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क्या होता है वक्फ बोर्ड? क्या हैं इसके काम और किसने दी थी इसको पावर? जानें सबकुछ - Waqf Board

What is Waqf Board: वक्फ अधिनियम को पहली बार 1954 में संसद में पारित किया गया था. हालांकि, बाद में इसे निरस्त कर दिया गया था. 1995 में पीवी नरसिम्हा राव की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड्स को जमीन अधिग्रहण के असीमित अधिकार दिए थे.

क्या होता है वक्फ बोर्ड?
क्या होता है वक्फ बोर्ड? (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 4, 2024, 6:17 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार ने वक्फ कानून में संशोधन के लिए बिल को मंजूरी दे दी है. इस कानून के तहत वक्फ बोर्ड द्वारा किसी भी प्रॉपर्टी को वक्फ संपत्ति का बनाने आधिकार वापस लिया जा सकता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में वक्फ कानून में करीब चालीस संशोधनों को मंजूरी दे दी गई है. जानकारी के मुताबिक इस बिल को अगले हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है. बता दें कि 1995 में पीवी नरसिम्हा राव की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड्स को जमीन अधिग्रहण के असीमित अधिकार दिए थे. साथ ही तत्कालीन सरकार ने वक्फ बोर्ड अधिनियम में कई बदलाव भी किए थे.

कब बना था वक्फ बोर्ड एक्ट?
वक्फ अधिनियम को पहली बार 1954 में संसद में पारित किया गया था. हालांकि, बाद में इसे निरस्त कर दिया गया था. इसके बाद 1995 में नया वक्फ अधिनियम संसद में पास किया गया था. इस बार वक्फ बोर्ड को काफी अधिकार दिए गए. इसके बाद 2013 में इसमें कई संशोधन किए गए और वक्फ बोर्ड को ऑटोनॉमी मिली.

क्या होता है वक्फ बोर्ड?
वक्फ का मतलब ‘अल्लाह के नाम' होता है. यानी वे जमीनें जो किसी व्यक्ति या संस्था के नाम नहीं है, लेकिन उनका ताल्लुक मुस्लिम समाज से है. इस तरह की जमीनों को वक्फ की जमीन कहा जाता है. इनमें मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान, ईदगाह और मजार शामिल हैं. गौरतलब है कि वक्फ बोर्ड दो तरह का होता है. पहला सुन्नी वक्फ बोर्ड और दूसरा शिया वक्फ बोर्ड.

क्या काम करता है वक्फ?
सेंट्रल वक्फ काउंसिल की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक वक्फ केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, राज्य वक्फ बोर्डों के कामकाज और औकाफ (विचारों) के उचित प्रशासन से संबंधित मामलों पर सलाह देता है.

इसके अलावा वक्फ बोर्ड राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के कार्यान्वयन की निगरानी करता है. यह वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और पुनर्प्राप्ति और अतिक्रमण हटाने आदि पर कानूनी सलाह देता है. इतना ही नहीं राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम लिमिटेड द्वारा शहरी वक्फ संपत्तियों के विकास और विकास के लिए संभावित वक्फ भूमि की पहचान के लिए योजना को लागू करने का काम भी करता है.

वक्फ बोर्ड के कामों में कौशल विकास और गरीबों, विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शैक्षिक और महिला कल्याण योजनाओं को लागू करना भी है. यह अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की योजना, राज्य वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड के कम्प्यूटरीकरण की योजना को लागू करता है.

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2013 में दिए गए प्रावधान के अनुसार स्टेट वक्फ बोर्डों के काम प्रदर्शन पर राज्य सरकार/बोर्डों से आवश्यक जानकारी प्राप्त करना, वक्फ मामलों को केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों जैसे एएसआई, रेलवे, राजस्व और वन आदि के साथ उठाना, परिषद के हितों को बढ़ावा देने और वक्फ संस्थानों को उनकी नई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम शुरू करना है.

यह भी पढ़ें- 'उनका एजेंडा हिंदुत्व', वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन की खबरों पर भड़के ओवैसी, मोदी सरकार पर साधा निशाना

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार ने वक्फ कानून में संशोधन के लिए बिल को मंजूरी दे दी है. इस कानून के तहत वक्फ बोर्ड द्वारा किसी भी प्रॉपर्टी को वक्फ संपत्ति का बनाने आधिकार वापस लिया जा सकता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में वक्फ कानून में करीब चालीस संशोधनों को मंजूरी दे दी गई है. जानकारी के मुताबिक इस बिल को अगले हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है. बता दें कि 1995 में पीवी नरसिम्हा राव की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड्स को जमीन अधिग्रहण के असीमित अधिकार दिए थे. साथ ही तत्कालीन सरकार ने वक्फ बोर्ड अधिनियम में कई बदलाव भी किए थे.

कब बना था वक्फ बोर्ड एक्ट?
वक्फ अधिनियम को पहली बार 1954 में संसद में पारित किया गया था. हालांकि, बाद में इसे निरस्त कर दिया गया था. इसके बाद 1995 में नया वक्फ अधिनियम संसद में पास किया गया था. इस बार वक्फ बोर्ड को काफी अधिकार दिए गए. इसके बाद 2013 में इसमें कई संशोधन किए गए और वक्फ बोर्ड को ऑटोनॉमी मिली.

क्या होता है वक्फ बोर्ड?
वक्फ का मतलब ‘अल्लाह के नाम' होता है. यानी वे जमीनें जो किसी व्यक्ति या संस्था के नाम नहीं है, लेकिन उनका ताल्लुक मुस्लिम समाज से है. इस तरह की जमीनों को वक्फ की जमीन कहा जाता है. इनमें मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान, ईदगाह और मजार शामिल हैं. गौरतलब है कि वक्फ बोर्ड दो तरह का होता है. पहला सुन्नी वक्फ बोर्ड और दूसरा शिया वक्फ बोर्ड.

क्या काम करता है वक्फ?
सेंट्रल वक्फ काउंसिल की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक वक्फ केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, राज्य वक्फ बोर्डों के कामकाज और औकाफ (विचारों) के उचित प्रशासन से संबंधित मामलों पर सलाह देता है.

इसके अलावा वक्फ बोर्ड राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के कार्यान्वयन की निगरानी करता है. यह वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और पुनर्प्राप्ति और अतिक्रमण हटाने आदि पर कानूनी सलाह देता है. इतना ही नहीं राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम लिमिटेड द्वारा शहरी वक्फ संपत्तियों के विकास और विकास के लिए संभावित वक्फ भूमि की पहचान के लिए योजना को लागू करने का काम भी करता है.

वक्फ बोर्ड के कामों में कौशल विकास और गरीबों, विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शैक्षिक और महिला कल्याण योजनाओं को लागू करना भी है. यह अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की योजना, राज्य वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड के कम्प्यूटरीकरण की योजना को लागू करता है.

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2013 में दिए गए प्रावधान के अनुसार स्टेट वक्फ बोर्डों के काम प्रदर्शन पर राज्य सरकार/बोर्डों से आवश्यक जानकारी प्राप्त करना, वक्फ मामलों को केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों जैसे एएसआई, रेलवे, राजस्व और वन आदि के साथ उठाना, परिषद के हितों को बढ़ावा देने और वक्फ संस्थानों को उनकी नई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम शुरू करना है.

यह भी पढ़ें- 'उनका एजेंडा हिंदुत्व', वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन की खबरों पर भड़के ओवैसी, मोदी सरकार पर साधा निशाना

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