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एक क्लिक में जानिए क्यों अलग-अलग होते हैं ट्रेनों के डिब्बों के रंग? यात्रियों को क्या होता है फायदा? - Indian Railway

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 4, 2024, 1:23 PM IST

Why Train Coach Has Different Color: अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं तो अक्सर आपने देखा होगा कि ट्रेन के कोच के कलर अलग-अलग होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं ट्रेन के कोच का रंग अलग-अलग क्यों होता है? अगर नहीं तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं.

क्यों अलग-अलग होते हैं ट्रेनों के डिब्बे रंग?
क्यों अलग-अलग होते हैं ट्रेनों के डिब्बे रंग? (सांकेतिक तस्वीर)

नई दिल्ली: भारत में यात्रा करने के लिए ज्यादातर लोग ट्रेन का विकल्प चुनते हैं. रेलवे यातायात का एक प्रमुख साधन है. यह देश के लोगों के आम जन-जीवन का एक अहम हिस्सा है. यात्रा के दूसरे साधनों की तुलना में रेल सफर करने लिए ज्यादा सुविधाजनक होती है. इतना ही नहीं रेल काफी किफायती भी होती और इससे सफर करने पर कम पैसा खर्च होता है.

यह ही वजह है कि अधिकतर लोग ट्रेन से सफर करते हैं. ट्रेन से सफर करते वक्त आपने गौर किया होगा कि ट्रेन के डिब्बों का कलर अलग-अलग होता है. बेहद कम लोग हैं जो जानते हैं कि ट्रेन का कलर एक-दूसरे से अलग क्यों होता है?

ऐसे में अगर आप भी नहीं जानते हैं ट्रेन के कोच अलग-अलग रंग के क्यों होते हैं तो आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं कि रेल के कोच का कलर अलग-अलग क्यों होता है?

यात्रियों को मिलता है सुखद अनुभव
आपने अक्सर देखा होगा कि ट्रेन के डिब्बों पर अलग-अलग रंग और पैटर्न बने होते हैं. इनमें ज्यादातर नीले, लाल और हरे रंग के होते हैं. इन्हें इसलिए बनाया जाता है, ताकि यात्रियों को सुखद अनुभव हो सके.

दरअसल, ट्रेनों के कोच का रंग यात्रियों के अनुभव के सुखद बनाने के लिए किए गए प्रयासों का एक हिस्सा है. ट्रेन के कोच की खासियतों के आधार पर उनके रंगों और डिजाइन को तय किया जाता है.

राजधानी- शताब्दी जैसी ट्रेन के डिब्बे होते हैं लाल
रेल के लाल रंग के कोच पंजाब के कपूरथला में तैयार किए जाते हैं. हालांकि, साल 2000 में ये कोच जर्मनी से भारत लाए गए थे. ये डिब्बे स्टेनलेस स्टील के बने होते हैं और आंतरिक भाग अल्युमीनियम का होता है. इसकी वजह से ये काफी हल्के होते हैं. इनका कोच का इस्तेमाल राजधानी, शताब्दी जैसी ट्रेनों के लिए किया जाता है, जिनकी स्पीड तेज होती है.

गरीब रथ के डिब्बों पर हरे रंग का इस्तेमाल
वही, नीले रंग के कोच ICF कोच होते हैं. ऐसे कोच मेल, सुपरफास्ट और एक्सप्रेस टेनों में लगाए जाते हैं. इसी तरह गरीब रथ ट्रेन में हरे रंग के डिब्बों का इस्तेमाल होता है, जबकि भूरे रंग के डिब्बों का इस्तेमाल मीटर गेज की ट्रेनों में किया जाता है.

यह भी पढ़ें- अब घर बैठे खरीदें ट्रेन का जनरल टिकट, बिना झंझट के होगा कैंसिल, झटपट मिलेगा रिफंड

नई दिल्ली: भारत में यात्रा करने के लिए ज्यादातर लोग ट्रेन का विकल्प चुनते हैं. रेलवे यातायात का एक प्रमुख साधन है. यह देश के लोगों के आम जन-जीवन का एक अहम हिस्सा है. यात्रा के दूसरे साधनों की तुलना में रेल सफर करने लिए ज्यादा सुविधाजनक होती है. इतना ही नहीं रेल काफी किफायती भी होती और इससे सफर करने पर कम पैसा खर्च होता है.

यह ही वजह है कि अधिकतर लोग ट्रेन से सफर करते हैं. ट्रेन से सफर करते वक्त आपने गौर किया होगा कि ट्रेन के डिब्बों का कलर अलग-अलग होता है. बेहद कम लोग हैं जो जानते हैं कि ट्रेन का कलर एक-दूसरे से अलग क्यों होता है?

ऐसे में अगर आप भी नहीं जानते हैं ट्रेन के कोच अलग-अलग रंग के क्यों होते हैं तो आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं कि रेल के कोच का कलर अलग-अलग क्यों होता है?

यात्रियों को मिलता है सुखद अनुभव
आपने अक्सर देखा होगा कि ट्रेन के डिब्बों पर अलग-अलग रंग और पैटर्न बने होते हैं. इनमें ज्यादातर नीले, लाल और हरे रंग के होते हैं. इन्हें इसलिए बनाया जाता है, ताकि यात्रियों को सुखद अनुभव हो सके.

दरअसल, ट्रेनों के कोच का रंग यात्रियों के अनुभव के सुखद बनाने के लिए किए गए प्रयासों का एक हिस्सा है. ट्रेन के कोच की खासियतों के आधार पर उनके रंगों और डिजाइन को तय किया जाता है.

राजधानी- शताब्दी जैसी ट्रेन के डिब्बे होते हैं लाल
रेल के लाल रंग के कोच पंजाब के कपूरथला में तैयार किए जाते हैं. हालांकि, साल 2000 में ये कोच जर्मनी से भारत लाए गए थे. ये डिब्बे स्टेनलेस स्टील के बने होते हैं और आंतरिक भाग अल्युमीनियम का होता है. इसकी वजह से ये काफी हल्के होते हैं. इनका कोच का इस्तेमाल राजधानी, शताब्दी जैसी ट्रेनों के लिए किया जाता है, जिनकी स्पीड तेज होती है.

गरीब रथ के डिब्बों पर हरे रंग का इस्तेमाल
वही, नीले रंग के कोच ICF कोच होते हैं. ऐसे कोच मेल, सुपरफास्ट और एक्सप्रेस टेनों में लगाए जाते हैं. इसी तरह गरीब रथ ट्रेन में हरे रंग के डिब्बों का इस्तेमाल होता है, जबकि भूरे रंग के डिब्बों का इस्तेमाल मीटर गेज की ट्रेनों में किया जाता है.

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