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राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति और पीएम मोदी समेत बड़े नेताओं ने विजय दिवस पर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी - VIJAY DIWAS 2024

देश आज बांग्लादेश युद्ध में पाकिस्तान की हार का जश्न मना रहा है.

President Murmu pays homage to soilders on Vijay Diwas
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

नई दिल्ली: आज के ही दिन 1971 में भारतीय सेना के शौर्य के आगे पाकिस्तानी सेना ने आत्मसर्पण किया था जिससे बांग्लादेश स्वतंत्र हुआ. इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह व अन्य गणमान्यों ने इस युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को विजय दिवस पर सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'विजय दिवस पर मैं हमारे बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने 1971 के युद्ध के दौरान अदम्य साहस का प्रदर्शन किया और भारत के लिए जीत हासिल की. ​​एक कृतज्ञ राष्ट्र हमारे बहादुर दिलों के अंतिम बलिदान को याद करता है जिनकी कहानियां हर भारतीय को प्रेरित करती है और राष्ट्रीय गौरव का स्रोत बनी रहेंगी.'

1971 के मुक्ति संग्राम के लिए विजय दिवस 16 दिसंबर को पूरे देश में मनाया जाता है. ये 13 दिन तक चले युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत की याद में मनाया जाता है. पाकिस्तान द्वारा ढाका में आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के बाद बांग्लादेश आजाद हुआ. पहले इसे पूर्वी पाकिस्तान के रूप में जाना ताजा था.

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक्स पर लिखा, 'विजय दिवस पर हम 1971 के युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं और हमारे सशस्त्र बलों की अद्वितीय वीरता का सम्मान करते हैं.' उनकी वीरता और निस्वार्थ बलिदान, जिसके कारण ऐतिहासिक विजय प्राप्त हुई, हर भारतीय को प्रेरित करती रहेगी. हम राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा के लिए सदैव ऋणी रहेंगे.'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विजय दिवस के अवसर पर वीर सैनिकों को बधाई दी. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'आज विजय दिवस पर हम उन वीर सैनिकों के साहस और बलिदान का सम्मान करते हैं जिन्होंने 1971 में भारत की ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया. उनके निस्वार्थ समर्पण और अटूट संकल्प ने हमारे राष्ट्र की रक्षा की और हमें गौरव दिलाया. यह दिन उनकी असाधारण वीरता और उनकी अडिग भावना को श्रद्धांजलि है. उनका बलिदान हमेशा पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और हमारे देश के इतिहास में गहराई से समाया रहेगा.'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजय दिवस पर युद्ध स्मारक पर भारत के वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की. गृह मंत्री अमित शाह ने भी श्रद्राजलि दी. विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी शहीद हुए वीरों को नमन किया. उन्होंने एक्स पर लिखा,'विजय दिवस के गौरवशाली अवसर पर हमारे सशस्त्र बलों के शौर्य, समर्पण और संकल्प को नमन करता हूं. भारत की संप्रभुता की रक्षा करते हुए बांग्लादेश को अन्याय से मुक्त करवाने वाले, 1971 के युद्ध के सभी वीरों के अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को देश सदा याद रखेगा.'

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को आर्मी हाउस में सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी द्वारा आयोजित 'एट-होम' रिसेप्शन में भाग लिया. इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान भी उपस्थित थे.

रिपोर्टों के अनुसार 1971 के युद्ध के दौरान 3,900 भारतीय सैनिक मारे गए और 9,851 घायल हुए. इस बीच भारत और बांग्लादेश आज संयुक्त रूप से 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के विजय दिवस की 53वीं वर्षगांठ मनाएंगे, जिसमें युद्ध के दिग्गजों और सेवारत अधिकारियों का वार्षिक आदान-प्रदान होगा.

ये भी पढ़ें- कारगिल युद्ध के 25 साल, जानें अब कैसी है सुरक्षा-व्यवस्था

नई दिल्ली: आज के ही दिन 1971 में भारतीय सेना के शौर्य के आगे पाकिस्तानी सेना ने आत्मसर्पण किया था जिससे बांग्लादेश स्वतंत्र हुआ. इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह व अन्य गणमान्यों ने इस युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को विजय दिवस पर सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'विजय दिवस पर मैं हमारे बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने 1971 के युद्ध के दौरान अदम्य साहस का प्रदर्शन किया और भारत के लिए जीत हासिल की. ​​एक कृतज्ञ राष्ट्र हमारे बहादुर दिलों के अंतिम बलिदान को याद करता है जिनकी कहानियां हर भारतीय को प्रेरित करती है और राष्ट्रीय गौरव का स्रोत बनी रहेंगी.'

1971 के मुक्ति संग्राम के लिए विजय दिवस 16 दिसंबर को पूरे देश में मनाया जाता है. ये 13 दिन तक चले युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत की याद में मनाया जाता है. पाकिस्तान द्वारा ढाका में आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के बाद बांग्लादेश आजाद हुआ. पहले इसे पूर्वी पाकिस्तान के रूप में जाना ताजा था.

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक्स पर लिखा, 'विजय दिवस पर हम 1971 के युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं और हमारे सशस्त्र बलों की अद्वितीय वीरता का सम्मान करते हैं.' उनकी वीरता और निस्वार्थ बलिदान, जिसके कारण ऐतिहासिक विजय प्राप्त हुई, हर भारतीय को प्रेरित करती रहेगी. हम राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा के लिए सदैव ऋणी रहेंगे.'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विजय दिवस के अवसर पर वीर सैनिकों को बधाई दी. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'आज विजय दिवस पर हम उन वीर सैनिकों के साहस और बलिदान का सम्मान करते हैं जिन्होंने 1971 में भारत की ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया. उनके निस्वार्थ समर्पण और अटूट संकल्प ने हमारे राष्ट्र की रक्षा की और हमें गौरव दिलाया. यह दिन उनकी असाधारण वीरता और उनकी अडिग भावना को श्रद्धांजलि है. उनका बलिदान हमेशा पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और हमारे देश के इतिहास में गहराई से समाया रहेगा.'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजय दिवस पर युद्ध स्मारक पर भारत के वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की. गृह मंत्री अमित शाह ने भी श्रद्राजलि दी. विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी शहीद हुए वीरों को नमन किया. उन्होंने एक्स पर लिखा,'विजय दिवस के गौरवशाली अवसर पर हमारे सशस्त्र बलों के शौर्य, समर्पण और संकल्प को नमन करता हूं. भारत की संप्रभुता की रक्षा करते हुए बांग्लादेश को अन्याय से मुक्त करवाने वाले, 1971 के युद्ध के सभी वीरों के अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को देश सदा याद रखेगा.'

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को आर्मी हाउस में सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी द्वारा आयोजित 'एट-होम' रिसेप्शन में भाग लिया. इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान भी उपस्थित थे.

रिपोर्टों के अनुसार 1971 के युद्ध के दौरान 3,900 भारतीय सैनिक मारे गए और 9,851 घायल हुए. इस बीच भारत और बांग्लादेश आज संयुक्त रूप से 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के विजय दिवस की 53वीं वर्षगांठ मनाएंगे, जिसमें युद्ध के दिग्गजों और सेवारत अधिकारियों का वार्षिक आदान-प्रदान होगा.

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