नई दिल्ली: अरबपति गौतम अडाणी के अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) लिमिटेड ने श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में एक पोर्ट टर्मिनल विकसित करने के लिए यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएफसी) के साथ 553 मिलियन डॉलर के लोन समझौते से पीछे हट गई है. ब्लूमबर्ग, रॉयटर्स और पीटीआई जैसी रिपोर्टों में बताया गया है.
एपीएसईजेड की दाखिल की गई फाइलिंग के आधार पर रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनी अपने आंतरिक स्रोतों और पूंजी प्रबंधन योजना के माध्यम से परियोजना का वित्तपोषण करेगी.
फाइलिंग में कहा गया है कि इस परियोजना का वित्तपोषण कंपनी के आंतरिक स्रोतों और पूंजी प्रबंधन योजना के माध्यम से किया जाएगा. हमने डीएफसी से वित्तपोषण के लिए अपना अनुरोध वापस ले लिया है.
सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का कथित रूप से वादा करने और अमेरिकी निवेशकों से पैसे जुटाने की कोशिश करते समय योजना को छिपाने के लिए अमेरिकी अदालत में अडाणी और उनके सहयोगियों पर अभियोग का कोई उल्लेख नहीं था.
एशिया में दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति अडाणी और अडाणी पोर्ट्स ने रिश्वतखोरी के आरोप को खारिज कर दिया है. अभियोग ने भारत में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है, जहां विपक्षी दलों ने बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उद्योगपति का 'पक्ष' लेने का आरोप लगाया है. दोनों एक ही राज्य गुजरात से हैं.