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Tata Sons के IPO पर लगा ब्रेक! लिस्टिंग से बचने के लिए चुकाया 20 हजार करोड़ का कर्ज - Tata Sons

भारतीय रिजर्व बैंक ने टाटा संस को एनबीएफसी की कैटेगरी में डाल दिया है. इसके कैटेगरी में आने के बाद कंपनी को बाजार में लिस्ट होना जरुरी होता है. इस बीच टाटा संस ने हाल ही आरबीआई के 20 करोड़ रुपये का पेमेंट किया है. Tata Sons- टाटा संस के इस कदम से अनलिस्टेड बने रहने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. टाटा संस ने लिस्टिंग से छूट के लिए RBI के पास अपील रखी है. पढ़ें पूरी खबर...

Ratan Tata
रतन टाटा (प्रतीकात्मक फोटो) (IANS Photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 26, 2024, 12:34 PM IST

नई दिल्ली: देश का सबसे बड़ा बिजनेस घराना टाटा ग्रुप एक बाद एक करके मार्केट में एट्री कर रहा है. आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने टाटा संस को एनबीएफसी की कैटेगरी में डाल दिया है. इसके कैटेगरी में आने के बाद कंपनी को बाजार में लिस्ट होना जरुरी होता है. लेकिन लिस्टिंग कब होगी और बाजार में टाटा संस आईपीओ लेकर कब आएगी फिलहाल ये सवाल लोगों के मन में है. रिजर्व बैंक नियम के अनुसार टाटा संस के पास बाजार में लिस्ट होने के लिए सितंबर 2025 तक का टाइम है. इसी बीच खबर है कि टाटा संस ने हाल ही आरबीआई के 20 करोड़ रुपये का पेमेंट किया है.

टाटा संस के अनलिस्टेड बने रहने के प्रयास
टाटा संस ने 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज चुकाने के बाद स्वेच्छा से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को अपना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सौंप दिया है. ताकि वह एक अन लिस्टेड एंटिटी बनी रहे. द इकोनॉमिक टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद, टाटा संस अपने शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट किए बिना एक क्लोज्ड हेल्ड कंपनी के रूप में अपनी स्थिति बनाए रख सकती है, जो आरबीआई के नियमों के तहत आवश्यक है.

आरबीआई ने सितंबर 2022 में टाटा संस को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – टॉप लेयर (एनबीएफसी-यूएल) के रूप में वर्गीकृत किया, जिसके तहत कंपनियों को तीन साल के भीतर लिस्ट होना आवश्यक है.

टाटा संस ने मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में नेट प्रॉफिट में 57 फीसदी की बढ़ोतरी हासिल की है, जो 34,654 करोड़ रुपये है. इसके दौरान राजस्व पिछले वर्ष के 35,058 करोड़ रुपये से 25 फीसदी बढ़कर 43,893 करोड़ रुपये हो गया.

टाटा संस का आईपीओ
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टाटा संस आईपीओ के माध्यम से 55,000 करोड़ रुपये जुटने की योजना बना रही है. हाल ही में टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयर की कीमतें बढ़ गई थी. रिजर्व बैंक नियम के अनुसार टाटा संस के पास बाजार में लिस्ट होने के लिए सितंबर 2025 तक का टाइम है.

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नई दिल्ली: देश का सबसे बड़ा बिजनेस घराना टाटा ग्रुप एक बाद एक करके मार्केट में एट्री कर रहा है. आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने टाटा संस को एनबीएफसी की कैटेगरी में डाल दिया है. इसके कैटेगरी में आने के बाद कंपनी को बाजार में लिस्ट होना जरुरी होता है. लेकिन लिस्टिंग कब होगी और बाजार में टाटा संस आईपीओ लेकर कब आएगी फिलहाल ये सवाल लोगों के मन में है. रिजर्व बैंक नियम के अनुसार टाटा संस के पास बाजार में लिस्ट होने के लिए सितंबर 2025 तक का टाइम है. इसी बीच खबर है कि टाटा संस ने हाल ही आरबीआई के 20 करोड़ रुपये का पेमेंट किया है.

टाटा संस के अनलिस्टेड बने रहने के प्रयास
टाटा संस ने 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज चुकाने के बाद स्वेच्छा से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को अपना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सौंप दिया है. ताकि वह एक अन लिस्टेड एंटिटी बनी रहे. द इकोनॉमिक टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद, टाटा संस अपने शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट किए बिना एक क्लोज्ड हेल्ड कंपनी के रूप में अपनी स्थिति बनाए रख सकती है, जो आरबीआई के नियमों के तहत आवश्यक है.

आरबीआई ने सितंबर 2022 में टाटा संस को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – टॉप लेयर (एनबीएफसी-यूएल) के रूप में वर्गीकृत किया, जिसके तहत कंपनियों को तीन साल के भीतर लिस्ट होना आवश्यक है.

टाटा संस ने मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में नेट प्रॉफिट में 57 फीसदी की बढ़ोतरी हासिल की है, जो 34,654 करोड़ रुपये है. इसके दौरान राजस्व पिछले वर्ष के 35,058 करोड़ रुपये से 25 फीसदी बढ़कर 43,893 करोड़ रुपये हो गया.

टाटा संस का आईपीओ
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टाटा संस आईपीओ के माध्यम से 55,000 करोड़ रुपये जुटने की योजना बना रही है. हाल ही में टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयर की कीमतें बढ़ गई थी. रिजर्व बैंक नियम के अनुसार टाटा संस के पास बाजार में लिस्ट होने के लिए सितंबर 2025 तक का टाइम है.

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