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घर में रखा है सोना तो जान लीजिए Income Tax के ये नियम, वरना पड़ सकता है महंगा, देना होगा टैक्स - Gold Limit at Home

GOLD LIMIT AT HOME- त्यौहार हो या कोई और अवसर, सोना भारतीय घरों में एक सदाबहार निवेश माना जाता है और किसी भी आपातकालीन स्थिति में काम आता है. हालांकि, घर में कितना सोना या आभूषण रखा जा सकता है, इसकी एक सीमा होती है.

GOLD LIMIT AT HOME
सोना (प्रतीकात्मक फोटो) (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 28, 2024, 7:01 AM IST

नई दिल्ली: भारत में सोना सिर्फ आभूषण के तौर पर ही नहीं बल्कि निवेश के लिहाज से भी आगे है. इसके साथ ही देश में सोने की खपत भी दूसरे देशों से ज्यादा है. शादी समारोह हो या त्योहार, आभूषणों के शोरूम में चहल-पहल रहती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में शादीशुदा महिला, बिना शादीशुदा महिला या कोई पुरुष अपने पास कितना सोना रख सकते हैं?

आपको बता दें कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इसे लेकर कुछ नियम तय किए हैं, जिसके तहत ज्यादा सोना रखने पर टैक्स लगता है. नियमों के मुताबिक देश में शादीशुदा महिला अपने पास 500 ग्राम तक सोने के आभूषण रख सकती है. वहीं अगर अविवाहित लड़कियों की बात करें तो जो लड़कियां शादीशुदा नहीं हैं, वे अपने पास 250 ग्राम तक सोना या सोने के आभूषण रख सकती हैं. इनकम टैक्स के नियमों के तहत एक पुरुष अपने पास 100 ग्राम तक सोना रख सकता है. चाहे वह शादीशुदा हो या अविवाहित हो.

अगर आपके पास इससे ज्यादा सोना पाया जाता है तो अतिरिक्त सोने पर टैक्स लगेगा. ध्यान रखें कि अगर आपको विरासत में सोना मिला है तो यह टैक्स फ्री है, लेकिन अगर आप इसे बेचते हैं तो टैक्स लगेगा. हालांकि, इसके लिए आपको कानूनी वसीयत या अन्य सबूत देना होगा, अन्यथा यह जुर्माने की श्रेणी में आएगा.

भारत में प्रति व्यक्ति सोने के भंडारण की सीमा क्या है?
भारत में सोने की कोई कानूनी सीमा नहीं है कि आप घर में कितना सोना रख सकते हैं, चाहे वह आभूषण हो, सिक्के हों या बार. हालांकि, टैक्स निर्धारण के दौरान आय का प्रमाण दिए बिना आप कितना सोना रख सकते हैं, इस बारे में नियम हैं.

सीबीडीटी घर में सोना रखने के बारे में क्या कहता है?
सीबीडीटी के नियम कहते हैं कि अगर सोना या आभूषण कृषि, घरेलू बचत या कानूनी रूप से विरासत में मिले आय के स्रोत से खरीदा जाता है, तो उस सोने पर कोई कर नहीं लगेगा. नियमों में आगे कहा गया है कि जब तक सोना या आभूषण आय के ज्ञात स्रोतों से खरीदे जाते हैं, तब तक उन्हें रखने की कोई सीमा नहीं है.

आपको सोने पर कब टैक्स चुकाना होगा?
अगर आप अपना सोना खरीदने के तीन साल से कम समय में बेचने का फैसला करते हैं, तो उस पर आयकर स्लैब दरों पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ टैक्स लगेगा. यदि सोने को खरीदने के तीन साल से अधिक समय बाद बेचा जाता है, तो उस बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर लगेगा.

पूंजीगत लाभ पर 20 फीसदी इंडेक्सेशन लाभ (इंडेक्सेशन लाभ का उपयोग मुद्रास्फीति के बाद सोने की खरीद की दर को समायोजित करने के लिए किया जाता है) और 4 फीसदी सेस लगाया जाएगा.

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नई दिल्ली: भारत में सोना सिर्फ आभूषण के तौर पर ही नहीं बल्कि निवेश के लिहाज से भी आगे है. इसके साथ ही देश में सोने की खपत भी दूसरे देशों से ज्यादा है. शादी समारोह हो या त्योहार, आभूषणों के शोरूम में चहल-पहल रहती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में शादीशुदा महिला, बिना शादीशुदा महिला या कोई पुरुष अपने पास कितना सोना रख सकते हैं?

आपको बता दें कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इसे लेकर कुछ नियम तय किए हैं, जिसके तहत ज्यादा सोना रखने पर टैक्स लगता है. नियमों के मुताबिक देश में शादीशुदा महिला अपने पास 500 ग्राम तक सोने के आभूषण रख सकती है. वहीं अगर अविवाहित लड़कियों की बात करें तो जो लड़कियां शादीशुदा नहीं हैं, वे अपने पास 250 ग्राम तक सोना या सोने के आभूषण रख सकती हैं. इनकम टैक्स के नियमों के तहत एक पुरुष अपने पास 100 ग्राम तक सोना रख सकता है. चाहे वह शादीशुदा हो या अविवाहित हो.

अगर आपके पास इससे ज्यादा सोना पाया जाता है तो अतिरिक्त सोने पर टैक्स लगेगा. ध्यान रखें कि अगर आपको विरासत में सोना मिला है तो यह टैक्स फ्री है, लेकिन अगर आप इसे बेचते हैं तो टैक्स लगेगा. हालांकि, इसके लिए आपको कानूनी वसीयत या अन्य सबूत देना होगा, अन्यथा यह जुर्माने की श्रेणी में आएगा.

भारत में प्रति व्यक्ति सोने के भंडारण की सीमा क्या है?
भारत में सोने की कोई कानूनी सीमा नहीं है कि आप घर में कितना सोना रख सकते हैं, चाहे वह आभूषण हो, सिक्के हों या बार. हालांकि, टैक्स निर्धारण के दौरान आय का प्रमाण दिए बिना आप कितना सोना रख सकते हैं, इस बारे में नियम हैं.

सीबीडीटी घर में सोना रखने के बारे में क्या कहता है?
सीबीडीटी के नियम कहते हैं कि अगर सोना या आभूषण कृषि, घरेलू बचत या कानूनी रूप से विरासत में मिले आय के स्रोत से खरीदा जाता है, तो उस सोने पर कोई कर नहीं लगेगा. नियमों में आगे कहा गया है कि जब तक सोना या आभूषण आय के ज्ञात स्रोतों से खरीदे जाते हैं, तब तक उन्हें रखने की कोई सीमा नहीं है.

आपको सोने पर कब टैक्स चुकाना होगा?
अगर आप अपना सोना खरीदने के तीन साल से कम समय में बेचने का फैसला करते हैं, तो उस पर आयकर स्लैब दरों पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ टैक्स लगेगा. यदि सोने को खरीदने के तीन साल से अधिक समय बाद बेचा जाता है, तो उस बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर लगेगा.

पूंजीगत लाभ पर 20 फीसदी इंडेक्सेशन लाभ (इंडेक्सेशन लाभ का उपयोग मुद्रास्फीति के बाद सोने की खरीद की दर को समायोजित करने के लिए किया जाता है) और 4 फीसदी सेस लगाया जाएगा.

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