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कहीं जिम जाने वालों के लिए खतरा तो नहीं प्रोटीन पाउडर, FSSAI बनाने जा रहा नियम - FSSAI on Protein Powder

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 30, 2024, 5:15 PM IST

FSSAI on Protein Powder- FSSAI ने स्वास्थ्य संबंधी खतरों और भ्रामक दावों के चलते प्रोटीन सप्लीमेंट्स पर कार्रवाई कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्टोर शेल्फ, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और जिम में बेचे जाने वाले कई प्रोटीन पाउडर और सप्लीमेंट झूठे और भ्रामक दावों के साथ आते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Protein Powder
प्रोटीन पाउडर (प्रतीकात्मक फोटो) (Getty Image)

नई दिल्ली: भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) उन प्रोटीन सप्लीमेंट पाउडर और शेक पर कार्रवाई कर रहा है जो मेडिकल रूप से सर्टिफाइड नहीं हैं या भ्रामक दावे करते हैं. मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी FSSAI इनपर कार्यवाई कर सकता है.

FSSAI कई प्रोटीन पाउडर ब्रांड पर कार्रवाई क्यों कर रहा है?
यह तब हुआ जब FSSAI ने एक अध्ययन किया जिसमें पता चला कि स्टोर शेल्फ, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और जिम में बेचे जाने वाले कई प्रोटीन पाउडर और सप्लीमेंट झूठे और भ्रामक दावों के साथ आते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्रवाई से ऐसे कई प्रोडक्ट पर बैन लग सकता है जो नॉर्म को पूरा नहीं करते हैं.

रिपोर्ट में बताया गया है कि फिटनेस के बारे में बढ़ती जागरूकता और लोकप्रियता ने हेल्थकार्ट और अमेजन जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कई तरह के प्रोटीन सप्लीमेंट को बहुत ज्यादा कीमत पर उपलब्ध कराया है. ऐसे प्रोटीन सप्लीमेंट 2 से 3 किलो के जार के लिए लगभग 2,000 से 6,800 रुपये में बिक रहे हैं.

प्रोटीन पाउडर की स्थिति कितनी खराब है?
यह एक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के बाद आया है, जिसमें भारत में बिकने वाले 36 लोकप्रिय प्रोटीन सप्लीमेंट्स का विश्लेषण किया गया था, जिसमें पता चला कि उनमें से लगभग 70 फीसदी में प्रोटीन की गलत जानकारी थी. कुछ ब्रांड केवल आधे ही प्रोटीन की जानकारी देते हैं. इसके अलावा, उनमें से लगभग 14 फीसदी में हानिकारक फंगल एफ्लैटॉक्सिन थे, जबकि 8 फीसदी में कीटनाशक अवशेषों के निशान थे.

एक रिपोर्ट से पता चलता है कि अधिकांश भारतीय निर्मित हर्बल प्रोटीन-आधारित सप्लीमेंट खराब गुणवत्ता वाले हैं और उनमें लीवर के लिए टॉक्सिक प्लांट हैं.

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नई दिल्ली: भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) उन प्रोटीन सप्लीमेंट पाउडर और शेक पर कार्रवाई कर रहा है जो मेडिकल रूप से सर्टिफाइड नहीं हैं या भ्रामक दावे करते हैं. मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी FSSAI इनपर कार्यवाई कर सकता है.

FSSAI कई प्रोटीन पाउडर ब्रांड पर कार्रवाई क्यों कर रहा है?
यह तब हुआ जब FSSAI ने एक अध्ययन किया जिसमें पता चला कि स्टोर शेल्फ, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और जिम में बेचे जाने वाले कई प्रोटीन पाउडर और सप्लीमेंट झूठे और भ्रामक दावों के साथ आते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्रवाई से ऐसे कई प्रोडक्ट पर बैन लग सकता है जो नॉर्म को पूरा नहीं करते हैं.

रिपोर्ट में बताया गया है कि फिटनेस के बारे में बढ़ती जागरूकता और लोकप्रियता ने हेल्थकार्ट और अमेजन जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कई तरह के प्रोटीन सप्लीमेंट को बहुत ज्यादा कीमत पर उपलब्ध कराया है. ऐसे प्रोटीन सप्लीमेंट 2 से 3 किलो के जार के लिए लगभग 2,000 से 6,800 रुपये में बिक रहे हैं.

प्रोटीन पाउडर की स्थिति कितनी खराब है?
यह एक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के बाद आया है, जिसमें भारत में बिकने वाले 36 लोकप्रिय प्रोटीन सप्लीमेंट्स का विश्लेषण किया गया था, जिसमें पता चला कि उनमें से लगभग 70 फीसदी में प्रोटीन की गलत जानकारी थी. कुछ ब्रांड केवल आधे ही प्रोटीन की जानकारी देते हैं. इसके अलावा, उनमें से लगभग 14 फीसदी में हानिकारक फंगल एफ्लैटॉक्सिन थे, जबकि 8 फीसदी में कीटनाशक अवशेषों के निशान थे.

एक रिपोर्ट से पता चलता है कि अधिकांश भारतीय निर्मित हर्बल प्रोटीन-आधारित सप्लीमेंट खराब गुणवत्ता वाले हैं और उनमें लीवर के लिए टॉक्सिक प्लांट हैं.

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