नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट ने यासीन भटकल को अपनी बीमार मां को देखने के लिए कस्टडी पेरोल पर रिहा करने से इनकार कर दिया. यासीन भटकल प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने का आरोपी है. हालांकि, कोर्ट ने यासीन को अपनी मां से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हिंदी में एक बार बात करने की इजाजत दी है.
कोर्ट ने जेल प्रशासन को यासीन भटकल और उसकी मां की बातचीत की रिकार्डिंग करने की छूट दी है. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने यासीन भटकल की याचिका का विरोध किया था और याचिका खारिज करने की मांग की थी. भटकल ने अपनी याचिका में अपनी बीमार मां को देखने के लिए कस्टडी पेरोल की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि भटकल की मां का हाल ही में हार्ट की सर्जरी हुई है.
भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने का आरोपः पटियाला हाउस कोर्ट ने 3 अप्रैल 2023 को यासीन भटकल समेत 11 आरोपियों के खिलाफ भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के मामले में आरोप तय किया था. कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. भटकल की चैट से सूरत में बम धमाके की योजना के बारे में खुलासा होता है. चैट से पता चलता है कि ब्लास्ट से पहले वहां से मुस्लिमों को हटाने की योजना भी बनाई गई थी.
यासीन भटकल न केवल एक बड़ी साजिश में शामिल था बल्कि आईईडी को बनाने में भी सहायता की थी. इंडियन मुजाहिद्दीन ने भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बड़े पैमाने पर नए सदस्यों की भर्ती की. जिसके लिए पाकिस्तान स्थित सहयोगियों के साथ स्लीपर सेल का सहयोग लिया गया. वो भारत में प्रमुख स्थानों विशेषकर दिल्ली में बम विस्फोटों द्वारा आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देना चाहते थे.
इन पर आरोप तयः कोर्ट ने यासीन भटकल, अंसारी, मोहम्मद आफताब आलम, इमरान खान, सैयद, ओबैद उर रहमान, असदुल्लाह अख्तर, उज्जैर अहमद, मोहम्मद तहसीन अख्तर, हैदर अली और जिया उर रहमान के खिलाफ आरोप तय किए थे. जबकि, मंजर इमाम, आरिज खान और अअब्दुल वाहिद सिद्दी बप्पा को आरोप मुक्त कर दिया. बता दें, एनआईए ने 2012 में इंडियन मुजाहिद्दीन के पूर्व सह संस्थापक यासीन भटकल समेत कई लोगों पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने समेत कई मामलों में केस दर्ज किया था.
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