नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शनिवार 3 फरवरी से कच्चे पेट्रोलियम तेल पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ा दिया है. अब कच्चे पेट्रोलियम तेल पर 3,200 रुपये प्रति टन की रेट से विंडफॉल कर लगेगा. मतलब, नया रेट आज 3 फरवरी से प्रभावी हो गई हैं. बता दें, इससे पहले कच्चे तेल पर 1,700 रुपये टन के हिसाब से विंडफॉल कर लग रहा था. वहीं, अगर बात करें डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन की तो इस मामले में सरकार ने विंडफॉल टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है. डीजल, पेट्रोल और एटीएफ पर विंडफॉल टैक्स की दरें शून्य थीं और आगे भी अगले आदेश तक इनके ऊपर विंडफॉल दर शून्य ही रहने वाला है.
बता दें, इससे पहले 16 जनवरी को किए गए बदलाव में कच्चे तेल पर विंडफॉल कर की दरें घटा दी गई थीं. 16 जनवरी को सरकार ने पेट्रोलियम कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर को 2,300 रुपये टन से घटाकर 1,700 रुपये टन कर दिया था. वहीं डीजल, पेट्रोल और एटीएफ पर शुन्य विंडफॉल टैक्स रखा गया था. इसके अलावा 2 जनवरी को, सरकार ने पेट्रोलियम कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर को 1,300 रुपये टन से हटाकर 2,300 रुपये टन कर दिया था. मालूम हो कि सरकार हर दो सप्ताह में विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है.
जुलाई 2022 से भारत सरकार ने कच्चे तेल उत्पादकों पर विंडफॉल टैक्स लागू किया है. यह कदम घरेलू स्तर पर बेचने के बजाय अनुकूल रिफाइनिंग मार्जिन का लाभ उठाने के लिए गैसोलीन, डीजल और विमानन ईंधन के निर्यात में निजी रिफाइनरों की रुचि के जवाब में शुरू किया गया था.
विंडफॉल टैक्स क्या है?
अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल और उत्पाद की कीमतों में उतार-चढ़ाव के आधार पर विंडफॉल टैक्स में पाक्षिक संशोधन होता है. फिलहाल कच्चे तेल की कीमतें करीब 82 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रही हैं. कच्चे तेल की बढ़ती कीमत के जवाब में भारत ने शुरुआत में जुलाई 2022 में विंडफॉल टैक्स लगाया था. यह टैक्स सरकारों द्वारा तब लगाया जाता है जब कोई उद्योग अप्रत्याशित रूप से पर्याप्त मुनाफा कमाता है, जिसका श्रेय आमतौर पर किसी अभूतपूर्व घटना को दिया जाता है.