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जोमैटो और स्विगी की प्रतिस्पर्धी कंपनी जेप्टो ने लिया बड़ा फैसला, वसूलेगी प्लेटफॉर्म चार्ज - zepto to levy platform fee

जोमैटो और स्विगी की प्रतिस्पर्धी कंपनी जेप्टो ने प्लेटफॉर्म शुल्क वसूलने की घोषणा की है. कंपनी ने कहा कि वह प्रति ऑर्डर दो रुपये प्लेटफॉर्म चार्ज वसूलेगी. कंपनी ने क्यों लिया ऐसा फैसला, जानने के लिए पढ़ें पूरी स्टोरी.

zepto, IANS
जेप्टो
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By IANS

Published : Mar 13, 2024, 6:29 PM IST

नई दिल्ली : जेप्टो प्रति ऑर्डर 2 रुपये का प्लेटफॉर्म शुल्क लगाने वाली पहली क्विक-कॉमर्स कंपनी बन गई है. प्लेटफॉर्म पर शुल्क चुनिंदा यूजर्स पर लागू होगा. इस समय जोमैटो के मालिकाना हक वाली ब्लिंकिट और स्विगी इंस्टामार्ट, जेप्टो की प्रतिस्पर्धी हैं. यह दोनों ग्रॉसरी ऑर्डर पर कोई शुल्क नहीं लेती हैं, लेकिन डिलीवरी ऑर्डर से प्लेटफॉर्म शुल्क लेती हैं.

कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, ''हम मुनाफे के लिए डिलीवरी शुल्क पर ज्यादा निर्भर होने में विश्वास नहीं करते. हम फायदे के लिए मुख्य परिचालन दक्षता और लागत में कमी में विश्वास करते हैं. हम बहुत कम डिलीवरी शुल्क के साथ भी एबिटडा पॉजिटिव मील का पत्थर हासिल करने की राह पर हैं, 'जेप्टो पास' इसका सबसे अच्छा उदाहरण है.''

जेप्टो की ओर से ग्रहाकों पर लगाए जाने वाला प्लेटफॉर्म शुल्क एकमात्र एक्ट्रा शुल्क नहीं है. कंपनी कुछ मामलों में रात 11 बजे के बाद दिए गए ऑर्डर पर 15 रुपये का 'लेट नाइट हैंडलिंग शुल्क' भी लेती है. इस बीच, जेप्टो ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1,339 प्रतिशत राजस्व वृद्धि (साल-दर-साल) दर्ज की है, जबकि इसका घाटा भी पिछले वित्तीय वर्ष से काफी बढ़ गया है.

मुंबई में अपना पहला डार्क स्टोर लॉन्च करने के बाद से अपने दूसरे वर्ष में जेप्टो का राजस्व 14 गुना बढ़कर 2,024 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2021-22 में 142.36 करोड़ रुपये) हो गया, जबकि घाटा वित्त वर्ष 2021-22 में 390 करोड़ रुपये से तीन गुना बढ़कर 1,272 करोड़ रुपये हो गया है. जेप्टो ने हाल ही में कहा कि उसकी अगले 2-3 वर्षों में पब्लिक होने की योजना है.

ये भी पढ़ें : शेयर बाजार में मचा कोहराम, जानिए कब-कब स्टॉक मार्केट हुआ क्रैश

नई दिल्ली : जेप्टो प्रति ऑर्डर 2 रुपये का प्लेटफॉर्म शुल्क लगाने वाली पहली क्विक-कॉमर्स कंपनी बन गई है. प्लेटफॉर्म पर शुल्क चुनिंदा यूजर्स पर लागू होगा. इस समय जोमैटो के मालिकाना हक वाली ब्लिंकिट और स्विगी इंस्टामार्ट, जेप्टो की प्रतिस्पर्धी हैं. यह दोनों ग्रॉसरी ऑर्डर पर कोई शुल्क नहीं लेती हैं, लेकिन डिलीवरी ऑर्डर से प्लेटफॉर्म शुल्क लेती हैं.

कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, ''हम मुनाफे के लिए डिलीवरी शुल्क पर ज्यादा निर्भर होने में विश्वास नहीं करते. हम फायदे के लिए मुख्य परिचालन दक्षता और लागत में कमी में विश्वास करते हैं. हम बहुत कम डिलीवरी शुल्क के साथ भी एबिटडा पॉजिटिव मील का पत्थर हासिल करने की राह पर हैं, 'जेप्टो पास' इसका सबसे अच्छा उदाहरण है.''

जेप्टो की ओर से ग्रहाकों पर लगाए जाने वाला प्लेटफॉर्म शुल्क एकमात्र एक्ट्रा शुल्क नहीं है. कंपनी कुछ मामलों में रात 11 बजे के बाद दिए गए ऑर्डर पर 15 रुपये का 'लेट नाइट हैंडलिंग शुल्क' भी लेती है. इस बीच, जेप्टो ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1,339 प्रतिशत राजस्व वृद्धि (साल-दर-साल) दर्ज की है, जबकि इसका घाटा भी पिछले वित्तीय वर्ष से काफी बढ़ गया है.

मुंबई में अपना पहला डार्क स्टोर लॉन्च करने के बाद से अपने दूसरे वर्ष में जेप्टो का राजस्व 14 गुना बढ़कर 2,024 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2021-22 में 142.36 करोड़ रुपये) हो गया, जबकि घाटा वित्त वर्ष 2021-22 में 390 करोड़ रुपये से तीन गुना बढ़कर 1,272 करोड़ रुपये हो गया है. जेप्टो ने हाल ही में कहा कि उसकी अगले 2-3 वर्षों में पब्लिक होने की योजना है.

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