नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को छठा बजट पेश करेंगी. इसमें 5 वार्षिक बजट और एक अंतरिम पेश करके एक रिकॉर्ड स्थापित करेंगी. यह उपलब्धि अब तक केवल पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने हासिल की है. 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने के साथ, सीतारमण अपने पूर्ववर्तियों जैसे मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी चिदंबरम और यशवंत सिन्हा के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देंगी. इन नेताओं लगातार पांच बजट पेश किये थे.
मोरारजी देसाई ने बजट पेश करने का बनाया है रिकॉर्ड
वित्त मंत्री के रूप में देसाई ने 1959-1964 के बीच पांच वार्षिक बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था. सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को पेश किया जाने वाला अंतरिम बजट 2024-25 एक वोट-ऑन-अकाउंट होगा. सरकार को अप्रैल-मई के आम चुनावों के बाद नई सरकार आने तक कुछ निश्चित धनराशि खर्च करने का अधिकार देगा. चूंकि संसदीय चुनाव होने वाले हैं, इसलिए सीतारमण के अंतरिम बजट में कोई बड़ा नीतिगत बदलाव नहीं हो सकता है.
इस बार का बजट वोट-ऑन अकांउट होगा
इस बार का बजट वोट-ऑन अकांउट होगा. नई सरकार, जिसके जून के आसपास बनने की संभावना है. ऐसे में नई सरकार जुलाई में 2024-25 के लिए पूर्ण बजट लेकर आएगी. आमतौर पर, अंतरिम बजट में प्रमुख नीतिगत घोषणाएं नहीं होती हैं, लेकिन सरकार को ऐसे कदम उठाने से कोई नहीं रोकता है जो अर्थव्यवस्था के सामने मौजूद जरूरी मुद्दों से निपटने के लिए जरूरी हैं.
मोदी सरकार के पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली रहे
2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद, अरुण जेटली ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला और 2014-15 से 2018-19 तक लगातार पांच बजट पेश किए. यह 2017 में था, जब जेटली ने फरवरी के आखिरी कार्य दिवस से 1 तारीख तक बजट पेश करने की औपनिवेशिक युग की परंपरा को छोड़ दिया था. जेटली के खराब स्वास्थ्य के कारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने एक फरवरी, 2019 को अंतरिम बजट पेश किया.
इंदिरा गांधी के बाद सीतारमण देश की दूसरी महिला वित्त मंत्री बनी
मोदी सरकार ने 2019 के आम चुनावों के बाद सीतारमण को वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी. इसके बाद इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं. इंदिरा गांधी ने वित्त वर्ष 1970-71 के लिए बजट पेश किया था. उसी वर्ष, सीतारमण ने बजट दस्तावेज के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले परंपरागत ब्रीफकेस को हटा दिया. इसकी जगह राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह वाला बही-खाता अपनाया. भारत 2027-28 तक 5,000 अरब डॉलर और 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है. स्वतंत्र भारत का पहला बजट प्रथम वित्त मंत्री आर के षणमुखम चेट्टी ने पेश किया था.