नई दिल्ली : भारत की डेमोग्राफी आने वाले वर्षों में देश के विकास में बड़ी भूमिका निभाएगी. 2045 तक देश में कामकाजी लोगों की संख्या में 17.9 करोड़ का इजाफा होगा. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. मौजूदा समय में भारत की कामकाजी लोगों की संख्या 96.1 करोड़ है और बेरोजगारी दर पांच वर्ष के निचले स्तर पर है.
वैश्विक निवेश फर्म जेफरीज की ओर से कहा गया कि भारत में कामकाजी लोगों की संख्या (25 से 64 वर्ष की आयु) में इजाफा हो रहा है और कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा सेविंग्स और निवेश को लेकर सकारात्मक है. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में कामकाजी लोगों में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है, जो कि लेबर फोर्स बढ़ने की अहम वजह है.
जेफरीज की ओर से ताजा नोट में कहा गया है कि कामकाजी लोगों की संख्या में बढ़ोतरी में धीमापन 2030 से आना शुरू हो जाएगा. सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से अगस्त में जारी किए गए डेटा के मुताबिक, भारत में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में अप्रैल-जून में बढ़कर 50.1 प्रतिशत हो गई है, जोकि अप्रैल-जून 2023 में 48.8 प्रतिशत थी, जो दिखाता है कि देश में रोजगार में इजाफा हो रहा है.
इस साल अप्रैल से जून की अवधि में 15 वर्ष या उससे अधिक की उम्र की महिलाओं में एलएफपीआर दर बढ़कर 25.2 प्रतिशत हो गई है, जोकि 2023 की समान अवधि में 23.2 प्रतिशत थी. आरबीआई के डेटा के मुताबिक, पिछले दस वर्षों में देश में करीब 17 करोड़ लोगों को नौकरियां मिली हैं। देश में 2023-24 में 64.33 करोड़ लोगों को पास रोजगार था। 2014-15 में यह आंकड़ा 47.15 करोड़ था.