नई दिल्ली: चीन में 5 मिलियन लोग घोर गरीबी में जी रहे हैं. देश में आर्थिक मंदी के बीच, उनकी स्थिति इतनी खराब है कि शी जिनपिंग की सरकार, जो लंबे समय से "कल्याणवाद" से बचती रही है, अब चीनी सरकार को कैश सहायता देनी पड़ रही है. चीनी सरकार ने 1 अक्टूबर को चीन के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर लोगों को एकमुश्त नकद भत्ता देने का फैसला किया है. ताकि संकट से जूझ रहे लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाई जा सके.
चीनी राष्ट्रीय दिवस पर दी जाएगी कैश
चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि 1 अक्टूबर को चीन के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर वहां के गरीबों, अनाथों और जरूरतमंदों को सब्सिडी के रूप में कैश राशि दी जाएगी. 1 अक्टूबर को नए चीन के गठन की 75वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी. मंत्रालय ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और शी जिनपिंग सरकार जरूरतमंदों को लेकर काफी चिंतित है. हालांकि, रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि लोगों को कितनी राशि कैश में दी जाएगी. नकद राशि देने के पीछे उद्देश्य यह है कि लोग अधिक से अधिक खर्च करेंगे, जिससे चीनी अर्थव्यवस्था को लाभ होगा.
राहत पैकेज का ऐलान संभव
चीन की सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने कसम खाई है कि वे 5 फीसदी आर्थिक विकास दर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जितना संभव हो सकेगा खर्च करेंगे. चीनी सेंट्रल बैंक ने राहत पैकेज का ऐलान किया है, लेकिन सरकार की ओर से और नए प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद है. चीन में घरेलू खपत बढ़ाने के साथ-साथ संकटग्रस्त रियल एस्टेट सेक्टर को उबारने पर जोर दिया जा रहा है.
निर्यात पर निर्भरता का खामियाजा
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था मानी जाने वाली चीनी अर्थव्यवस्था निर्यात पर अत्यधिक निर्भरता का खामियाजा भुगत रही है. वैश्विक तनाव के कारण चीनी निर्यात प्रभावित हुआ है. प्रॉपर्टी की कीमतें गिर गई हैं और उपभोक्ताओं का भरोसा टूट गया है. चीन की अर्थव्यवस्था पर हाल ही में जारी आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है. इसके कारण, चीनी सेंट्रल बैंक ने महामारी के बाद से ब्याज दरों में सबसे बड़ी कटौती की है और अर्थव्यवस्था को संकट से उबरने में मदद करने के लिए वित्तीय प्रणाली में 1 ट्रिलियन युआन या लगभग 140 बिलियन डॉलर की नकदी डाली है.