विशाखापत्तनम: वाईएसआरसीपी नेता और विशाखापत्तनम के पूर्व सांसद एमवीवी सत्यनारायण के खिलाफ भूमि हड़पने और वित्तीय अपराधों से जुड़े होने के आरोप मजबूत होते जा रहे हैं. पिछले दिनों उनके परिजनों के अपहरण के मामले की फिर से जांच की उम्मीद है. उस समय पुलिस ने बिना पूरी जानकारी दिए यह निष्कर्ष निकाला था कि अपहरण पैसों के लिए किया गया था. घटना को लेकर कई तरह की शंका थी और दोबारा जांच की मांग को नजरअंदाज कर दिया गया था.
ऐसा लगता है कि मौजूदा गठबंधन सरकार उस मामले के रहस्य पर ध्यान केंद्रित कर रही है. हाल ही में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने विशाखापत्तनम जेल जाकर अपहरण मामले के मुख्य संदिग्ध हेमंत से डेढ़ घंटे से अधिक समय तक बातचीत की. कहा जाता है कि जी. वेंकटेश्वर राव (जीवी), स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के पूर्व अध्यक्ष और एमवीवी के करीबी हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आरोपी हेमंत से पूर्व सांसद के साथ उसके संबंधों के बारे में पूछताछ की. फिर हेमंत ने पुलिस अधिकारी से आरोप लगाते हुए कहा कि एमवीवी सत्यनारायण और वेंकटेश्वर राव ने कई समझौते किए. उन्होंने मेरे लिए पैसे नहीं दिए. उसने कहा कि मुझे और भी मामलों में पकड़ा गया और जेल भेज दिया गया.
हेमंत ने कहा कि इसी गुस्से की वजह से उसका अपहरण किया गया. कुछ दिन पहले जब हेमंत अदालत में पेश हुआ तो बताया गया कि उसके दोस्तों ने एक बगैर हस्ताक्षर वाला पत्र भेजा था. इसमें मिले उपहारों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, 'कुछ पंचायतों के बारे में विशाखापत्तनम के आसपास 12 कीमती जगहें, पांच विला और पांच महंगी कारें उपहार में दी गई.
अगर आप पूछें कि एक आरोपी राउडी शीटर के पास इतनी संपत्ति कैसे आई, तो पत्र में इसका सारांश है. कई लोग एमवीवी के रिश्तेदार बंगलुरु निवासी सत्यनारायण द्वारा हेमंत को उपहार दिए जाने की गहन जांच की मांग कर रहे हैं. आरोप है कि हेमंत ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर पिछले साल जून में पूर्व सांसद एमवीवी सत्यनारायण के बेटे सारथ को उनके घर से अगवा कर लिया था. इसके बाद उन्होंने सांसद की पत्नी ज्योति और दोस्त जीवी को वहां बुलाकर उनका अपहरण कर लिया. हेमंत गैंग ने दो दिन तक उन पर अत्याचार किया, जिसके परिणामस्वरूप पूर्व सांसद ने हेमंत गैंग को 1.70 करोड़ रुपए दिए.