नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने हाल ही में भारत के आर्थिक स्थिती कहा हैं. उन्होंने देश की डेपलॉपमेंट आवश्यकताओं के साथ उसकी अनुमानित बढ़ोतरी पर भी प्रकाश डाला है. डी सुब्बाराव ने सऊदी अरब में सभा को संबोधित किया जहां उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 2029 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद भी (जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना बनाई है) भारत एक गरीब देश रहेगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए जश्न मनाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि एक अमीर देश बनने का मतलब विकसित देश बनना नहीं है.
भारत की बड़ी अर्थव्यवस्था का कारण बताया?
डी सुब्बाराव ने कहा कि मेरे विचार में, यह संभव है (भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहा है), लेकिन यह कोई जश्न नहीं है. हम एक बड़ी अर्थव्यवस्था हैं क्योंकि हम 140 करोड़ लोग हैं और लोग उत्पादन का एक कारक हैं. तो, हम एक बड़ी अर्थव्यवस्था हैं क्योंकि हमारे पास लोग हैं. लेकिन हम अभी भी एक गरीब देश हैं.
प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत 139वें स्थान पर
डी सुब्बाराव ने कहा कि भारत अब 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े के साथ दुनिया में पांचवें स्थान पर है. बता दें कि 2600 अमेरिकी डॉलर की प्रति व्यक्ति आय के साथ, भारत वर्तमान में प्रति व्यक्ति आय के मामले में राष्ट्र संघ में 139वें स्थान पर है. उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिक्स और जी-20 देशों में भारत सबसे गरीब है.
विकसित राष्ट्र बनने के लिए चार जरूरी पहलु
पीएम मोदी के 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के बयान को याद करते हुए सुब्बाराव के मुताबिक, एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए चार जरूरी पहलुओं की जरूरत है. वे हैं कानून का शासन, मजबूत राज्य, जवाबदेही और स्वतंत्र संस्थाएं. बता दें कि डी सुब्बाराव एक अर्थशास्त्री, बैंकर और रिटायर आईएएस अधिकारी हैं जो आरबीआई के 22वें गवर्नर भी थे. उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अधीन काम किया है.
जश्न मत मनाइए, तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बावजूद भारत रहेगा गरीब देश- डी सुब्बाराव - India Economy
India Economy- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बावजूद एक गरीब देश रहेगा. आगे उन्होंने कहा कि जश्न मनाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि एक अमीर देश बनने का मतलब विकसित देश बनना नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...
Published : Apr 17, 2024, 3:17 PM IST
|Updated : Apr 17, 2024, 7:35 PM IST
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने हाल ही में भारत के आर्थिक स्थिती कहा हैं. उन्होंने देश की डेपलॉपमेंट आवश्यकताओं के साथ उसकी अनुमानित बढ़ोतरी पर भी प्रकाश डाला है. डी सुब्बाराव ने सऊदी अरब में सभा को संबोधित किया जहां उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 2029 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद भी (जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना बनाई है) भारत एक गरीब देश रहेगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए जश्न मनाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि एक अमीर देश बनने का मतलब विकसित देश बनना नहीं है.
भारत की बड़ी अर्थव्यवस्था का कारण बताया?
डी सुब्बाराव ने कहा कि मेरे विचार में, यह संभव है (भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहा है), लेकिन यह कोई जश्न नहीं है. हम एक बड़ी अर्थव्यवस्था हैं क्योंकि हम 140 करोड़ लोग हैं और लोग उत्पादन का एक कारक हैं. तो, हम एक बड़ी अर्थव्यवस्था हैं क्योंकि हमारे पास लोग हैं. लेकिन हम अभी भी एक गरीब देश हैं.
प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत 139वें स्थान पर
डी सुब्बाराव ने कहा कि भारत अब 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े के साथ दुनिया में पांचवें स्थान पर है. बता दें कि 2600 अमेरिकी डॉलर की प्रति व्यक्ति आय के साथ, भारत वर्तमान में प्रति व्यक्ति आय के मामले में राष्ट्र संघ में 139वें स्थान पर है. उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिक्स और जी-20 देशों में भारत सबसे गरीब है.
विकसित राष्ट्र बनने के लिए चार जरूरी पहलु
पीएम मोदी के 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के बयान को याद करते हुए सुब्बाराव के मुताबिक, एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए चार जरूरी पहलुओं की जरूरत है. वे हैं कानून का शासन, मजबूत राज्य, जवाबदेही और स्वतंत्र संस्थाएं. बता दें कि डी सुब्बाराव एक अर्थशास्त्री, बैंकर और रिटायर आईएएस अधिकारी हैं जो आरबीआई के 22वें गवर्नर भी थे. उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अधीन काम किया है.