नई दिल्ली: भारत की अर्थव्यवस्था बुलेट ट्रेन की रफ्तार से बढ़ रही है. जनवरी-मार्च की तिमाही में 7.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि हुई है. पूरे वित्त वर्ष 2023-24 की विकास दर 8.2 प्रतिशत रही. इसके पहले वित्त वर्ष 2022-23 में यह 7 प्रतिशत थी. सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण और खनन के क्षेत्र में मजबूत प्रदर्शन से विकास दर तेज रही.
एक बयान में कहा गया है, यह वृद्धि मुख्य रूप से 2023-24 में विनिर्माण क्षेत्र में 9.9 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के कारण हुई है. यह 2022-23 में माइनस 2.2 प्रतिशत के मुकाबले यह काफी अधिक है. इसी प्रकार खनन क्षेत्र में 2023-24 में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 2022-23 में 1.9 प्रतिशत थी. विनिर्माण क्षेत्र देश के इंजीनियरिंग संस्थानों और कॉलेजों से निकलने वाले युवा स्नातकों को गुणवत्तापूर्ण रोजगार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
सरकार ने भू-राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़े चीन के मुकाबले एक वैकल्पिक आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत को उभरने में मदद करने के लिए स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक सामान, ड्रोन और सेमीकंडक्टर के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना शुरू की. इससे उच्च मूल्य वाले निर्यात में भी वृद्धि हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने रोजगार के अधिक सृजन के लिए राजमार्गों, रेलवे और बंदरगाहों के विकास के लिए निवेश में वृद्धि की है. इसके चलते वस्तुओं और सेवाओं की मांग में तेजी आई है और अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.
वर्तमान विकास दर भारतीय अर्थव्यवस्था की क्षमता को दर्शाती है. इसका आधार एक मजबूत घरेलू बाजार है. इसने देश को वैश्विक मंदी से बचाने में मदद की है. भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में स्थान दिया गया है. उधर, चीन महामारी के बाद उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है और यूरोपीय देश मंदी से किसी तरह बच पाए हैं.