नई दिल्ली: भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा और स्थायी अवर सचिव फिलिप बार्टन ने फॉरेन ऑफिस कंस्लटेशन के 16वें दौर के दौरान रोडमैप 2030 की विस्तृत समीक्षा की. इसके लिए विनय क्वात्रा ने विदेश मंत्रालय के स्थायी अवर सचिव सर फिलिप बार्टन के साथ 16-17 मई तक यूनाइटेड किंगडम की आधिकारिक यात्रा पहुंचे थे.
इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने कहा कि यात्रा के दौरान उन्होंने विदेश राज्य मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद, रक्षा राज्य मंत्री जेम्स कार्टलिज, एनएसए सर टिम बैरो, यूके गृह कार्यालय के स्थायी सचिव मैथ्यू रीक्रॉफ्ट, यूके के मुख्य व्यापार वार्ताकार क्रॉफर्ड फाल्कनर और ब्रिटिश प्रधानमंत्री के वरिष्ठ विदेश नीति सलाहकार प्रोफेसर जॉन ब्यू के साथ भी बैठकें कीं.
द्विपक्षीय सहयोग पर सहमति
इस दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंध और आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. वहीं, विदेश सचिव और स्थायी अवर सचिव ने रोडमैप 2030 की विस्तृत समीक्षा भी की. उन्होंने महत्वाकांक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए अपनी रुचि को रेखांकित किया. उन्होंने व्यापार और आर्थिक, रक्षा और सुरक्षा सहित द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की.
रणनीतिक संबंधों किए मजबूत
गौरतलब है कि भारत और यूनाइटेड किंगडम एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी शेयर करते हैं. दोनों देशों के बीच लगातार उच्च स्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदान और द्विपक्षीय बैठकों के माध्यम से सभी क्षेत्रों में आपसी संबंध मजबूत हुए हैं. भारत और ब्रिटेन हाल के वर्षों में रक्षा सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयासों, व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने रणनीतिक संबंधों को मजबूत कर रहे हैं.
इसके अलावा दोनों देशों के क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में साझा हित हैं, जिससे टेक्नोलॉजी, हेल्थ सर्विस और शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग हो रहा है.इसके अतिरिक्त, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोगों से लोगों के बीच संबंधों ने भारत और यूके के बीच संबंधों को गहरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
यह भी पढ़ें- भारतीय प्रतिभाओं की वैश्विक स्तर पर उच्च मांग: विदेश मंत्री जयशंकर