संभल : जिले में रविवार को बवाल के बाद सोमवार सुबह शांति दिखाई दी. पुलिस-प्रशासन के अधिकारी रात भर डटे रहे. सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. जरूरतमंद लोग ही घर से बाहर निकल रहे हैं. इस बीच डीआईजी मुरादाबाद मुनिराज जी. ने अफसरों के साथ जामा मस्जिद और आसपास के इलाकों का जायजा लिया. संभल में बाजार भी बंद हैं. हिंसा में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं जिले में स्कूल और इंटरनेट सेवा बंद है. वहीं पुलिस ने सपा सांसद सांसद जियाउर्ररहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाद महमूद के बेटे सुहैल इकबाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है.
बता दें कि संभल में रविवार को उस समय तनाव फैल गया था जब कोर्ट के आदेश पर शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए टीम सुबह 7.30 बजे पहुंची थी. डीएम, एसपी की मौजूदगी में सर्वे हो रहा था. करीब 11 बजे जब सर्वे खत्म हुआ. इस बीच सर्वे से नाराज उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. दो से तीन ग्रुप ने चारों तरफ से पथराव किया. फायरिंग और आगजनी की घटना में तीन से चार गाड़ियां फूंक दी गईं. इस बवाल में SP और सीओ सहित करीब 20 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे. जिस पर पुलिस ने बल प्रयोग किया. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए फोर्स ने आंसू गोले छोड़े और प्लास्टिक बुलेट का इस्तेमाल किया.
हिंसा में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि: एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने हिंसा में 4 लोगों की मौत की पुष्टि की है. इससे पहले डीआईजी मुनिराज जी. ने तीन लोगों की मौत की पुष्टि की थी. मृतकों में नईम, बिलाल और नोमान शामिल हैं. पुलिस ने तनाव फैलाने में शामिल दो महिलाओं सहित करीब 21 लोगों को पुलिस हिरासत में लिया है. डीआईजी ने लोगों से शांति व्यवस्था की अपील की है.
स्कूल-इंटरनेट सेवा बंद: बताते चले कि संभल में बवाल के बाद इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. कक्षा नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूल कॉलेज भी बंद करने के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा 1 दिसंबर तक संभल में बाहरियों के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया के मुताबिक बताया कि सिर्फ संभल तहसील में 24 घंटे इंटरनेट बंद करने के आदेश दिए गए हैं.
सर्वे टीम में शामिल सदस्य: जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए रविवार को एडवोकेट कमीशन रमेश राघव, हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, अधिवक्ता गोपाल शर्मा, प्रिंस शर्मा, विष्णु शर्मा पहुंचे थे. वहीं जामा मस्जिद के सदर जफर अली के अलावा मस्जिद कमेटी से जुड़े लोग भी साथ रहे. जबकि मौके पर डीएम डॉक्टर राजेंद्र सिंह पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई सहित भारी तादाद में पुलिस फोर्स मौके पर तैनात थी.
उपद्रवियों पर लगेगा NSA : हिंसा पर एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है कि पुलिस को टारगेट बनाकर पथराव किया गया. कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. उनके भी पैर में चोट लगी है. इसके साथ ही पुलिसकर्मियों की गाड़ियों को निशाना बनाया गया है. पास ही दूसरी बाइक और अन्य गाड़ियां खड़ी थीं लेकिन उपद्रवियों ने उनको नुकसान नहीं पहुंचाया. कहा कि माहौल खराब करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे. इन सभी की शिनाख्त कर NSA के तहत कार्रवाई की जाएगी. वहीं, घटना को संज्ञान में लेते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार ने भी पत्थरबाजों पर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं.
याचिका पर कोर्ट ने दिया था आदेश: हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए जिला कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसके बाद कोर्ट ने सर्वे का आदेश जारी किया था. उसी दिन सर्वे भी हुआ, जिसके बाद सियासी घमासान भी मच गया. बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी.
हिंदू पक्ष ने याचिका में रखे हैं ये साक्ष्य: शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू पक्ष का दावा है कि यह पहले श्री हरिहर मंदिर थी. 1529 में बाबर ने मस्जिद का निर्माण करवाया. बाबर ने ही मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. मस्जिद बनाने के दौरान यहां पर मौजूद हरिहर मंदिर को तोड़ा गया. इसके अलावा बाबरनामा और आइने अकबरी को आधार बनाया गया. साथ ही ASI की करीब 150 साल पुरानी एक किताब को भी साक्ष्य के तौर पर शामिल किया है. हिंदू पक्ष ने शक संवत का हजारों साल पुराना एक नक्शा पेश किया है. कहना है कि यहां पर भविष्य में भगवान कल्कि अवतार लेंगे. हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद में मंदिर की मौजूदगी के बहुत से निशान मौजूद हैं. इसी को लेकर अदालत में याचिका दायर की थी. वादी एवं केला देवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरी कहना है कि उनके पास संभल का शक संवत 987 का हजारों वर्ष पुराना नक्शा मौजूद है. नक्शे में शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर के तौर पर मौजूद है. यही नहीं, हजारों साल प्राचीन नक्शे में संभल, तीर्थराज संभल के नाम से अंकित है. वहीं नक्शे में संभल के 68 तीर्थ और 19 कूप भी दर्शाए गए हैं.
क्या है मस्जिद का इतिहास : पुरातत्व विभाग के अनुसार संभल की शाही जामा मस्जिद लगभग 500 वर्ष पुरानी है. यह इमारत साल 1920 में भारतीय पुरातत्व सर्वे के तहत संरक्षित इमारत घोषित हुई थी. संभल की जामा मस्जिद का उल्लेख बाबरनामा में मिलता है. संभल जामा मस्जिद के एडवोकेट जफर अली के मुताबिक 1529 में मुगल शासक बाबर के आदेश पर मीर बेग ने इस मस्जिद का निर्माण कराया था. जामा मस्जिद समतल भूमि पर बनाई गई है, जिसके प्रमाण उनके पास हैं. उन्होंने हिंदू पक्ष के दावों को बेबुनियाद करार देते हुए दावा किया कि जामा मस्जिद किसी मंदिर को खंडित करके नहीं बनाई गई. जामा मस्जिद लगभग पांच बीघे में बनी है. जुमे की नमाज के दौरान यहां करीब एक हजार लोग आते हैं. संभल सदर की कुल जनसंख्या करीब 6 लाख है. जिसमें 85 फीसदी आबादी मुस्लिम है. जबकि जिले की कुल आबादी करीब 25 लाख है, जिसमें 60 फीसदी आबादी हिंदू है.
सांसद ने जताई चिंता: संभल के सांसद जियाउर्रहमान रहमान बर्क ने हालात पर चिंता जताई है. सांसद ने X पोस्ट पर लिखा है ' मैं सम्भल की आवाम से शांति की अपील करता हूं. हालात को जानकर बहुत दुखी हूं. जो भी जान माल का नुकसान हुआ है, यकीनन उसकी भरपाई नहीं की जा सकती. अभी ये फ़ैसला आख़िरी फ़ैसला नहीं है. उम्मीद करता हूं, इस देश की बड़ी अदालतों से और पार्लियामेंट से जो इंसाफ करेंगी.'
हिंसा पर विपक्ष हमलावर: संभल में हुई इस हिंसा पर विपक्षी दल हमलावर हैं. इस हिंसा के लिए शासन-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सरकार को घेरा है. ऑल इंडिया इत्तेहादुल मजलिस-ए-मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी संभल हिंसा को लेकर सवाल उठाया है. ओवैसी ने X पोस्ट पर लिखा है कि तुझको कितनों का लहू चाहिए ऐ अर्ज़-ए-वतन? जबकि कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज आलम ने संभल हिंसा के लिए प्रदेश सरकार और न्यायपालिका के संविधान विरोधी रवैये को ज़िम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि कि यह ड्रामा घटना पूजा स्थल अधिनियम 1991 को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है. जबकि संभल हिंसा पर आम आदमी पार्टी के सांसद व उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने बयान जारी करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस की निंदा की है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश को "बर्बाद" कर दिया है.
फिरोजाबाद और रामपुर में अलर्ट: संभल में बबाल के बाद फिरोजाबाद रामपुर में पुलिस प्रशासन अलर्ट है. फिरोजाबाद शहर में पुलिस अफसरों की मौजूदगी में जवानों ने पैदल मार्च किया. इसके साथ ही धर्मगुरुओं के साथ बैठक भी की. पुलिस के अफसरों ने चेतावनी भी दी है कि अगर किसी ने माहौल को खराब करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अपर पुलिस अधीक्षक शहर रविशंकर प्रसाद ने रविवार की रात पुलिस ने मिश्रित अवादी वाले इलाके में पैदल मार्च किया. साथ ही मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ बैठक की.