देहरादून: हल्द्वानी के बनभुलपुरा क्षेत्र की तस्वीरें यहां हुए उन्माद की गवाही दे रही हैं. सब कुछ तबाह कर देने पर आमादा भीड़ एक शांत क्षेत्र को आग की लपटों से जला रही थी. हालांकि, यह सब अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद से शुरू हुआ. जिसे भांप पाने में संबंधित विभाग और पुलिस नाकाम रहा. जिसके कारण बाद में हालात काबू करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी. इन हालातों के बीच 5 लोगों की जान चली गई. जबकि, करोड़ों का माल भी जलकर स्वाहा हो गया. उधर, इस घटना से सबसे ज्यादा नुकसान उत्तराखंड की छवि पर हुआ है. जो शांत प्रदेश की छवि पर बड़ा दाग लगा गया.
दरअसल, उत्तराखंड को शांत प्रदेश के रूप में जाना जाता है, लेकिन बीते कुछ समय से जिस तरह कई बड़ी घटनाएं हुई, उसके बाद राज्य अपनी शांत प्रदेश की छवि को खोता जा रहा है. हल्द्वानी के बनभूलपुरा की घटना ने राज्य के इतिहास में एक काले अध्याय को दर्ज किया है. उत्तराखंड के लिए ऐसे काले दिन के रूप में कई घटनाएं दर्ज हैं. ऐसी घटनाएं जिसने उत्तराखंड को देश और दुनिया में सुर्खियों में लाया.
उत्तराखंड में चर्चाओं में रही घटनाएं-
- हल्द्वानी के बनभुलपुरा में 8 फरवरी को हुई घटना बड़ी घटनाओं में शुमार
- मस्जिद और मदरसे के अवैध अतिक्रमण को हटाने के दौरान हुई घटना
- साल 2023 में कथित लव लिहाज की वजह से चर्चाओं में आया पुरोला
- समुदाय विशेष के युवक पर नाबालिग लड़की भगाने का लगा आरोप
- इस घटना के बाद क्षेत्र में अल्पसंख्यक समाज से जुड़े लोगों को हटाने की हुई कोशिश
- त्रिवेंद्र सरकार के दौरान पौड़ी में केदारनाथ पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले की दुकान में हुई तोड़फोड़
- इस घटना के बाद क्षेत्र में तनावपूर्ण बने थे हालात
- सतपुली में गोवंश के साथ आपत्तिजनक कृत्य करने की खबर से बिगड़ा मामला
- कोटद्वार में मुस्लिम शिक्षक की ओर से छात्रा से छेड़छाड़ करने पर बनी तनाव की स्थिति
- हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर हजारों अल्पसंख्यकों के कब्जे हटाने की कोशिश ने भी खड़े किए उन्माद के हालात
उत्तराखंड में जनसंख्या के लिहाज से देखें तो करीब 82 फीसदी हिंदू और 14 फीसदी मुस्लिम रहते हैं, लेकिन प्रदेश के इतिहास में सांप्रदायिक तनाव के बड़े मामले कम ही नजर आते हैं. हालांकि, अब स्थितियां बदल रही हैं.
क्या बोले जानकार? वरिष्ठ पत्रकार नीरज कोहली कहते हैं कि उत्तराखंड में पहले कभी इस तरह की घटनाएं बड़े स्तर पर नहीं सुनाई देती थी, लेकिन अब इन घटनाओं ने उत्तराखंड की शांतप्रिय वादियों को दहशत से भर दिया है. इससे उत्तराखंड अपनी शांत प्रदेश वाली छवि को खो रहा है. इस तरह की घटनाएं उत्तराखंड की वादियों में नहीं होनी चाहिए.
सांस्कृतिक विरासत का धनी रहा है उत्तराखंड: उत्तराखंड सांस्कृतिक विरासत का धनी रहा है. तमाम धर्म और जातियों के लोग यहां एक साथ अपनी संस्कृति को आगे बढ़ते हुए नजर आए हैं. प्रदेश में एक तरफ चारधाम देश और दुनिया भर के हिंदुओं की आस्था का केंद्र रहे हैं तो वहीं हेमकुंड साहिब सिखों के भावनाओं का केंद्र रहा है. उधर, रुड़की में पिरान कलियर देश और दुनियाभर के मुस्लिमों को आकर्षित करता रहा है. इतना ही नहीं इस्लाम धर्म में इसे विशेष स्थान भी दिया गया है.
कांग्रेस ने सरकार को घेरा: लिहाजा, इस मामले में कांग्रेस ने सरकार के इन फैसलों को भी राज्य में खराब होती छवि के लिए जिम्मेदार माना है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी कहते हैं कि कई बार ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, जो राज्य में सांप्रदायिक हालातों को खराब करने का काम करते हैं.
धार्मिक आधार पर राजनीति नहीं करती बीजेपी: वहीं, बीजेपी पूरे मामले पर कांग्रेस के इन आरोपों को खारिज करती हुई नजर आती है. बीजेपी के वरिष्ठ विधायक विनोद चमोली कहते हैं कि बीजेपी कभी भी धार्मिक आधार पर राजनीति नहीं करती है. धर्मांतरण से लेकर अतिक्रमण तक के जो भी कदम सरकार की तरफ से उठाए गए हैं, वो कानून को ध्यान में रखकर ही उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि जो स्थितियां बन रही है, उसके लिए वो लोग जिम्मेदार हैं. जो इन मामलों में राजनीति करते हैं.
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