नई दिल्ली: टाटा के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने हाल के हफ्तों में 180 से अधिक नॉन फ्लाइंग कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रभावित कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजनाओं (वीआरएस) और री-स्किल्स अवसरों का यूज करने में असमर्थ थे. जनवरी 2022 में टाटा द्वारा अधिग्रहण के बाद से, एयरलाइन में बिजनेस मॉडल को सुव्यवस्थित करने के प्रयास किए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक गैर-उड़ान कार्यों में कर्मचारियों को संगठनात्मक आवश्यकताओं और व्यक्तिगत योग्यता के आधार पर भूमिकाएं सौंपी गई हैं.
पिछले 18 महीनों में सभी कर्मचारियों की उपयुक्तता का आकलन करने के लिए एक व्यापक प्रक्रिया का पालन किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कर्मचारियों को कई वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम और री-स्किल्स के अवसर भी दिए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक एक फीसदी कर्मचारी जो वीआरएस या री-स्किलिंग अवसरों का उपयोग करने में असमर्थ थे, उन्हें अलग होना पड़ा.
हालांकि अभी तक कंपनी के ओर से ये नहीं बताया गया है कि कितने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 180 से थोड़ा अधिक कर्मचारी को निकाला गया है. आपको बता दें कि फरवरी महीने में एयर इंडिया की मार्केट शेयर 12.2 फीसदी से बढ़कर 12.8 फीसदी हो गई है. वहीं, इंडिगो की मार्केट शेयर जनवरी में 60.2 फीसदी से मामूली गिरावट के साथ 60.1 फीसदी हो गई.