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वित्त मंत्री सीतारमण ने सरकारी बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा की, ग्राहक संबंधों में सुधार लाने को कहा - Nirmala Sitharaman - NIRMALA SITHARAMAN

Nirmala Sitharaman Reviews Public Sector Banks Performance: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ प्रदर्शन की समीक्षा की. नई दिल्ली में आयोजित बैठक के दौरान वित्तीय प्रदर्शन, जमा वृद्धि, डिजिटल भुगतान और साइबर सुरक्षा जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई. ईटीवी भारत के नेशनल ब्यूरो चीफ सौरभ शुक्ला की रिपोर्ट.

Nirmala Sitharaman Reviews Public Sector Banks Performance
वित्त मंत्री सीतारमण ने सरकारी बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा की (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 19, 2024, 8:31 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए सोमवार को नई दिल्ली में एक बैठक की अध्यक्षता की. समीक्षा बैठक में वित्तीय प्रदर्शन, जमा वृद्धि, डिजिटल भुगतान, साइबर सुरक्षा और वित्तीय समावेशन के लिए ऋण सुलभता सहित विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ अन्य उभरती चिंताओं को शामिल किया गया.

वित्त मंत्रालय के अनुसार, बैठक में इस बात पर गौर किया गया कि वित्त वर्ष 2024 में सरकारी बैंकों का प्रदर्शन मजबूत रहा. प्रमुख सुधारों में शुद्ध एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां) में 0.76 प्रतिशत की गिरावट, 15.55 प्रतिशत का स्वस्थ पूंजी पर्याप्तता अनुपात और 3.22 प्रतिशत का शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) शामिल है. इसके अतिरिक्त, सरकारी बैंकों ने 1.45 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक शुद्ध लाभ हासिल किया और शेयरधारकों को 27,830 करोड़ रुपये का लाभांश दिया. इन सकारात्मक घटनाक्रमों ने बाजार से पूंजी जुटाने की उनकी क्षमता को भी मजबूत किया है.

बयान में कहा गया है कि समीक्षा बैठक में डिजिटल भुगतान और साइबर सुरक्षा पर भी चर्चा हुई. वित्त मंत्री सीतारमण ने साइबर सुरक्षा को व्यापक और प्रणालीगत दृष्टिकोण से देखने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने साइबर जोखिम से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए बैंकों, सरकार, विनियामकों और सुरक्षा एजेंसियों के बीच मजबूत सहयोग का आह्वान किया. सीतारमण ने आईटी सिस्टम की नियमित और गहन समीक्षा की भी सिफारिश की ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सुरक्षित हैं और उनमें सेंध नहीं लगाई जा सकती है.

मंत्रालय के अनुसार, बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि हालांकि ऋण देनदारी में वृद्धि हुई है, लेकिन इस वृद्धि को स्थायी रूप से समर्थन देने के लिए जमा जुटाने को और बढ़ाने की क्षमता है. उन्होंने बैंकों को जमा संग्रह को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल करने के लिए प्रोत्साहित किया.

बैंक कर्मचारी से ग्राहकों के साथ जुड़ें
इसके अतिरिक्त, निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों से अधिक कुशल सेवा प्रदान करने के लिए अपने ग्राहक संबंधों में सुधार लाने को कहा. उन्होंने बैंकों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि बैंक कर्मचारी सक्रिय रूप से ग्राहकों के साथ जुड़ें, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में. इसके अलावा, उन्होंने सरकारी बैंकों को सर्वोत्तम कार्यप्रणाली को साझा करने और बैंकिंग क्षेत्र में नए ट्रेंड को अपनाने और इसके अनुकूल होने के लिए सहयोग करने की सलाह दी.

बजट के उपायों को तुरंत लागू करने का आग्रह
बयान में कहा गया है कि सीतारमण ने बैंकों से हाल में पेश किए गए बजट के उपायों को तुरंत लागू करने का आग्रह किया, जिसमें डिजिटल फुटप्रिंट और नकदी प्रवाह के आधार पर एमएसएमई के लिए नया ऋण मूल्यांकन मॉडल शामिल है. उन्होंने बैंकों से प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना जैसे सरकारी कार्यक्रमों के लाभार्थियों को ऋण प्रवाह बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा.

इन सबके अलावा, निर्मला सीतारमण ने बैंकों को ऋण बंद होने के बाद तुरंत सुरक्षा दस्तावेज सौंपने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा. उन्होंने जोर देकर कहा कि इसमें कोई देरी नहीं होनी चाहिए.

बैठक में वित्त सचिव डॉ. विवेक जोशी, वित्तीय सेवा विभाग के मनोनीत सचिव एम. नागराजू, सरकार बैंकों के प्रमुखों और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

यह भी पढ़ें- शेयर बाजार निवेशकों की संख्या में भारी बढ़ोतरी, 10 करोड़ का आंकड़ा किया पार

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए सोमवार को नई दिल्ली में एक बैठक की अध्यक्षता की. समीक्षा बैठक में वित्तीय प्रदर्शन, जमा वृद्धि, डिजिटल भुगतान, साइबर सुरक्षा और वित्तीय समावेशन के लिए ऋण सुलभता सहित विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ अन्य उभरती चिंताओं को शामिल किया गया.

वित्त मंत्रालय के अनुसार, बैठक में इस बात पर गौर किया गया कि वित्त वर्ष 2024 में सरकारी बैंकों का प्रदर्शन मजबूत रहा. प्रमुख सुधारों में शुद्ध एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां) में 0.76 प्रतिशत की गिरावट, 15.55 प्रतिशत का स्वस्थ पूंजी पर्याप्तता अनुपात और 3.22 प्रतिशत का शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) शामिल है. इसके अतिरिक्त, सरकारी बैंकों ने 1.45 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक शुद्ध लाभ हासिल किया और शेयरधारकों को 27,830 करोड़ रुपये का लाभांश दिया. इन सकारात्मक घटनाक्रमों ने बाजार से पूंजी जुटाने की उनकी क्षमता को भी मजबूत किया है.

बयान में कहा गया है कि समीक्षा बैठक में डिजिटल भुगतान और साइबर सुरक्षा पर भी चर्चा हुई. वित्त मंत्री सीतारमण ने साइबर सुरक्षा को व्यापक और प्रणालीगत दृष्टिकोण से देखने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने साइबर जोखिम से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए बैंकों, सरकार, विनियामकों और सुरक्षा एजेंसियों के बीच मजबूत सहयोग का आह्वान किया. सीतारमण ने आईटी सिस्टम की नियमित और गहन समीक्षा की भी सिफारिश की ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सुरक्षित हैं और उनमें सेंध नहीं लगाई जा सकती है.

मंत्रालय के अनुसार, बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि हालांकि ऋण देनदारी में वृद्धि हुई है, लेकिन इस वृद्धि को स्थायी रूप से समर्थन देने के लिए जमा जुटाने को और बढ़ाने की क्षमता है. उन्होंने बैंकों को जमा संग्रह को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल करने के लिए प्रोत्साहित किया.

बैंक कर्मचारी से ग्राहकों के साथ जुड़ें
इसके अतिरिक्त, निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों से अधिक कुशल सेवा प्रदान करने के लिए अपने ग्राहक संबंधों में सुधार लाने को कहा. उन्होंने बैंकों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि बैंक कर्मचारी सक्रिय रूप से ग्राहकों के साथ जुड़ें, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में. इसके अलावा, उन्होंने सरकारी बैंकों को सर्वोत्तम कार्यप्रणाली को साझा करने और बैंकिंग क्षेत्र में नए ट्रेंड को अपनाने और इसके अनुकूल होने के लिए सहयोग करने की सलाह दी.

बजट के उपायों को तुरंत लागू करने का आग्रह
बयान में कहा गया है कि सीतारमण ने बैंकों से हाल में पेश किए गए बजट के उपायों को तुरंत लागू करने का आग्रह किया, जिसमें डिजिटल फुटप्रिंट और नकदी प्रवाह के आधार पर एमएसएमई के लिए नया ऋण मूल्यांकन मॉडल शामिल है. उन्होंने बैंकों से प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना जैसे सरकारी कार्यक्रमों के लाभार्थियों को ऋण प्रवाह बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा.

इन सबके अलावा, निर्मला सीतारमण ने बैंकों को ऋण बंद होने के बाद तुरंत सुरक्षा दस्तावेज सौंपने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा. उन्होंने जोर देकर कहा कि इसमें कोई देरी नहीं होनी चाहिए.

बैठक में वित्त सचिव डॉ. विवेक जोशी, वित्तीय सेवा विभाग के मनोनीत सचिव एम. नागराजू, सरकार बैंकों के प्रमुखों और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

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