ETV Bharat / bharat

हिमाचल में 5 हजार करोड़ की आर्थिकी पर पड़ी मौसम की मार, इस बार सेब के कम उत्पादन के आसार - Himachal Apple Production

author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 25, 2024, 12:11 PM IST

Updated : Jun 25, 2024, 12:23 PM IST

Apple Production in Himachal: हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में हर साल सेब का योगदान 5 हजार करोड़ से अधिक का है. वहीं, इस बार मौसम की बेरुखी का असर सेब उत्पादन पर भी पड़ा है. सर्दियों में जहां सेब को पर्याप्त चिलिंग आवर्स नहीं मिले. वहीं, गर्मियों में सामान्य से कम बारिश के कारण सेब के साइज पर असर पड़ा है.

Apple Production in Himachal
हिमाचल में सेब उत्पादन (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सेब से बागवानों की जेब भरी है. प्रदेश की आर्थिकी में सेब का हर साल 5 करोड़ से अधिक का योगदान रहता है. ऐसे फल राज्य हिमाचल में इस बार सेब का उत्पादन कैसा रहने वाला है? इसको लेकर उद्यान विभाग ने सेब बहुल जिलों के फील्ड अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश में सेब उत्पादन को लेकर दो दिनों में स्थिति साफ हो जाएगी.

मौसम की बेरुखी से कम उत्पादन के आसार

वहीं, बागवानों के मुताबिक इस बार मौसम की बेरुखी से सेब उत्पादन कम हुआ है. सर्दियों के मौसम में सामान्य से कम हुई बारिश और बर्फबारी से चिलिंग आवर्स कम रहे, जिससे सेटिंग कम हुई है. इसके बाद गर्मियों के सीजन में सामान्य से कम हुई बारिश की वजह से सेब के साइज पर असर पड़ा है. हालांकि इसको लेकर फील्ड से दो दिनों में रिपोर्ट मिलने पर स्थिति क्लीयर हो जाएगी.

सेब उत्पादन रोजगार का मुख्य जरिया

हिमाचल में लाखों बागवान परिवारों की आर्थिक सेहत सेब पर निर्भर है. उत्पादन बढ़िया रहने से सेब ने हमेशा ही बागवानों की जेब भरी है. वहीं, सेब रोजगार उपलब्ध कराने का भी एक बहुत बड़ा साधन है. हजारों लोगों का रोजगार भी इससे जुड़ा है. प्रदेश सहित बाहरी मंडियों में सेब से रोजगार प्राप्त हो रहा है. जिससे हजारों परिवारों की रोजी रोटी चलती हैं.

Apple Production in Himachal
हिमाचल में सेब उत्पादन (ETV Bharat GFX)

2 करोड़ से अधिक पेटी का उत्पादन

उद्यान विभाग की ओर से पिछले साल के जारी आंकड़ों पर गौर करें तो हिमाचल में सेब उत्पादन कम रहा था. प्रदेश में साल 2023-24 में प्रदेश में 2 करोड़ 11 लाख 11 हजार 972 पेटियां सेब का उत्पादन हुआ था. उस दौरान सेब के बॉक्स का स्टैंडर्ड साइज 24 किलो का था. इसी तरह से साल 2022-23 में हिमाचल में सेब उत्पादन 3 करोड़ 36 लाख 17 हजार 133 पेटी रहा था. इस सेब के स्टैंडर्ड सेब के बॉक्स का वजन 20 किलो था. वहीं, 2021-22 में प्रदेश में 3 करोड़ 05 लाख 95 हजार 058 पेटी उत्पादन रहा था. इसके अलावा 2020-21 में भी सेब की पैदावार कम रही थी, उस दौरान प्रदेश में 2 करोड़ 40 लाख 53 हजार 099 सेब पेटियों का उत्पादन हुआ था.

हिमाचल प्रदेश में 2010 से 2023 तक सेब का उत्पदान
सालउत्पादन (पेटियां)
20105.11 करोड़
20111.38 करोड़
20121.84 करोड़
20133.69 करोड़
20142.80 करोड़
20153.88 करोड़
20162.40 करोड़
20172.08 करोड़
20181.65 करोड़
20193.24 करोड़
20202.40 करोड़
20213.5 करोड़
20223.36 करोड़
20232.11 करोड़

सेब उत्पादन में चिलिंग आवर्स पूरा होना जरूरी

सेब उत्पादन के लिए चिलिंग आवर्स का पूरा होना महत्वपूर्ण है. सर्दियों के मौसम में अच्छी बर्फबारी होना बहुत जरूरी है. जिससे सेब सहित अन्य फलों के लिए चिलिंग आवर्स पूरा होने की संभावना बढ़ जाती है और सेब उत्पादन भी अच्छा रहता है. डिलीशियस सेब के लिए सबसे अधिक 1200 घंटे की चिलिंग आवर्स की जरूरत होती है. इसी तरह से रॉयल सेब के लिए 1000 से 1100 घंटे की चिलिंग आवर्स पूरा होना आवश्यक है. स्पर वैरायटी के लिए 800 से 900 घंटे व गाला प्रजाति सेब के लिए 700 से 800 घंटे तक के चिलिंग आवर्स पूरा होना जरूरी है.

स्टोन फ्रूट्स के लिए चिलिंग आवर्स

इसी तरह से स्टोन फ्रूट में प्लम के लिए 300 से 400 घंटे, खुबानी 300 से 400 सहित नाशपाती के लिए 700 से 800 घंटे व अंगूर के लिए 300 से 400 घंटे चिलिंग आवर्स पूरे होने चाहिए. तभी सेब सहित स्टोन फ्रूट का उत्पादन अच्छा रहता है. बागवानी विशेषज्ञ एसपी भारद्वाज का कहना है कि सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स पूरे होने से फसल भी अच्छी होती है.

ये भी पढे़ं: बागवानों को मिलेगी राहत, सेब कार्टन बॉक्स की घट सकती है कीमत, GST 18% घटाकर 12 फीसदी करने की सिफारिश

ये भी पढ़ें: अब से यूनिवर्सल कार्टन में ही होगी सेब की पैकिंग, सरकार ने तय किए नियम, नोटिफिकेशन जारी

ये भी पढ़ें: हिमाचल में रसूखदारों ने कब्जा ली थी हजारों बीघा सरकारी वन भूमि, एक चिट्ठी से खुली पोल, अतिक्रमण हटाने को सेना की भी लेनी पड़ी थी मदद

हिमाचल में 5 हजार करोड़ की आर्थिकी पर पड़ी मौसम की मार, इस बार सेब के कम उत्पादन के आसार

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सेब से बागवानों की जेब भरी है. प्रदेश की आर्थिकी में सेब का हर साल 5 करोड़ से अधिक का योगदान रहता है. ऐसे फल राज्य हिमाचल में इस बार सेब का उत्पादन कैसा रहने वाला है? इसको लेकर उद्यान विभाग ने सेब बहुल जिलों के फील्ड अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश में सेब उत्पादन को लेकर दो दिनों में स्थिति साफ हो जाएगी.

मौसम की बेरुखी से कम उत्पादन के आसार

वहीं, बागवानों के मुताबिक इस बार मौसम की बेरुखी से सेब उत्पादन कम हुआ है. सर्दियों के मौसम में सामान्य से कम हुई बारिश और बर्फबारी से चिलिंग आवर्स कम रहे, जिससे सेटिंग कम हुई है. इसके बाद गर्मियों के सीजन में सामान्य से कम हुई बारिश की वजह से सेब के साइज पर असर पड़ा है. हालांकि इसको लेकर फील्ड से दो दिनों में रिपोर्ट मिलने पर स्थिति क्लीयर हो जाएगी.

सेब उत्पादन रोजगार का मुख्य जरिया

हिमाचल में लाखों बागवान परिवारों की आर्थिक सेहत सेब पर निर्भर है. उत्पादन बढ़िया रहने से सेब ने हमेशा ही बागवानों की जेब भरी है. वहीं, सेब रोजगार उपलब्ध कराने का भी एक बहुत बड़ा साधन है. हजारों लोगों का रोजगार भी इससे जुड़ा है. प्रदेश सहित बाहरी मंडियों में सेब से रोजगार प्राप्त हो रहा है. जिससे हजारों परिवारों की रोजी रोटी चलती हैं.

Apple Production in Himachal
हिमाचल में सेब उत्पादन (ETV Bharat GFX)

2 करोड़ से अधिक पेटी का उत्पादन

उद्यान विभाग की ओर से पिछले साल के जारी आंकड़ों पर गौर करें तो हिमाचल में सेब उत्पादन कम रहा था. प्रदेश में साल 2023-24 में प्रदेश में 2 करोड़ 11 लाख 11 हजार 972 पेटियां सेब का उत्पादन हुआ था. उस दौरान सेब के बॉक्स का स्टैंडर्ड साइज 24 किलो का था. इसी तरह से साल 2022-23 में हिमाचल में सेब उत्पादन 3 करोड़ 36 लाख 17 हजार 133 पेटी रहा था. इस सेब के स्टैंडर्ड सेब के बॉक्स का वजन 20 किलो था. वहीं, 2021-22 में प्रदेश में 3 करोड़ 05 लाख 95 हजार 058 पेटी उत्पादन रहा था. इसके अलावा 2020-21 में भी सेब की पैदावार कम रही थी, उस दौरान प्रदेश में 2 करोड़ 40 लाख 53 हजार 099 सेब पेटियों का उत्पादन हुआ था.

हिमाचल प्रदेश में 2010 से 2023 तक सेब का उत्पदान
सालउत्पादन (पेटियां)
20105.11 करोड़
20111.38 करोड़
20121.84 करोड़
20133.69 करोड़
20142.80 करोड़
20153.88 करोड़
20162.40 करोड़
20172.08 करोड़
20181.65 करोड़
20193.24 करोड़
20202.40 करोड़
20213.5 करोड़
20223.36 करोड़
20232.11 करोड़

सेब उत्पादन में चिलिंग आवर्स पूरा होना जरूरी

सेब उत्पादन के लिए चिलिंग आवर्स का पूरा होना महत्वपूर्ण है. सर्दियों के मौसम में अच्छी बर्फबारी होना बहुत जरूरी है. जिससे सेब सहित अन्य फलों के लिए चिलिंग आवर्स पूरा होने की संभावना बढ़ जाती है और सेब उत्पादन भी अच्छा रहता है. डिलीशियस सेब के लिए सबसे अधिक 1200 घंटे की चिलिंग आवर्स की जरूरत होती है. इसी तरह से रॉयल सेब के लिए 1000 से 1100 घंटे की चिलिंग आवर्स पूरा होना आवश्यक है. स्पर वैरायटी के लिए 800 से 900 घंटे व गाला प्रजाति सेब के लिए 700 से 800 घंटे तक के चिलिंग आवर्स पूरा होना जरूरी है.

स्टोन फ्रूट्स के लिए चिलिंग आवर्स

इसी तरह से स्टोन फ्रूट में प्लम के लिए 300 से 400 घंटे, खुबानी 300 से 400 सहित नाशपाती के लिए 700 से 800 घंटे व अंगूर के लिए 300 से 400 घंटे चिलिंग आवर्स पूरे होने चाहिए. तभी सेब सहित स्टोन फ्रूट का उत्पादन अच्छा रहता है. बागवानी विशेषज्ञ एसपी भारद्वाज का कहना है कि सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स पूरे होने से फसल भी अच्छी होती है.

ये भी पढे़ं: बागवानों को मिलेगी राहत, सेब कार्टन बॉक्स की घट सकती है कीमत, GST 18% घटाकर 12 फीसदी करने की सिफारिश

ये भी पढ़ें: अब से यूनिवर्सल कार्टन में ही होगी सेब की पैकिंग, सरकार ने तय किए नियम, नोटिफिकेशन जारी

ये भी पढ़ें: हिमाचल में रसूखदारों ने कब्जा ली थी हजारों बीघा सरकारी वन भूमि, एक चिट्ठी से खुली पोल, अतिक्रमण हटाने को सेना की भी लेनी पड़ी थी मदद

Last Updated : Jun 25, 2024, 12:23 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.