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विकास को आईना दिखाते पहाड़ के ये गांव, यहां ठहर जाती है जिंदगी! - Peshrar block villages - PESHRAR BLOCK VILLAGES

No development of 74 villages of Pesharar block. विकास के सफर में लोहरदगा जिला का पेशरार प्रखंड आज भी काफी पीछे है. प्रखंड के कई गांवों तक पहुंचने को लेकर नदियों में पुल नहीं है. ग्रामीण अपने आप को ठगा महसूस करते हैं. क्षेत्र के दुर्गम होने के कारण अधिकारी और नेता सुदूर गांव तक पहुंच नहीं पाते हैं. लोगों की परेशानी आज भी कम नहीं हो पाई है.

Villagers upset due to lack of road and bridge in Pesharar block of Lohardaga
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 14, 2024, 10:31 PM IST

लोहरदगा: जिला के सुदूरवर्ती ग्रामीण पहाड़ी इलाकों में अब भी आवागमन की सुविधा काफी मुश्किल है. लोहरदगा जिला के पेशरार प्रखंड के गांवों में लोगों को आवागमन को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ता है. नक्सलवाद ने क्षेत्र को विकास के मामले में काफी पीछे छोड़ दिया है.

पेशरार प्रखंड का गठन वर्ष 2009 में लोहरदगा जिला के सेन्हा और किस्को प्रखंड से अलग कर बनाया गया था. इस प्रखंड में कुल 74 गांव हैं. यहां के लोगों को सालों भर परेशानी का सामना करना पड़ता है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 31 हजार 057 हजार की आबादी वाले इस प्रखंड में कई नदियों में पुल तक नहीं है. आदिवासी बहुल इस इलाके में लोग आज भी विकास से अछूते हैं. हालांकि लोहरदगा के उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत कहते हैं कि पुल निर्माण सहित अन्य योजनाओं को लेकर वह समीक्षा करेंगे. जल्द ही पुल निर्माण को लेकर पहल की जाएगी.

चार साल से नहीं बना पुल

जिला के पेशरार प्रखंड के ओनेगढ़ा नदी में वर्ष 2020 में सवा दो करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था. ऐसे समय में लगा था कि पेशरार प्रखंड के रोरद, तुईमु, हेसाग पंचायत को पेशरार प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने को लेकर अब ग्रामीणों का सपना पूरा हो पाएगा. लेकिन नवंबर 2020 में भाकपा माओवादी नक्सलियों ने योजना स्थल पर धावा बोल कर कई वाहनों को फूंक डाला. इसके अलावा योजना के मुंशी की गोली मार कर हत्या कर दी. इसके बाद योजना बंद पड़ गयी.

इस पुल के बन जाने से ओनेगढ़ा, रोरद, तुईमु, हेसाग, गढ़कसमार, नीचे तुरियाडीह, नवाडीह सहित कई गांव के लोगों को आवागमन में सहयोग मिल पाता. प्रखंड के हेंहें नदी और दुंदरु नदी में पुल नहीं है. इससे हेंहें, चपाल, दुंदरु, हुंदी, सनई समेत गांव के लोगों को आवागमन में परेशानी होती है. हालत ऐसी है कि बरसात के दिनों में जब बारिश होती है तो नदी में बाढ़ आने की स्थिति में गांव टापू बन जाते हैं. विकास का दावा करने वाले नेताओं के लिए पेशरार प्रखंड की स्थिति आईना दिखाने वाली है.

ग्रामीण विकास से निराश

लोहरदगा के क्षेत्र में विकास की स्थिति से ग्रामीण काफी निराश हैं. कहा जाए तो विकास के नाम पर लोहरदगा जिला मुख्यालय से पेशरार प्रखंड मुख्यालय तक ही बेहतर पक्की सड़क नजर आती है. प्रखंड के रोरद पंचायत को जोड़ने वाली सड़क की हालत भी काफी खराब है. प्रखंड मुख्यालय से दुग्गु गांव को जोड़ने वाली सड़क की हालत भी दयनीय है. इसके अलावा ओनेगढ़ा और दूसरे क्षेत्र का विकास भी प्रभावित हो रहा है.

villagers-upset-due-to-lack-of-road-and-bridge-in-pesharar-block-of-lohardaga
एक नजर पेशरार प्रखंड पर (ETV Bharat)

पेशरार प्रखंड के बुलबुल के ग्रामीण संजय उरांव का कहना है कि क्षेत्र में विकास के नाम पर पुल-पुलिया, सड़क का अभाव है. सरकार और नेता ध्यान नहीं देते हैं. दुग्गु गांव की प्रमिला देवी का कहना है कि पुल नहीं रहने से आने-जाने में काफी परेशानी आती है. समय पर एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाता है. कोई ध्यान देने वाला नहीं है. केरार के राजेंद्र उरांव का कहना है कि विकास के नाम पर क्षेत्र में है क्या. ओनगढ़ा नदी पर आज तक पुल नहीं बन पाया है. सड़कों का यही हाल है, वे ठगे गए हैं.

एक नजर पेशरार प्रखंड पर

  • लोहरदगा के पेशरार प्रखंड की आबादी - 31,057
  • अनुसूचित जाति की आबादी - 1,173
  • अनुसूचित जनजाति की आबादी - 25,641
  • हिंदू - 4,685
  • मुस्लिम - 1,776
  • ईसाई - 236
  • शिक्षा का प्रतिशत - 54.25%
  • पंचायत की संख्या - 5
  • गांव की संख्या - 74.

इसे भी पढ़ें- यहां सिर्फ कागजों पर बिजली और पानी मौजूद, असल जिंदगी में बिजली और पानी के लिए तरस रहे लोग - Water Crisis in Latehar

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लोहरदगा: जिला के सुदूरवर्ती ग्रामीण पहाड़ी इलाकों में अब भी आवागमन की सुविधा काफी मुश्किल है. लोहरदगा जिला के पेशरार प्रखंड के गांवों में लोगों को आवागमन को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ता है. नक्सलवाद ने क्षेत्र को विकास के मामले में काफी पीछे छोड़ दिया है.

पेशरार प्रखंड का गठन वर्ष 2009 में लोहरदगा जिला के सेन्हा और किस्को प्रखंड से अलग कर बनाया गया था. इस प्रखंड में कुल 74 गांव हैं. यहां के लोगों को सालों भर परेशानी का सामना करना पड़ता है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 31 हजार 057 हजार की आबादी वाले इस प्रखंड में कई नदियों में पुल तक नहीं है. आदिवासी बहुल इस इलाके में लोग आज भी विकास से अछूते हैं. हालांकि लोहरदगा के उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत कहते हैं कि पुल निर्माण सहित अन्य योजनाओं को लेकर वह समीक्षा करेंगे. जल्द ही पुल निर्माण को लेकर पहल की जाएगी.

चार साल से नहीं बना पुल

जिला के पेशरार प्रखंड के ओनेगढ़ा नदी में वर्ष 2020 में सवा दो करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था. ऐसे समय में लगा था कि पेशरार प्रखंड के रोरद, तुईमु, हेसाग पंचायत को पेशरार प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने को लेकर अब ग्रामीणों का सपना पूरा हो पाएगा. लेकिन नवंबर 2020 में भाकपा माओवादी नक्सलियों ने योजना स्थल पर धावा बोल कर कई वाहनों को फूंक डाला. इसके अलावा योजना के मुंशी की गोली मार कर हत्या कर दी. इसके बाद योजना बंद पड़ गयी.

इस पुल के बन जाने से ओनेगढ़ा, रोरद, तुईमु, हेसाग, गढ़कसमार, नीचे तुरियाडीह, नवाडीह सहित कई गांव के लोगों को आवागमन में सहयोग मिल पाता. प्रखंड के हेंहें नदी और दुंदरु नदी में पुल नहीं है. इससे हेंहें, चपाल, दुंदरु, हुंदी, सनई समेत गांव के लोगों को आवागमन में परेशानी होती है. हालत ऐसी है कि बरसात के दिनों में जब बारिश होती है तो नदी में बाढ़ आने की स्थिति में गांव टापू बन जाते हैं. विकास का दावा करने वाले नेताओं के लिए पेशरार प्रखंड की स्थिति आईना दिखाने वाली है.

ग्रामीण विकास से निराश

लोहरदगा के क्षेत्र में विकास की स्थिति से ग्रामीण काफी निराश हैं. कहा जाए तो विकास के नाम पर लोहरदगा जिला मुख्यालय से पेशरार प्रखंड मुख्यालय तक ही बेहतर पक्की सड़क नजर आती है. प्रखंड के रोरद पंचायत को जोड़ने वाली सड़क की हालत भी काफी खराब है. प्रखंड मुख्यालय से दुग्गु गांव को जोड़ने वाली सड़क की हालत भी दयनीय है. इसके अलावा ओनेगढ़ा और दूसरे क्षेत्र का विकास भी प्रभावित हो रहा है.

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एक नजर पेशरार प्रखंड पर (ETV Bharat)

पेशरार प्रखंड के बुलबुल के ग्रामीण संजय उरांव का कहना है कि क्षेत्र में विकास के नाम पर पुल-पुलिया, सड़क का अभाव है. सरकार और नेता ध्यान नहीं देते हैं. दुग्गु गांव की प्रमिला देवी का कहना है कि पुल नहीं रहने से आने-जाने में काफी परेशानी आती है. समय पर एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाता है. कोई ध्यान देने वाला नहीं है. केरार के राजेंद्र उरांव का कहना है कि विकास के नाम पर क्षेत्र में है क्या. ओनगढ़ा नदी पर आज तक पुल नहीं बन पाया है. सड़कों का यही हाल है, वे ठगे गए हैं.

एक नजर पेशरार प्रखंड पर

  • लोहरदगा के पेशरार प्रखंड की आबादी - 31,057
  • अनुसूचित जाति की आबादी - 1,173
  • अनुसूचित जनजाति की आबादी - 25,641
  • हिंदू - 4,685
  • मुस्लिम - 1,776
  • ईसाई - 236
  • शिक्षा का प्रतिशत - 54.25%
  • पंचायत की संख्या - 5
  • गांव की संख्या - 74.

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