नई दिल्ली: भारत में लगातार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आगे बढ़ रहे है. MyGovIndia ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि पीएसयू बैंक अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंच रहे हैं! पीएसयू बैंकों का नेट प्रॉफिट 4 गुना बढ़ गया है. एसबीआई से लेकर बैंक ऑफ बड़ौदा और केनरा बैंक तक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लाभ में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा सकती है.
अगर 2013-14 से 2023-24 की तुलना करें तो एसबीआई का नेट प्रॉफिट 10,891 करोड़ रुपये से 61077 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा का नेट नेट प्रॉफिट 4,551 करोड़ रुपये से 17,788 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. जबकि केनरा बैंक का नेट प्रॉफिट 2,438 करोड़ रुपये से 14,554 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का नेट प्रॉफिट 1,696 करोड़ रुपये से 13,649 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. वहीं, बाकी पीएसयू बैंकों का नेट प्रॉफिट 11,293 करोड़ रुपये से 34,135 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
पीएम मोदी ने किया पोस्ट
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर MyGovIndia की ओर से किये गये पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. एक थ्रेड पोस्ट में देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन की तारीफ की है. पीएम मोदी ने बैंकिंग क्षेत्र में बदलाव लाने में पब्लिक सैक्टर (पीएसयू) बैंकों के योगदान पर प्रकाश डाला है. प्रधानमंत्री ने लिखा कि बैंकिंग क्षेत्र में किस तरह से बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि पीएसयू बैंक किस तरह से इसे आगे बढ़ा रहे हैं.
एसबीआई का रिसर्च
भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई के एक रिसर्च में एक बड़ा दावा किया गया है. रिसर्च में दावा किया गया कि भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अपने निजी क्षेत्र के प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले अधिक सुविधा देते हैं.
वित्त वर्ष 2006-23 अवधि में पर्सनल बैंक प्रदर्शन के मामले में, एसबीआई लगभग 98 फीसदी स्कोर के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सबसे आगे है. उसके बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 92.5 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर है.
निजी क्षेत्र में, एचडीएफसी बैंक लगभग 98 फीसदी स्कोर के साथ सबसे ऊपर है. उसके बाद एक्सिस बैंक 94.4 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर है. रिसर्च से पता चला है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आम तौर पर निजी बैंकों की तुलना में अधिक कुशल रहे हैं. सिवाय वित्त वर्ष 19-23 के, जो विलय और बिजनेस, शाखाओं और कर्मचारियों के रेशनलाइजेशन के कारण हुआ.
कई बदलाव से गुजरने के बावजूद, पीएसबी ने 82.8 फीसदी की दक्षता का स्तर बनाए रखा है, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के 81.2 फीसदी, निजी बैंकों के 79.6 फीसदी और विदेशी बैंकों के 78.2 फीसदी से बेहतर प्रदर्शन करता है.