है कि, नियमित प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति तक यदि किसी माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं के पुराने वेतनमान के प्रधानाध्यापक पदस्थापित हैं. साथ ही बीपीएससी और स्थानीय निकाय शिक्षक भी पदस्थापित हैं, तो कक्षा एक से आठवीं के पुराने वेतनमान के प्रधानाध्यापक को वित्तीय प्रभारी घोषित किया जा सकता है.
अगर केवल स्थानीय निकाय शिक्षक हों तो ? : पत्र में यह है कि, यदि किसी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय में पुराने वेतनमान के माध्यमिक कक्षा के सहायक शिक्षक के साथ स्थानीय निकाय और बीपीएससी के शिक्षक पदस्थापित हैं, तो पुराने वेतनमान के सहायक शिक्षक वरीय माने जायेंगे. वही प्रभारी प्रधानाध्यापक घोषित किये जायेंगे. यदि किसी विद्यालय में केवल स्थानीय निकाय शिक्षक पदस्थापित हैं तो वरीय स्थानीय निकाय शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक का पदभार दिया जा सकता है.
BPSC शिक्षकों को नियोजित के ऊपर वरीयता : पत्र में यह भी है कि जिस स्कूल में शतप्रतिशत शिक्षक बीपीएससी से चयनित हैं, तो वहां उन्हीं में से प्रभारी बनाया जा सकता है. यदि किसी विद्यालय में बीपीएससी से नियुक्त विद्यालय अध्यापक और स्थानीय निकाय शिक्षक पदस्थापित हैं तो बीपीएससी से नियुक्त विद्यालय अध्यापकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जाये.
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