नई दिल्ली : विमानन कंपनी स्पाइसजेट के प्रमुख अजय सिंह ने बिजी बी एयरवेज के साथ मिलकर दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही एयरलाइन गो फर्स्ट के लिए बोली लगाई है. स्पाइसजेट ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि बिजी बी एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ सिंह ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में गो फर्स्ट के लिए बोली जमा की है.
हालांकि इस विज्ञप्ति में बिजी बी एयरवेज के बारे में कोई भी विवरण नहीं दिया गया है. लेकिन कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, बिजी बी एयरवेज का गठन 29 अप्रैल, 2017 को दिल्ली में किया गया था और इसके पास एक लाख रुपये की चुकता पूंजी है. सिंह ने यह बोली ऐसे समय लगाई है जब खुद स्पाइसजेट संकट से उबरने के लिए वित्त जुटाने की कोशिशों और छंटनी कर लागत घटाने में लगी हुई है.
इस बीच शरजाह स्थित स्काई वन एफजेडई ने भी गो फर्स्ट के लिए बोली लगाने की सूचना दी है. गंभीर वित्तीय संकट में फंसी गो फर्स्ट ने पिछले साल मई में उड़ानें बंद कर दी थीं और वह इस समय दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है. इसी क्रम में उसके लिए बोलियां लगाई जा रही हैं.
स्पाइसजेट ने विज्ञप्ति में कहा, 'नई एयरलाइन के लिए परिचालन भागीदार के तौर पर स्पाइसजेट की भूमिका जरूरी कर्मचारी, सेवाएं और उद्योग विशेषज्ञता मुहैया कराने की है. इस सहयोग से दोनों एयरलाइंस के बीच तालमेल पैदा होने की उम्मीद है, जिससे लागत प्रबंधन में सुधार, राजस्व वृद्धि और बाजार में मजबूत स्थिति पैदा होगी.'
स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सिंह ने कहा है कि गो फर्स्ट में अपार संभावनाएं हैं और इसे स्पाइसजेट के साथ करीबी तालमेल में काम करने के लिए दोबारा खड़ा किया जा सकता है और इससे दोनों को ही लाभ होगा. सिंह ने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर प्रतिष्ठित स्लॉट, अंतरराष्ट्रीय यातायात अधिकार और 100 से अधिक एयरबस नियो विमानों के ऑर्डर के साथ गो फर्स्ट यात्रियों के बीच एक विश्वसनीय और मूल्यवान ब्रांड है.
इस बीच, बोली लगाने की खबर सामने आने के बाद स्पाइसजेट का शेयर बीएसई में 11.28 प्रतिशत उछलकर 70.81 रुपये पर पहुंच गया. स्पाइसजेट ने यह बोली लगाकर कारोबार को नए सिरे से व्यवस्थित करने के संकेत दिए हैं. वित्तीय समस्याओं और कानूनी उलझनों में फंसी स्पाइसजेट 744 करोड़ रुपये का वित्त जुटा चुकी है और उसने 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड जुटाने की प्रक्रिया शुरू की है.
इस बीच, गो फर्स्ट के लिए एक और दावेदार के तौर पर सामने आई स्काई वन के चेयरमैन जयदीप मीरचंदानी ने कहा कि अब बोली की जांच-पड़ताल के दूसरे चरण का इंतजार है. उन्होंने विमानन क्षेत्र में अपने अनुभव को देखते हुए इस अधिग्रहण का भरोसा जताया. इसके पहले ऐसी खबरें आई थीं कि अफ्रीका स्थित सैफ्रिक इन्वेस्टमेंट्स भी गो फर्स्ट को खरीदने के लिए इच्छुक है.