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क्या हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने में कामयाब होगी ब्लैकस्टोन, पहले भी कई कोशिशें हुई हैं नाकाम - Haldiram

Haldiram- ब्लैकस्टोन, एडीआईए, जीआईसी कंसोर्टियम की नजर हल्दीराम स्नैक्स फूड में हिस्सेदारी नियंत्रित करने पर है. बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब कंपनी में हिस्सेदारी के लिए कोशिश की गई है. इससे पहले से कई कंपनियां हिस्सेदारी हासिल करने के लिए कोशिश कर रही है. पढ़ें पूरी खबर...

Haldiram
हल्दीराम (प्रतीकात्मक फोटो) (Haldiram Twitter Official Handle (@NagpurHaldirams))
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 14, 2024, 10:39 AM IST

नई दिल्ली: ब्लैकस्टोन के नेतृत्व वाले एक कंसोर्टियम ने अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए) और सिंगापुर के जीआईसी के साथ मिलकर पिछले हफ्ते हल्दीराम स्नैक्स फूड में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करने के लिए बोली जमा की है. हल्दीराम भारत की सबसे बड़ी स्नैक और सुविधाजनक खाद्य कंपनी है और अगर यह डील होता है, तो यह भारत में सबसे बड़ी इक्विटी खरीद होगी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंसोर्टियम कंपनी का 74-76 फीसदी हिस्सा खरीदने का इच्छुक है, जिसके कारोबार का मूल्य 8 से 8.5 बिलियन डॉलर (66,400-70,500 करोड़ रुपये) है. एडीआईए और जीआईसी सीमित भागीदार हैं. एडीआईए और जीआईसी सीमित भागीदार हैं.

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा अनुमोदित योजना के हिस्से के रूप में यह लेनदेन नागपुर और दिल्ली गुटों के बीच सफल विलय पर सशर्त है. इसके अगले तीन-चार महीनों में पूरा होने की उम्मीद है, क्योंकि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने पिछले अप्रैल में इसे मंजूरी दे दी थी.

यह पहली बार नहीं है जब कंपनी में हिस्सेदारी के लिए कोशिश की गई है. बेन कैपिटल, वारबर्ग पिंकस, जनरल अटलांटिक सहित कई इक्विटी फर्म माइनॉरिटी या नियंत्रित हिस्सेदारी के लिए 2016-17 से परिवार से बात कर रहे हैं. 2018-19 में परिवार ने केलॉग्स के साथ बातचीत की. रिपोर्ट में कहा गया है कि पेप्सिको की इंद्रा नूयी ने भी इसे खरीदने का प्रयास किया था.

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नई दिल्ली: ब्लैकस्टोन के नेतृत्व वाले एक कंसोर्टियम ने अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए) और सिंगापुर के जीआईसी के साथ मिलकर पिछले हफ्ते हल्दीराम स्नैक्स फूड में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करने के लिए बोली जमा की है. हल्दीराम भारत की सबसे बड़ी स्नैक और सुविधाजनक खाद्य कंपनी है और अगर यह डील होता है, तो यह भारत में सबसे बड़ी इक्विटी खरीद होगी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंसोर्टियम कंपनी का 74-76 फीसदी हिस्सा खरीदने का इच्छुक है, जिसके कारोबार का मूल्य 8 से 8.5 बिलियन डॉलर (66,400-70,500 करोड़ रुपये) है. एडीआईए और जीआईसी सीमित भागीदार हैं. एडीआईए और जीआईसी सीमित भागीदार हैं.

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा अनुमोदित योजना के हिस्से के रूप में यह लेनदेन नागपुर और दिल्ली गुटों के बीच सफल विलय पर सशर्त है. इसके अगले तीन-चार महीनों में पूरा होने की उम्मीद है, क्योंकि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने पिछले अप्रैल में इसे मंजूरी दे दी थी.

यह पहली बार नहीं है जब कंपनी में हिस्सेदारी के लिए कोशिश की गई है. बेन कैपिटल, वारबर्ग पिंकस, जनरल अटलांटिक सहित कई इक्विटी फर्म माइनॉरिटी या नियंत्रित हिस्सेदारी के लिए 2016-17 से परिवार से बात कर रहे हैं. 2018-19 में परिवार ने केलॉग्स के साथ बातचीत की. रिपोर्ट में कहा गया है कि पेप्सिको की इंद्रा नूयी ने भी इसे खरीदने का प्रयास किया था.

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