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जलवायु संकट के खिलाफ महिलाएं अग्रिम पंक्ति की योद्धा: एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा - NCW chief Rekha Sharma

Climate Crisis, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि महिलाएं जलवायु संकट के लिए खिलाफ अग्रिम पंक्ति की योद्धा हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि आयोग का उद्देश्य न सिर्फ शिकायतों का समाधान करना ही नहीं है बल्कि इस प्रकार की शिकायतों की जरूरत ही नहीं रहे, इस दिशा में काम करना है. पढ़िए पूरी खबर...

NCW CHIEF REKHA SHARMA
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 31, 2024, 4:32 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बुधवार को इस बात पर जोर दिया कि आयोग का उद्देश्य न केवल शिकायतों का समाधान करना है, बल्कि भविष्य में ऐसी शिकायतों की आवश्यकता न रहे. इसके लिए काम करना भी है. उन्होंने कहा कि महिलाएं जलवायु संकट के खिलाफ अग्रिम पंक्ति की योद्धा हैं. कार्यक्रम में बदलती ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की आजीविका, आपदा प्रतिरोध में महिलाओं की भूमिका और जलवायु कार्रवाई में अग्रणी महिलाएं पर विचार-विमर्श किया गया.

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने अपने संबोधन में पिछले एक दशक में एनसीडब्ल्यू की उभरती भूमिका पर चर्चा की. उन्होंने प्रधानमंत्री के महिला-नेतृत्व वाले विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए आयोग के प्रयासों पर प्रकाश डाला. शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि आयोग का उद्देश्य न केवल शिकायतों का समाधान करना है, बल्कि भविष्य में ऐसी शिकायतों की आवश्यकता न रहे, इसके लिए काम करना भी है.

उन्होंने उक्त बातें 'लचीले समुदायों का निर्माण: महिलाएं और टिकाऊ पारिस्थितिकी तंत्र' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं. कार्यक्रम राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) द्वारा आयोजित किया गया था. कार्यक्रम में एनसीडब्ल्यू दशक पुस्तिका का विमोचन किया गया, जिसमें प्रमुख उपलब्धियों को दर्शाया गया है तथा पिछले दशक में आयोग के समर्पण पर प्रकाश डाला गया है. यह पुस्तक भारत में महिला अधिकारों को आगे बढ़ाने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों पर व्यापक विचार प्रस्तुत करती है.

साथ ही जलवायु कार्रवाई में अग्रणी महिलाओं पर विचार व्यक्त किया गया. इस दौरान वक्ताओं ने समुदाय में लचीलापन बढ़ाने तथा बेहतर आपदा प्रतिक्रिया एवं पुनर्बहाली के लिए नेतृत्व क्षमता निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की. इसी क्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य व सचिव मीनाक्षी नेगी ने जलवायु कार्रवाई नीतियों पर प्रकाश डाला. इसके बाद आईजीएनएफए के निदेशक डॉ. जगमोहन शर्मा ने महत्वपूर्ण जलवायु कार्रवाई नीतियों पर बात की.

उन्होंने कहा कि किस तरह महिलाएं प्रकृति, पर्यावरण और सामाजिक सुधारों को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं, अक्सर उन्हें अपने ही परिवारों से प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है. वक्ताओं ने कहा कि भारत में प्रकृति और धर्म के बीच गहरे संबंध की भी खोज की गई, जो एक महत्वपूर्ण कड़ी है.इस अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सचिव लीना नंदन, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव अनिल मलिक, संयुक्त राष्ट्र महिला की कंट्री प्रतिनिधि सुज़ैन फर्ग्यूसन और ग्रामीण आजीविका मिशन के अतिरिक्त सचिव चरणजीत सिंह ने प्रतिनिधियों को विषय के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी.

ये भी पढ़ें - जलवायु परिवर्तन पर विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट जारी, हो सकता है जानमाल का भारी नुकसान

नई दिल्ली : राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बुधवार को इस बात पर जोर दिया कि आयोग का उद्देश्य न केवल शिकायतों का समाधान करना है, बल्कि भविष्य में ऐसी शिकायतों की आवश्यकता न रहे. इसके लिए काम करना भी है. उन्होंने कहा कि महिलाएं जलवायु संकट के खिलाफ अग्रिम पंक्ति की योद्धा हैं. कार्यक्रम में बदलती ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की आजीविका, आपदा प्रतिरोध में महिलाओं की भूमिका और जलवायु कार्रवाई में अग्रणी महिलाएं पर विचार-विमर्श किया गया.

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने अपने संबोधन में पिछले एक दशक में एनसीडब्ल्यू की उभरती भूमिका पर चर्चा की. उन्होंने प्रधानमंत्री के महिला-नेतृत्व वाले विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए आयोग के प्रयासों पर प्रकाश डाला. शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि आयोग का उद्देश्य न केवल शिकायतों का समाधान करना है, बल्कि भविष्य में ऐसी शिकायतों की आवश्यकता न रहे, इसके लिए काम करना भी है.

उन्होंने उक्त बातें 'लचीले समुदायों का निर्माण: महिलाएं और टिकाऊ पारिस्थितिकी तंत्र' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं. कार्यक्रम राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) द्वारा आयोजित किया गया था. कार्यक्रम में एनसीडब्ल्यू दशक पुस्तिका का विमोचन किया गया, जिसमें प्रमुख उपलब्धियों को दर्शाया गया है तथा पिछले दशक में आयोग के समर्पण पर प्रकाश डाला गया है. यह पुस्तक भारत में महिला अधिकारों को आगे बढ़ाने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों पर व्यापक विचार प्रस्तुत करती है.

साथ ही जलवायु कार्रवाई में अग्रणी महिलाओं पर विचार व्यक्त किया गया. इस दौरान वक्ताओं ने समुदाय में लचीलापन बढ़ाने तथा बेहतर आपदा प्रतिक्रिया एवं पुनर्बहाली के लिए नेतृत्व क्षमता निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की. इसी क्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य व सचिव मीनाक्षी नेगी ने जलवायु कार्रवाई नीतियों पर प्रकाश डाला. इसके बाद आईजीएनएफए के निदेशक डॉ. जगमोहन शर्मा ने महत्वपूर्ण जलवायु कार्रवाई नीतियों पर बात की.

उन्होंने कहा कि किस तरह महिलाएं प्रकृति, पर्यावरण और सामाजिक सुधारों को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं, अक्सर उन्हें अपने ही परिवारों से प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है. वक्ताओं ने कहा कि भारत में प्रकृति और धर्म के बीच गहरे संबंध की भी खोज की गई, जो एक महत्वपूर्ण कड़ी है.इस अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सचिव लीना नंदन, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव अनिल मलिक, संयुक्त राष्ट्र महिला की कंट्री प्रतिनिधि सुज़ैन फर्ग्यूसन और ग्रामीण आजीविका मिशन के अतिरिक्त सचिव चरणजीत सिंह ने प्रतिनिधियों को विषय के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी.

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